UPSC को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। ऐसे में इस परीक्षा की तैयारी करनेवाले छात्रों के लिए इसे पास करना और ऑल इंडिया पहली रैंक हासिल बहुत बड़ी चुनौती होती है। इसके बावजूद भी छात्र UPSC में सफलता पाने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करते हैं और इसके लिए सबकुछ कुर्बान करने के लिए भी तैयार रहते हैं। परिणामस्वरुप उनकी मेहनत रंग लाती है और वे इस परीक्षा में पास हो जाते हैं।
कुछ ऐसी ही कहानी है IAS प्रदीप सिंह मलिक (IAS Pradeep Singh Malik) की, जिन्होंने नौकरी के साथ UPSC के परीक्षा की तैयारी की और अपनी कड़ी मेहनत से पहली रैंक हासिल करके IAS ऑफिसर बने। उनकी कहानी उन सभी को नई प्रेरणा देगी जो अपने जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं।
प्रदीप सिंह के बारें में कुछ बातें…
IAS प्रदीप सिंह मलिक, हरियाणा (Haryana) के सोनीपत (Sonipat) जिले के टिवरी गांव के रहनेवाले हैं और वहीं के सरकारी स्कूल से उन्होंने सातवीं कक्षा तक की पढाई की है। उसके बाद उनकी पूरी फैमिली टिवरी गांव से सोनीपत शिफ्ट हो गई। ऐसे में साल 2008 से सोनीपत के ही शंभू दयाल आधुनिक स्कूल से 12वीं की पूरी की और फिर वहीं के दीनबंधु छोटु राम साइन्स एन्ड टेक्नोलॉज़ी यूनिवर्सिटी से इन्जीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की।
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इन्जीनियरिंग के बाद आयकर टैक्स ऑफिस में मिली नौकरी
इन्जीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने (IAS Pradeep Singh Malik) SSC की परीक्षा की तैयारी करनी शुरु कर दी। इसके लिए उन्होंने कोचिंग भी ज्वाइन किया और लगन के साथ इसकी तैयारी करने लगे। उनकी मेहनत रंग लाई और इस परीक्षा में सफलता हासिल करके आयकर टैक्स ऑफिस में नौकरी मिल गई। इस नौकरी से उन्हें खुशी तो बहुत थी लेकिन वे UPSC की तैयारी करना चाहते थे।
पढ़ाई और ऑफिस वर्क के बीच बनाया संतुलन
प्रदीप सिंह बताते हैं कि, टैक्स विभाग में उनकी पहली पोस्टिंग वसंत कुन्ज में हुई थी लेकिन वे राजेन्द्र नगर में रहते थे। ऐसे में घर से ऑफिस तक का सफर तय करने में उन्हें प्रतिदिन 1 से 2 घन्टे का समय लगता था। लेकिन नौकरी करना उनकी मजबुरी थी इसलिए वे नौकरी नहीं छोड़ सकते थे। ऐसे में उन्होंने अपनी नौकरी और पढाई में बहुत बढ़िया संतुलन बनाकर रखा। रास्ते में वह यूट्यूब की मदद से पढ़ते थे और ऑफिस में लंच के समय पर परीक्षा की तैयारी करते।
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ऑफिस में लंच के समय करते थे पढ़ाई
प्रदीप सिंह मलिक (IAS Pradeep Singh Malik) बताते हैं कि, ऑफिस में लंच से पहले अपना सारा काम खत्म कर लेते थे ताकि उन्हें पढ़ाई करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। इतना ही नहीं काम समय से पहले खत्म हो जाने के बाद वह अपने सीनियर को बता देते थे कि उन्हें पढ़ाई करनी है। इस बात से उनके सीनियर भी उन्हें पढ़ाई करने से रोकते नहीं थे और उनका मनोबल बढ़ाते थे।
चौथे प्रयास में हासिल की सफलता
कड़ी मेहनत करने के बाद भी प्रदीप सिंह को UPSC की परीक्षा में चार बार असफलता हाथ लगी लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत जारी रखें। अन्ततः उनकी मेहनत रंग लाई और वे चौथे प्रयास में UPSC की परीक्षा में ऑल इंडिया प्रथम रैंक हासिल करके IAS बनने के सपने को साकार किया। वे कहते हैं कि परीक्षा पास करने के लिए टाइम मैनेजमेंट बेहद जरुरी होता है।
IAS प्रदीप सिंह मलिक ने UPSC में सफलता हासिल करके साबित कर दिया कि, यदि मनुष्य के अंदर कुछ करने के लिए सच्ची लगन हो तो उसे पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता है। The Logically IAS प्रदीप सिंह मलिक को इस अपार सफलता के लिए ढेर सारी बधाई देता है।