Wednesday, December 13, 2023

Ritika Jindal : पिता को थी कैंसर की बिमारी लेकिन नहीं मानी हार, कठिन परिश्रम से 22 वर्ष की उम्र बनी IAS

ऐसा कहा जाता है कि हर एक सफल व्यक्ति की कहानी बहुत हीं प्रेरणादायी होती है और हर किसी की सफलताओं से हमें कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिलती है। आज हम बात करेंगे एक ऐसी लड़की के बारे में, जिसने अपने पढाई के दौरान काफी परेशानियों का सामना किया तथा आज के समय में वह लक्ष्य को पाने में सफल रही।

तो आइए जानते हैं उस महिला से जुड़ी सभी जानकारियां:-

कौन है वह लड़की?

हम बात कर रहे हैं रितिका जिंदल (IAS Ritika Jindal) की, जो मूल रूप से पंजाब (Panjab) के मोगा की रहने वाली है। उनका जन्म एक साधारण हीं परिवार में हुआ है। 12वीं तक की पढ़ाई अपने जन्मभूमि मोगा से हीं करने के बाद उन्होंने आगे की पढाई के लिए दिल्ली का रुख किया और फिर वहाँ से उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला लिया।

शुरु की यूपीएससी की तैयारी

दिल्ली के श्री राम औफ़ कॉलेज से ग्रेजुएशन तक की पढाई करने वाली रितिका जिंदल (IAS Ritika Jindal) ने यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया। यह उनके बचपन का हीं सपना था, इसके लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत करना शुरु कर दिया। अपने दैनिक जीवन में तमाम तरह के कार्यों के अलावा यूपीएससी की तैयारी करना उनका खास मकसद था।

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अनेकों कठिनाइयों से हुआ सामना

रितिक जिंदल (IAS Ritika Jindal) ने जब ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की इसके बाद उन्होंने जब यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया तो उन्हें तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उनके जिंदगी में सबसे कठिन भरा पल एक बार ऐसा आया कि उनके यूपीएससी के तैयारी के दौरान उनके पिता को कैंसर हो गया। पिता को इस गंभीर बिमारी से पीड़ित होने के बावजूद भी उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी तथा अपना प्रयास जारी रखा। ऐसे तो वे पढाई में काफी तेजतर्रार थी, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपने तमाम परेशानियों को झेलने के बाद अपने पहले प्रयास में असफल रही। इस असफलता के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपना संघर्ष जारी रखा।

दूसरे प्रयास में हुई सफल

अपने पहले प्रयास में असफल रही रीतिका (IAS Ritika Jindal) ने असफलता की प्रवाह किए बिना अपना संघर्ष जारी रखा। उन्होंने मेहनत और संघर्ष के बदौलत अपने दूसरे प्रयास में वर्ष 2018 में 88वीं रैंक लाकर सफलता हासिल की है। अच्छी-खासी रैंक के साथ सफल होने के बाद रितिका जिंदल का आईएएस बनने का सपना साकार हुआ।

लोगों के लिए बनी प्रेरणा

अपने दूसरे प्रयास मे वर्ष 2018 में सफलता की लकीर खींचने वाली रितिका (IAS Ritika Jindal) ने यह कर दिखाया कि अगर सही मायने में प्रयास हो तो एक न एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी। जिस तरह उन्होंने तमाम परेशानियों को झेलने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और अपने सार्थक प्रयास के बदौलत मनचाही सफलता भी हासिल की है। उनकी यह सफलता आम लोगों के लिए प्रेरणा बनी हुई है।