हाल ही में UPSC 2021 का रिजल्ट घोषित हुआ है, जिसमें अनेकों अभ्यर्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और अपनी सफलता का परचम लहराया है।
सफलता के इस मुकाम को हासिल करने वाले छात्रों में अनेकों छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने कई संघर्षों का सामना करते हुए इस सफलता को प्राप्त किया है। उन्हीं में से एक हैं शिवांगी गोयल (Shivangi Goyal), जो ससुराल में घरेलू हिंसा के शिकार हुईं, फिर मायके आकर तैयारी की और आज UPSC की परीक्षा क्लियर कर अपने सपनों का मुकाम हासिल की।
शिवांगी को होना पड़ा घरेलू हिंसा का शिकार
हमारा देश पुरूष प्रधान है, जिसके वजह से यहां महिलाओं को हर कदम पर प्रताड़ित किया जाता है। फिर चाहे वह किसी भी मामले में हो, चाहे दहेज के लिए हो या मंजिल पाने की राह पर आगे बढ़ने के लिए। लड़कियों अपनी मंजिल तक पहूंचने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हापुड़, उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) की रहनेवाली शिवांगी गोयल की कहानी भी कुछ इसी तरह है।
INDIA TODAY से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि, उनका सपना बचपन से ही IAS बनने का था। इस मंजिल तक पहूंचने के लिए उन्होंने दो बार UPSC की परीक्षा दी लेकिन निराशा हाथ लगी। इतना ही नहीं साल 2014 में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचने के बाद भी सफल नहीं हुईं। हालांकि, उनकी शादी हो गई और उन्होंने सोचा कि इस तैयारी को वो जारी रखकर आगे बढ़ेन्गी। लेकिन कहते हैं न हर बार वह नहीं होता जो हम चाहते हैं।
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प्रताड़ना से तंग आकर लिया ससुराल छोड़ने का निर्णय
शिवांगी ने भी सोचा था वैसा हुआ नहीं। बिजनेस परिवार से सम्बंध रखने वाली शिवांगी के लिए शादी उस समय एक सदमा बन गया, जब उन्हें ससुराल में दहेज के लिए प्रताड़ित और मारा-पीटा जाता था। हालांकि, इस जुल्म का सामना सिर्फ शिवांगी को ही नहीं बल्कि उनके जैसी अनेकों लड़कियों को करना पड़ता है। लेकिन कुछ ही लड़कियां इसके खिलाफ कठोर कदम उठा पाती हैं। लेकिन ससुराल वालों द्वारा दिए जा रहे प्रताड़ना से तंग आकर शिवांगी ने ससुराल छोड़ने का फैसला किया जो किसी भी लड़की के लिए बहुत बड़ा होता है। वह अपनी बेटी को साथ लेकर मायके आ गई।
माता-पिता ने आगे बढ़ने के लिए किया प्रोत्साहित
धकियानूसी सोच रखने वाले हमारे इस समाज में लड़कियों को शुरु से ही सिखाया जाता है कि उसके पति का घर ही उसका अपना घर होता है। कई बार तो माता-पिता द्वारा अपनी झूठी सानो-सौकत के लिए प्रताड़ना का शिकार हो रही बेटी को वापस उसके ससुराल भेज दिया जाता हैं। लेकिन शिवांगी के परिवार वाले समझदार थे, वे बेटी के दुख-दर्द को भली-भांति समझते थे। इसलिए उन्होंने अपनी बेटी को उसके ससुराल वापस न जाने के लिए कहकर उसका साथ दिया और आगे बढ़ने के लिए काफी प्रोत्साहित किया।
UPSC में सफलता प्राप्त करके पेश की मिसाल
शिवांगी ने फिर से हौसला जुटाया और UPSC की तैयारी के लिए खड़ी हो उठी। उन्होंने पति से तलाक की अर्जी की और उसका केस लड़ते हुए सिविल सर्विस की तैयारी शुरु कर दी। कहा जाता है यदि मेहनत आदत बन जाए तो कामयाबी मुक्क्दर बन जाती है। शिवांगी की मेहनत रंग लाई, उन्होंने सिविल सर्विस 2021 (UPSC Civil Service Examination 2021) की परीक्षा में 177 वीं रैंक हासिल करके प्रेरणा की नई इबारत लिख दिया। उन्होंने इस मंजिल तक पहुंचने का सारा श्रेय अपने पैरंट्स और 7 वर्ष की बेटी को दिया है।
सफलता हासिल करके महिलाओं को दिया यह संदेश..
आज भी हम अपने सोसाइटी में देखते हैं कि महिलाएं अपने साथ ससुराल में हो रही प्रताड़नाओं को सहन करती है, लेकिन कभी उसपर कठोर निर्णय नहीं ले पाती हैं। ऐसे में शिवांगी (Shivangi Goyal) ने UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल करके उन सभी महिलाओं को सांदेश दिया है कि खुद के साथ कभी गलत नहीं होने देना है और ना ही उससे डरने की जरुरत है। जरुरत है तो बस हिम्मत की, ताकि उन्हें आप दिखा दें कि आपके अंदर भी वो काबिलियत है जिसके दम पर आप अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं।
यदि आप भी मेहनत और लगन से कोई भी काम करती है फिर चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो सफल्ता जरुर मिलेगी। आप IAS भी बन सकती हैं, महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं। शिवांगी गोयल के सफलता से लोगों को सीख लेने की जरुरत है।