Sunday, December 10, 2023

बेटे को पढ़ाने के लिए पिता ने बेच दी अपनी जमीन, बेटा बन गया IPS ऑफिसर

“यदि हौसला बुलंद और इरादे नेक हों, तो मंज़िल को पाने से कोई नहीं रोक सकता”

कई बार लोग अपनी गरीबी का हवाला देकर अपने कदम पीछे खींच लेते हैं, लेकिन जिसके सिर पर कुछ कर गुजरने की धुन सवार होती है, वह संघर्ष से कभी विचलित नहीं होता है। वह हर परिस्थिति का सामना करते हुए आगे बढ़ते जाता है, और अंततः अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता है।

यह बातें सिर्फ सुनने में ही नहीं अच्छी लगती बल्कि ऐसे भी लोग हैं, जो इन बातों को सच साबित करके दिखाते हैं। इस लेख में एक ऐसे युवा के संघर्ष की कहानी जानेंगे, जिसने अपनी मेहनत से सफलता को प्राप्त किया है।

गरीबी को नहीं आने दिया आड़े

पीलीभीत के गांव हरायपुर के रहने वाले नुरूल हसन (Noorul Hasan) महाराष्ट्र कैडर के IPS ऑफिसर हैं। IPS बनने का उनका यह सफर सरल नहीं था, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने अपने सपने को साकार किया है।

Success Story Of IPS Officer Noorul Hasan

नुरूल हसन की शिक्षा

उनकी शुरुआती शिक्षा सरकारी स्कूल से हिंदी माध्यम से पूरी हुई। गुरुनानक हायर सेकेंडरी स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने बरेली स्थित भूषण इंटर कॉलेज से पढ़ाई की। नुरूल के परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण दो वक्त की रोटी भी नसीब होना बहुत मुश्किल था। ऐसे में पढ़ाई करना एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था।

यह भी पढ़ें :- दो साल के बच्चे के साथ फुल टाइम नौकरी की, फिर भी UPSC निकाल बन गई IAS अधिकारी: IAS बुशरा बानो

बेटे की पढ़ाई के लिए पिता ने बेच दी जमीन

जब नुरुल (Noorul Hasan) ने अपनी मैट्रिक की परीक्षा पास की उस समय उनके पिता की नौकरी क्लास फोर कर्मचारी के पद पर लगी। बेटे की पढ़ाई के लिए उन्होंने मलिन बस्ती में किराए पर एक घर लिया। वहां से नुरूल ने 12वीं की शिक्षा पूरी की। नुरूल के बीटेक की पढ़ाई के लिए उनके पिता ने गांव की अपनी जमीन बेच दी। उन पैसों से उन्होंने अपने बेटे को बीटेक कराया और 70 हजार रुपये में एक कमरे का घर खरीदा। हालांकि छठी कक्षा से अंग्रेजी की शिक्षा शुरु होने के कारण उनकी अंग्रेजी थोड़ी कमजोर थी, लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया।

Success Story Of IPS Officer Noorul Hasan

नौकरी करते हुए पाई सफलता

जाकिर हुसैन से बीटेक करने के बाद वे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) पहुंचे। वहां पढ़ाई के दौरान उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का फैसला किया। उस दौरान उनकी पहली नौकरी गुरुग्राम की एक कंपनी में लगी। उसके बाद उन्होंने BARC (Bhabha Atomic Research Centre) में बतौर वैज्ञानिक काम किया। इन सबके बाद भी वे UPSC की तैयारी में जुटे रहे और आखिरकार वर्ष 2015 में उन्होंने UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त किया।

Noorul Hasan की मेहनत और उनकी लगन ने यह साबित कर दिया है कि सफलता किसी की मोहताज नहीं होती है, बल्कि परिश्रम करने वाले लोगों के सिर का ताज होती है। नोरूल को उनके आने वाले भविष्य के लिए बधाई।