आधुनिक युग में हर काम के लिए अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं है। दुकान, मॉल और छोटे स्टॉल पर भी लोग ऑनलाइन पैसे का भुगतान कर रहे हैं। अगर किसी से पूछा जाए कि पेटीएम क्या है, तब अधिकांश लोग इसका जवाब दे देंगे।
हर एक सक्सेस स्टोरी अलग होती है। पेटीएम Paytm) की सक्सेस स्टोरी भी कुछ अनोखी है, आइए जानते हैं।
पेटीएम (Paytm) के संस्थापक को अपने करोबार को खड़ा करने में बहुत मेहनत लगी थी। वह हर रविवार को बाजारों में घूम घूमकर फोर्ब्स, फॉर्च्यून जैसे मैगजींस खरीदा करते थे, मगर आज उनका नाम फोर्ब्स के अरबपतियों की श्रेणी में दर्ज हो चुका है।
पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा
पेटीएम (Paytm) के संस्थापक विजय शेखर शर्मा (Founder of Paytm) यूपी के अलीगढ़ (Aligarh) से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता स्कूल के शिक्षक थे और यही पूरे परिवार की आजीविका थी।
शुरुआती शिक्षा हिंदी मीडियम से हुई
विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) (Founder of Paytm) ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हिंदी मीडियम से सम्पन्न की। आगे की शिक्षा उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ली। उन्होंने यहां से कम्युनिकेशन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स से इंजीनियरिंग की उपाधि ग्रहण की। (Founder of Paytm)
सफलता का श्रीगणेश
अपनी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने साल 1997 में एक वेबसाइट की नींव रखी, जिसका नाम indiasite.net रखा, परन्तु बहुत जल्द उसे बेच भी दिया गया। आगे उन्होंने साल 2000 में एक वेबसाइट शुरू किया, जिसका नाम one97 कम्युनिकेशन रखा। यही Paytm की पैरेंट कम्पनी है। (Founder of Paytm)
पेटीएम की स्थापना
पेटीएम (Paytm) की स्थापना साल 2010 में एक किराये के मकान से हुई। इसकी शुरुआत किस तरह हुई उसके विषय में विजय ने बताया कि जब सभी अपनी शिक्षा पूरी करके आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका जा रहे थे, तब उन्होंने एक कम्पनी का श्रीगणेश किया।
आगे उन्होंने बहुत कुछ सिखा और अमेरिका में स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। अब उन्होंने अपने कार्यों की शुरुआत की और एक टेलीकॉम ऑपरेटर उनका फर्स्ट कस्टमर बना। (Founder of Paytm)
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कैश मिलना था कठिन
उन्होंने बताया कि मैंने जिस कार्य की शुरुआत की उसमें मुझे कैश फ्लो की आने की उम्मीद नहीं थी। बहुत जल्द जो भी बचत राशि थी, वह सारी खत्म हो गई। उसके बाद उन्होंने लगभग 8 लाख रुपये लोन लिया ताकि अपना कार्य जारी रख सके। आगे उनकी मुलाकात एक सज्जन पुरुष से हुई, जिन्होंने कहा कि अगर तुम मेरे हानि वाली कम्पनी को सुधार दो, तो मैं तुम्हारी सहायता करूंगा। विजय ने वह कार्य कर दिखाया और उस कम्पनी के मालिक ने विजय के कम्पनी में अपना निवेश किया और उनका पेटीएम अपने रफ़्तार में आ गया। (Founder of Paytm)
फोर्ब्स अरबपति के लिस्ट में हुए शामिल
वर्ष 2011 में उनको बहुत से अवसर मिले लेकिन उन्होंने स्मार्टफोन पेमेंट को सलेक्ट किया। आज हर जगह पेटीएम (Paytm) द्वारा बिल का भुगतान किया जा रहा है, जिससे इंडिया कैशलेश बन गया। (Founder Of Paytm) वर्ष 2017 में विजय ने अपना नाम फोर्ब्स की अरबपतियों में दर्ज करा लिया। उस वक़्त अमेरिकी डॉलर के हिसाब से उनके पास 2.1 अरब डॉलर था। आज उनका नेटवर्थ 2.3 अरब डॉलर यानी 16,775 करोड़ रुपये है।