Wednesday, December 13, 2023

पेट पालने के लिए बकरियां चराई, हॉकर बने, लालटेन की रौशनी में की पढ़ाई, अब आरएएस अफसर बन करेंगे देश सेवा

जिस व्यक्ति में कामयाब होने का जज्बा होता है, वह हर मुसीबत को पार कर एक दिन जरूर सफल होता है। आज हम एक ऐसे ही व्यक्ति की बात करेंगे, जिसका बचपन ही गरीबी में बिता था, दो वक़्त की रोटी के लिए भेड़-बकरियां तक चरानी पड़ी थी तथा लालटेन और चिमनी की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ी थी। इन सब मुश्किलों से लड़कर साल 2018 में देराज राम दुगेर (Deraj Ram Duger) राजस्थान (Rajasthan) लोक सेवा आयोग अजमेर में आरएएस (RAS) अधिकारी बने हैं। -RAS Deraj Ram Duger from Rajasthan

-success story of RAS Deraj Ram Duger from Rajasthan

अपना सपना पूरा कर बने आरएएस

देराज राम दुगेर राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर से 38 किलोमीटर दूर बायतु इलाके के कानोड़ गांव के रहने वाले हैं। यहां दूर-दूर तक केवल रेत का समंदर है। ऐसे अभाव वाले जगह से निकलकर देराज ने आरएएस तक का सफर तय किया है। देराज बताते हैं कि कभी उन्हें बकरियां चरानी पड़ती थी, तो कभी अखबार के लिए सर्वे करना पड़ता था लेकिन आज वह अपना सपना पूरा कर आरएएस बन गए हैं।-success story of RAS Deraj Ram Duger from Rajasthan

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देराज का परिवार

देराज के पिता का नाम कानोड़ मगाराम (Kanod Magaram) है और मां का केसी देवी (Kesi Devi) है। देराज अपने पांच भाई बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। उनके बड़े भाई जेठाराम संविदाकर्मी हैं। दूसरे भाई जोगाराम घर पर ही रहते हैं। छोटी बहन मूली बीएसटीसी की पढ़ाई कर चुकी है, तो वही छोटा भाई मानाराम बीटेक करके यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। देराज के अनुसार कानोड़ गांव के कुछ ही घरों में बिजली उपलब्ध थी। -RAS Deraj Ram Duger from Rajasthan

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तीसरे प्रयास में मिली सफलता

देराज लालटेन और चिमनी की रोशनी में ही पढ़ा करते थे। कुछ समय बाद वे तीन हजार रुपए की लागत से सोलर लालटेन ले आए। साल 2019 में देराज के घर में बिजली कनेक्शन आया। देराज राम दुगेर (Deraj Ram Duger) को अपने तीसरे प्रयास में आरएएस में सफलता मिली। साल 2013 में वह पहली बार परीक्षा दिए, जिसमें वह इंटरव्यू तक तो पहुंचे लेकिन आगे नहीं बढ़ पाए।-success story of RAS Deraj Ram Duger from Rajasthan

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आरएएस की परीक्षा पास करने से पहले कर चुके हैं तीन परीक्षाएं पास

साल 2016 में देराज दूसरी बार आरएएस के लिए प्रयास किए लेकिन इस बार भी सफलता उनके हाथ ना लगी। साल 2018 में देराज अपने तीसरे प्रयास में 302वीं रैंक प्राप्त किए। आरएएस की परीक्षा पास करने से पहले देराज राम साल 2011 में राजस्थान पटवारी भर्ती परीक्षा पास किए थे। इसके अलावा देराज का चयन साल 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर भी हुआ था, लेकिन उनका लक्ष्य तो आरएएस था और आखिरकर वह सफल होकर अपना सपना पूरा कर लिया। -success story of RAS Deraj Ram Duger from Rajasthan

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