स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश के दुश्मनों से लड़े गए युद्धों में से एक बेहद महत्वपूर्ण युद्ध कारगिल युद्ध है ! 26 जुलाई की तारीख भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है ! यह वही तारीख है जिस दिन वर्ष 1999 में सैंकड़ों सैनिकों के बलिदान के पश्चात् कारगिल युद्ध जीता गया था ! उस दिन से 26 जुलाई को प्रतिवर्ष पूरे भारत में “कारगिल विजय दिवस” मनाया जाता है ! यह दिवस कारगिल युद्ध में शहादत को प्राप्त सभी वीर सैनिकों के सम्मान को समर्पित है !
कारगिल विजय दिवस की 21 वीं वर्षगाँठ मनाते हुए सम्पूर्ण भारतवर्ष आज उन शहीदों को याद कर रहा है जिन्होंने अपनी कुर्बानी से इस दिवस को विजयी बनाया है ! यह उन वीर योद्धाओं को नमन करने का वक्त है जिन्होंने भारत की अस्मिता को बचाए रखने हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया !
कारगिल युद्ध
यह युद्ध 3 मई 1999 को शुरू हुआ जब पाकिस्तान के तरफ से हजारों सैनिक कारगिल की ऊँची पहाड़ियों पर अपना कब्जा जमा लिया था ! इसकी सूचना सर्वप्रथम एक याक पालक ताशी नामग्याल ने दी थी ! जब वह अपने याक को ढूँढने के लिए पहाड़ियों में घूम रहा था तभी उसे वहाँ कुछ संदिग्ध मिले जिसके बाद उन्होंने भारतीय सैनिकों की इसकी सूचना दी ! यह पाकिस्तान के तरफ से भारत को स्पष्ट चुनौती थी ! भारत पाक के इस करतूत को कतई सहने वाला नहीं था सो तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने पाकिस्तानी सैनिकों को सबक सिखाने हेतु “ऑपरेशन विजय” चलाया ! बस क्या था देखते हीं देखते गोलियों , बम के गोलों , वायु सेना के विमानों के साथ भारतीय जाबाँज सैनिकों का पराक्रम पाकिस्तानी सैनिकों पर मानो कहर बनकर टूट पड़ा ! हजारों फीट की ऊँचाई पर लड़ा जाने वाला यह युद्ध लगभग दो महीने तक चला !
भारतीय सैनिकों का पराक्रम
कारगिल युद्ध भारतीय सैनिकों के पराक्रम की पराकाष्ठा है ! जिस जाँबाजी और साहस से दुश्मनों को छक्के छुड़ा दिए! स्थल सेना के साथ-साथ वायु सेना ने भी अपना नमूना पेश किया ! इस युद्ध में भारत के लगभग 527 सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी वहीं 1400 से अधिक सैनिक घायल हुए ! वहीं पाकिस्तान के तरफ से हजारों सैनिक भारत के इस बेहद आक्रामक भरे युद्ध से मारे गए !
कारगिल विजय
भारतीय सेना युद्ध करते हुए पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ते हुए अपने चौकियों पर पुन: कब्जा कर रहे थे ! 2 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने कारगिल को तीनों ओर से घेर लिया और हमला बोल दिया और 4 जुलाई को सेना ने टाइगर हिल पर फिर से कब्जा कर लिया ! इसके बाद सेना ने द्रास सेक्टर पर कब्जा कर पाकिस्तानियों को गहरा आघात पहुँचाया ! 7 जुलाई को सेना ने बटालिक स्थित जुबर हिल पर कब्जा किया और वहाँ मौजूद पाकिस्तानी सैनिक उस जगह को मुक्त करने लगे , और भारत के आगे घुटने टेक दिए ! 14 जुलाई को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने “ऑपरेशन विजय” की जीत की घोषणा की और 26 जुलाई को भारत-पाकिस्तान के बीच चले आ रहे रहे कारगिल युद्ध में शहादत को प्राप्त सभी सैनिकों के सम्मान में प्रतिवर्ष “कारगिल विजय दिवस” मनाने का एलान किया !
इस विशिष्ट तिथि को एक ओर उस युद्ध में शहीद सभी वीर सैनिकों के लिए आँखें नम हैं तो दूसरी ओर उनके शौर्यता , वीरता और समर्पण से देश की जो अस्मिता और स्वतंत्रता बची रही उस पर गर्व भी है ! आज कारगिल विजय दिवस के मौके पर Logically माँ भारती के उन सभी वीर शहीद पुत्रों को कोटि-कोटि नमन करता है !