Sunday, December 10, 2023

पिता चाय बेचते थे, सुदीक्षा स्कॉलरशिप निकाल अमेरिका में पढ़ती थी, कुछ मनचलों के चलते अपने शहर में जान गवा दी: Sudeeksha Bhati

लड़कियों का अपने सपनों को हासिल करने के लिए मेहनत कर उस मुकाम तक पहुुंच पाना इतना आसान नहीं होता। लेकिन आज के समय में लड़कियां अपने सपने पुरा करने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही हैं। जब वह उस सपने को पूरा कर लें तो उनके साथ उनके माता-पिता की भी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता है।  लड़कियों के साथ सड़को, नुक्कड़, चौराहों पर छेड़खानी आम बात हो गई है। लेकिन इस छेड़खानी के कारण किसी लड़की की जान चली जाये यह बहुत शर्मिंदगी वाली बात है। यह कहानी देश की बेटी “सुदीक्षा भाटी” की है जिनकी मौत कुछ लड़कों के छेड़खानी की वजह से हुई है।

सुदीक्षा का परिचय

सुदीक्षा भाटी (Sudeeksha Bhati) का जन्म उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshahar) के गरीब परिवार में हुआ था। गरीब परिवार से होने के बावजूद इन्होंने बहुत सपने संजोये थे और उनमें से कुछ अपनी काबिलियत और संघर्ष से पूरा भी कर चुकी थी। लेकिन दुर्भाग्यवश सड़क पर कुछ लड़कों के छेड़खानी की वजह से उनकी जान चली गई और सपनों ने वहीं आंखें मूंद ली।

पिता चाय बेंच कर घर खर्च चलाते हैं

सुदीक्षा ने आर्थिक तंगी से संघर्ष कर अपने मुकाम को  हासिल किया वो काबिल-ए-तारीफ है। इनके पिता चाय बेचकर अपने परिवार का खर्चा चलाते हैं। जब इन्हे पता चला कि उनकी बेटी पढ़ना चाहती है और आगे बढ़ना चाहती है, तो उन्होंने दिन रात मेहनत कर बेटी को पढ़ाने के लिए पैसे इकट्ठे किए। साथ ही सुदीक्षा ने भी अपनी पढ़ाई के लिए जी-तोड़ मेहनत की और अपने सपने को पूरा करने में लग गई और कुछ सपनों को पूरा भी किया।

सुदीक्षा को स्कॉलरशिप के तौर पर 3 करोड़ 80 लाख रुपए मिले

सुदीक्षा भाटी ने 2018 में 12वीं में 98% अंक लाकर पूरे जिले में टॉप किया था। आर्थिक स्थिति और अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने जो अंक लाये थे उनके लिए सुदीक्षा को  HCL की तरफ से 3 करोड़ 80 लाख रुपये स्कॉलरशिप के रूप में दिये गये । ताकि वह आगे पढ़ कर देश का नाम रौशन करें। आगे पढ़ाई के लिए सुदीक्षा ने अमेरिका के “बॉब्सन कॉलेज” में अपना दाखिला करा लिया और वहां पढ़ाई करने लगी।

कोरोना संक्रमण के कारण आना पड़ा वापस

स्कॉलरशिप मिलने के बाद सुदीक्षा अमेरिका में पढ़ाई करने के लिए जाना चाहती थी लेकिन उनके घर वालों को यह बात मंजूर नहीं थी। सुदीक्षा ने अपने परिवार वालों को बहुत समझाया और उन्होंने बताया कि यह मौका मेरे लिए बहुत खास है और मैं इसे गवाना नहीं चाहती हूं। मुझे अपने सपनों को पूरा करना है और परिवार की तकलीफ भी दूर करनी है। इसलिए मैं अमेरिका जाकर पढ़ाई करूंगी। जैसा कि हम सब जानते है, अमेरिका में कोरोना का संक्रमण ज़्यादा बढ़ गया है, जिससे सुदीक्षा को अपने घर वापस आना पड़ा।

सुदीक्षा की छेड़खानी के कारण सड़क हादसे में हुई मौत

अपने देश आकर वह अपने मामा के पास रुकी थी। जब वह अपने चाचा के साथ घर लौट रहीं थी तो वह बाईक पर पीछे बैठी थी। घर आने के दौरान रास्ते में कुछ मनचलों ने सुदीक्षा के साथ छेड़खानी करनी शुरू की। वह लड़के अपने बाईक को उनके बाईक से टकराने लगे। जिस कारण गाड़ी का बैलेंस बिगड़ गया और सुदीक्षा की जान चली गई। सुदीक्षा 20 अगस्त को अमेरिका पढ़ाई के लिए वापस जाने वाली थी। लेकिन दुर्भाग्य से उनकी ज़िंदगी और सपने यहीं खत्म हो गये। The Logically सुदीक्षा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।