किसान की महत्ता इसी से समझा जा सकता है कि हमारे सभी खाद्य पदार्थ उनकी अथक मेहनत से हीं उपलब्ध हो पाता है। किसान को अन्नदाता कहा गया है। भगवान ने हर किसी को अपनी जरूरतों को पूरा करने योग्य सामग्रियां दी हैं। लेकिन जो अपनी जरूरतों में से कुछ बचाकर अन्य लोगों की मदद कर देते हैं तो वह सभी के दिलो में अपना एक अलग स्थान प्राप्त कर लेते हैं। यह कहानी एक ऐसे ढाबे की है जो अपने पराठे के लिए प्रसिद्ध है। वहां पर किसानों को निःशुल्क खाना खिलाया जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
सुखदेव ढाबा
किसानों का मनोबल सुखदेव ढाबा बढ़ा रहा है उन्हें निःशुल्क खाना खिलाकर। यह ढाबा अपने पराठे के लिए बहुत हीं ज्यादा प्रसिद्ध है। उन्होंने सिर्फ 100 या 200 किसानों को नहीं बल्कि 2000 से भी अधिक किसानों को खाना खिलाया है। कृषि बिल के विरोध हमारे किसानों ने आवाज उठाई है और वह अभी खत्म नहीं हुई है। बहुत सारे किसान अपना घर छोड़ रास्ते पर खाना बना रहे हैं जिसके कारण हाइवे पर अधिक भीड़ लग जाने से गाड़ियो की कतार लगी है।
मालिक ने कहा किसान अन्नदाता हैं हमारे
Aaj Tak रिपोर्ट के मुताबिक सुखदेव ढाबा उन्हें मुफ्त में खाना खिला रहे हैं। उन्होंने हमारे देश के किसानों के लिए जो कार्य किया वह सच में प्रशंसनीय है। वहां के मालिक इस बात से बेहद खुश होंगे कि वो इनकी मदद कर रहे हैं। इस ढ़ाबे के मालिक ने कहा कि “किसान सबसे बड़ा अन्नदाता” है।
Khalsa Aid
कुछ हीं दिनों पहले यह तस्वीरें सामने आईं कि किस तरह एक किसान खाना वितरित करता है और अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे पाने के लिए कतारें लगाई हैं। अगले तस्वीर में यह भी दिखा कि किस तरह ट्रक के पानी को पीते हुए किसान खड़े हैं। khalsha Aid नामक एक संगठन भी किसानों की मदद भोजन कराकर कर रहा है। इसके स्वंयसेवक इन किसानों को पंजाब, हरियाणा और दिल्ली तक निःशुल्क लंगर की व्यवस्था किए हैं।
आंदोलन खत्म करने की किए हैं अपील
कृषि मंत्री “नरेंद्र सिंह तोमर” ने यह अपील किया है कि किसान इस आंदोलन को समाप्त करें। उन्होंने कहा कि आप इस बात को जरूर देखें कि किस तरह कोरोना बढ़ रहा और ठंड भी तो कृपया इसे खत्म किया जाए। अब हमारे किसानों को दिल्ली में आने का आदेश मिल चुका है।
निःस्वार्थ भाव से किसानों को मुफ्त खाना खिलाने के लिए The Logically सुखदेव ढाबा के मालिक और उनके सभी सदस्यों को सलाम करता है।