जैविक खेती का प्रचलन लोगों मे अधिक बढ़ता जा रहा है। किसान जैविक खेती के अधिक उत्पादन हासिल कर स्वयं को स्वस्थ्य रखने के साथ पूरे देश को भी स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। क्योंकि अगर वे जैविक खेती नहीं करेंगे तो हमें कैमिकल युक्त उगाए उत्पादों का सेवन करना पड़ेगा जो हमारे स्वास्थ्य को खतरा पँहुचाएगा।
आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे शख्स की है जो सेना से रिटायर होने के बाद जैविक खेती प्रारंभ किए और वह जैविक खेती की पाठशाला भी चला रहे हैं। उनके द्वारा उगाए गए जैविक उत्पाद देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जाते हैं। तो आईए जानते हैं उनके बारे में…..
खेती के लिए करते हैं नैनो तकनीक का उपयोग
सुनील कुमार (Sunil Kumar) जो कि मेरठ (Meerut) के भमौरी से ताल्लुक रखते हैं। आज उनकी पहचान जैविक किसान के तौर पर होती है। उनके गांव में 20 बीघा भूमि है और वह ऑर्गेनिक फार्म पर एक हवन कुंड बना हुआ है। वह जानकारी देते हैं कि जिस तरह हम अगर एक मिर्च को खाएं तो वो सिर्फ हमें भी खाने को मिलेगा, ठीक उसी प्रकार अगर मैं यज्ञ में एक मिर्च का उपयोग करूँ तो सिर्फ एक आदमी को ही मिलेगा सभी गांव को नहीं। उनका यह यज्ञ नैनो तकनीक है जिसके द्वारा वह अपने फसल का संरक्षण एवं पोषण करते हैं। वह बताते हैं कि हमारे ऋषिमुनि इसी पद्धति को अपनामकर फसल उत्पादन करते थे। -Sunil Kumar of Meerut is doing organic farming after retiring from the army and is giving training to farmers
जैविक गुड़ का डिमांड अधिक
जानकारी के अनुसार सुनील लगभग 2 वर्षों से जैविक खेती से जुड़े हुए हैं। वह जैविक गन्ने से चीनी एवं गुड़ का निर्माण करते हैं। उनसे गुड़ खरीदने के लिए बहुत दूर के लोग उनके तक पास आते हैं। लोग ऑर्डर बुक करने के लिए फोन का उपयोग करते हैं फिर भी उनकी डिमांड पूरी नहीं कर पाते क्योंकि उनके गुड़ बहुत ज्यादा बिकते हैं। अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर उनके जैविक गुड़ में क्या खासियत होगी जिस कारण इसका डिमांड अधिक है। -Sunil Kumar of Meerut is doing organic farming after retiring from the army and is giving training to farmers
यह भी पढ़ें :- पुष्पा झा: बिहार की वह महिला जो 20,000 से भी अधिक लोगों को मशरूम उगाने की ट्रेनिंग दे चुकी हैं
जैविक गुड़ की कीमत 70 रुपए प्रति किलोग्राम है
वह बताते हैं कि अगर आप मार्केट से साधारण गुड़ खरीदते हैं तो इसकी कीमत मात्र 30-35 रुपए प्रति किलोग्राम होता है। परंतु मैं अपने जैविक गुड़ 70 प्रति किलोग्राम बेचता हूं क्योंकि इसकी खासियत यह है कि ये केमीकल युक्त नहीं है। -Sunil Kumar of Meerut is doing organic farming after retiring from the army and is giving training to farmers
विदेशों में भी जाते हैं उनके गुड़
सुनील यह जानकारी देते हैं कि उनके एनआरआई विदेशों में भी रहते हैं वह जब अपने देश आते हैं तो उनके जैविक गुण वहां पर ले जाते हैं। उनके गुड़ मुंबई, अमेरिका, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, स्विट्जरलैंड, अमेरिका एवं ऑस्ट्रेलिया में भी जाता है। उनके दैवी गुड़ खाकर सभी प्रसन्न होते हैं और वह बताते हैं कि मुझे यह बहुत अच्छा लगता है और मुझे प्रसन्नता मिलती है। -Sunil Kumar of Meerut is doing organic farming after retiring from the army and is giving training to farmers
10 लाख होता है मुनाफा
वह बताते हैं कि मेरे पास 20 बीघा जमीन है और यहां मैंने हरी सब्जियों के साथ गन्ना भी उगाया है। मेरी फसल पूरी तरह जैविक उर्वरक से तैयार होते हैं। वह अपने फसल के उत्पादन में धन जीवा, यज्ञ सुगंध, भस्म, जीवामृत, देसी गाय का गोमूत्र एवं कृषि अपशिष्ट का उपयोग करते हैं। उनकी खेती में कोई ज्यादा लागत नहीं लगती और वह अपने खेत से प्रत्येक वर्ष 1000000 कमा लेते हैं। -Sunil Kumar of Meerut is doing organic farming after retiring from the army and is giving training to farmers
यह भी पढ़ें :- बैंक की नौकरी छोड़कर शुरू की अमरूद की जैविक खेती, आज सैलरी से चार गुना अधिक पैसे कमा रहे हैं
ऋषिमुनि अपनाते थे ये तकनीक
वह बताते हैं कि प्राचीन काल में हमारे ऋषिमुनि इसी पद्धति द्वारा खेती किया करते थे। परंतु आज बहुत कम लोग इस पद्धति को अपना रहे हैं। आजकल के किसान केमिकल युक्त और उर्वरक का उपयोग करते हैं जिसका हमारे सेहत पर घातक प्रभाव पड़ता है। परंतु अगर आप हमारी तरह खेती करें तो आप अधिक फसल उत्पादन के साथ स्वस्थ रख सकते हैं। -Sunil Kumar of Meerut is doing organic farming after retiring from the army and is giving training to farmers
हर हफ्ते लगाते हैं कृषि पाठशाला
सुनील प्रत्येक सप्ताह किसानों के लिए पाठशाला लगाते हैं उनके पाठशाला में किसान दर्जनों की संख्या में शामिल होते हैं और जैविक खेती के गुण सीखते हैं। किसानों को यह समझाते हैं कि इसी पद्धति को अपनाकर खेती करें ताकि स्वस्थ रहें। वह उन्हें प्रेरित कर यह समझाते हैं कि उन्हें स्वयं का ध्यान रखना और अपनों का ध्यान रखना भी आवश्यक है। -Sunil Kumar of Meerut is doing organic farming after retiring from the army and is giving training to farmers
देश सेवा के साथ कर रहें है लोगों का हेल्थ केयर
सुनील पहले आर्मी में थे और अब रिटायर्ड हो चुके हैं। वह अपने सेहत का ध्यान आज भी फौजी की तरह रखते हैं और चाहते हैं कि सभी स्वस्थ रहें। जब वह रिटार्यड होकर घर आए तब उन्होंने तय किया कि वो जैविक खेती करेंगे और आज वे इसमें सफलता हासिल कर चुके हैं। आज उनके जैविक उत्पाद में गुड़, शक्कर, घी, मेथी, जैम एवं हरी सब्जियां शामिल है।-Sunil Kumar of Meerut is doing organic farming after retiring from the army and is giving training to farmers