आज हमारे बीच प्रदूषण इतना फैल चुका है कि दिन-प्रतिदिन लोगों के सामने कई समस्याएं सामने आ रही हैं। हालांकि पर्यावरण को प्रदूषित करने में प्लास्टिक का मत्वपूर्ण रोल है। इससे हमें हर कार्य को करने में आसानी तो मिलती है साथ ही हम इसे बहुत ही कम कीमत में खरीद लेते हैं, जिस कारण अन्य कन्टेनर के मुकाबले इसका उपयोग ज्यादा है और इन सबके कारण पर्यावरण प्रदूषित भी हो रहा है।
हालांकि आज हमारे यहां भारत सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाया गया है और जगह-जगह प्लास्टिक यूज ना करने के लिए मुहिम भी चलाया जा रहा है। हमारे यहां आपको ऐसे बहुत लोग मिलेंगे जो पर्यावरण के संरक्षण हेतु लोगों को जागरूक कर रहें हैं और उन्हें प्लास्टिक का उपयोग ना करने के विषय में जानकारी दे रहें हैं।
उन्हीं लोगों में से एक हैं छतीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाली बैरागी परिवार के सदस्य। वह “बर्तन बैंक” द्वारा लोगों को जागरूक कर रहें हैं कि आप किस तरह पर्यावरण के संरक्षण में अपना योगदान दें। अगर आप भी ये जानना चाहते हैं कि ये “बर्तन बैंक” क्या है तो हमारे साथ जुड़े रहें और इसके विषय में विस्तृत जानकारी लें???
सुरेंद्र बैरागी (Surendra Bairagi)
सुरेंद्र बैरागी (Surendra Bairagi) छत्तीसगढ़ (Chhtisgarah) से ताल्लुक रखते हैं और वह एक लोहे की फैक्ट्री में जॉब करते हैं। वह बताते हैं कि हमने प्लास्टिक का उपयोग ना करने की मुहिम अपने घर से ही शुरु की। हमारे पास जो भी प्लास्टिक के बैग थे उन सब को हमने हटा दिया और इसके जगह पर कपड़े से बने थैले का उपयोग किया। फिर मैं और मेरी पत्नी दोनों मिलकर अपने आस-पड़ोस वालों को प्लास्टिक उपयोग न करने के बजाय कपड़े के थैले का उपयोग करने के बारे में जागरूक किया।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में उनकी पत्नी ने अपने घर पर कपड़े के बैग का निर्माण किया और वह लोगों के बीच में इसे वितरित करने लगी। साथ ही उन्होंने इसके लिए मार्केट का भी दौरा किया ताकि लोग प्लास्टिक का उपयोग ना करें और कपड़े के थैले का उपयोग करें।
कोरोना काल के दौरान किया मास्क बनाकर लोगों की मदद
यह सिलसिला लंबे अरसे तक चलता रहा फिर जब कोरोना वायरस ने अपना कहर बरसाना शुरू किया तो यहां बदलाव हुआ। इस दौरान भी उन्होंने लोगों के लिए मास्क बनाए और लोगों के घर तक पहुंचाया और लोगों को जागरुक भी रखा कि वे प्लास्टिक का उपयोग कम करें ताकि कचरा ना फैले।
Chhattisgarh: Members of Bairagi family from Raipur, distribute home-made, eco-friendly, re-usable bags, free of cost to make the city single-use plastic free. Surendra Bairagi says,”My wife makes these bags using old clothes, we have distributed hundreds of these bags to people” pic.twitter.com/8PMeKwVghy
— ANI (@ANI) September 5, 2019
शुरू किया बर्तन बैंक का काम
आज वह प्लास्टिक फ्री जीवनयापन के लिए “बर्तन बैंक” का निर्माण किये हुए हैं। उन्होंने यह बर्तन बैंक इसलिए निर्माण किया है ताकि शादी या किसी भी कार्यक्रम के दौरान लोग प्लास्टिक के बोतल, पत्तल या डिस्पोजल का उपयोग ना करके बर्तनों का उपयोग करें। इसके लिए वह फ्री में बर्तन लोगों के घर तक पहुंचाते हैं। उनका यह मानना है कि अगर हम ऐसा करेंगे तो लोग प्लास्टिक तथा डिस्पोजल का उपयोग करना बंद कर देंगे जिससे हमारे पर्यावरण का संरक्षण होगा।
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आज पूरा बैरागी परिवार मिलकर पर्यावरण के संरक्षण में अपना कदम आगे बढ़ा रहा है और अपने आसपास के लोगों को जागरुक कर रहा है। उनके इस कदम का फल भी देखने को मिल रहा है अगर आप उनके आसपास जाए तो आपको प्लास्टिक का उपयोग कम देखने को मिलेगा। क्योंकि यहां लोग कपड़े के थैले का उपयोग करते हैं साथ ही अगर किसी को बर्तन की आवश्यकता हो तो वह उनसे संपर्क करते हैं ताकि वह प्लास्टिक का उपयोग ना करें।