भारतीय फिल्मों का एक ऐसा सितारा जिसने खुद के दम पर संघर्ष करते हुए बॉलीवुड में अपनी सफलता का परचम लहराया। अपने अभिनय कौशल से बेहद कम समय में सफलता की ऊँची उड़ान भरने वाले सुशांत सिंह राजपूत एक बेहतरीन इंसान भी थे। बेहतरीन अभिनेता के तौर पर स्थापित हो चुके सुशांत हमेशा जरूरतमन्दों के लिए तत्पर रहते थे। आज वे इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी मौत के लगभग तीन महीने होने को है लेकिन वे आज भी लोगों के बीच बेहद प्रासंगिक हैं । आईए जानते हैं संघर्षों की राह पर चलकर सफलता की इबारत लिखने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के फिल्मी सफर के बारे में….
सुशांत सिंह राजपूत को अपने कॉलेज की पढाई के दौरान डांस के प्रति लगाव बढा जिसके बाद उन्होंने डांस सीखने का निर्णय लिया। सुशांत सिंह के डांस सीखने के फैसले को लेकर उनके घरवाले असहमत थे फिर भी सुशांत ने हार नहीं मानी और डांस सीखने के लिए एक डांस क्लास ज्वाइन कर लिया। वहाँ सुशांत की कठिन मेहनत और डांस से मशहूर कोरियोग्राफर श्यामक डावर बेहद हीं प्रभावित हुए। कुछ दिनों बाद सुशांत ने थियेटर में भी काम करना शुरू कर दिया। वे नादिरा बब्बर के थियेटर ग्रूप ‘एकजुट’ में शामिल हो गए। अभिनय कला के साथ-साथ एक्शन सीखने के लिए उन्होंने एक्शन डायरेक्टर अल्लन अमीन से मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण भी लिया !
सुशांत सिंह डांस , अभिनय और एक्शन का प्रशिक्षण लेने के बाद वे अभिनय करने के लिए खुद को तैयार कर लिया था। उनकी अभिनय की शुरूआत छोटे पर्दे से हुई जब एकता कपूर ने सुशांत को 2007 में अपनी नई धारावाहिक “किस देश में है मेरा दिल” के एक्टिंग ऑडिशन के लिए बुलाया। सुशांत ने उस ऑडिशन में अपने अभिनय से उन्हें प्रभावित किया जिसके बाद उन्हें उस धारावाहिक के लिए चुन लिया गया। इसके बाद “पवित्र रिश्ता” नाम की धारावाहिक में मानव का किरदार निभाकर वे दर्शकों में अपनी पहचान बनाई। नित सफलता की सीढियाँ चढ रहे सुशांत डांस रियलिटी शो ‘जरा नच के दिखा’ और ‘झलक दिखला जा’ में भी नजर आए।
सुशांत सिंह राजपूत कई धारावाहिक में अपने गहरे अभिनय से एक छाप छोड़ चुके थे लेकिन फिल्मी बैकग्राउंड नहीं होने और फिल्म इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर नहीं होने का कारण इन्हें फिल्म मिलने में कठिनाई हुई। सुशांत ने फिर भी हार नहीं मानी और फिल्मों के लिए प्रयासरत रहे। 2012 में उन्हें फिल्म “काय पो छे” के लिए राजकुमार राव और अमित साध के साथ अभिनेता के रूप में चुना गया। अपनी पहली फिल्म में हीं उन्होंने साबित कर दिया कि वे अभिनय जगत के शिखर तक जाने का माद्दा रखते हैं। उसके बाद 2013 में सुशांत की एक फिल्म आई ‘शुद्ध देशी रोमांस’। इस फिल्म में अपने अभिनय और लोगों के द्वारा इस फिल्म को खूब पसन्द करने से वे चोटी के अभिनेताओं में शुमार किए जाने लगे। इसके बाद 2014 में अमिर खान की सुपरहिट फिल्म ‘पीके’ में सहायक अभिनेता का रोल किया। 2016 में सुशांत ने भारत के सबसे सफल क्रिकेट कप्तान कहे जाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी की बायोपिक “एम एस धोनी: द अन्टोल्ड स्टोरी” फिल्म की। अपने बेहतरीन अभिनय क्षमता से उन्होंने इस फिल्म को सुपरहिट बना दिया। लोगों ने उनके अभिनय को खूब सराहा। उनके बेहतरीन अभिनय से और उनकी फिल्म दर फिल्म सुपरहिट होने से वे सिनेमाई दर्शकों के बीच खासे लोकप्रिय हो गए। उन्होंने 2017 में ‘राब्ता’ और 2018 में ‘केदारनाथ’ फिल्में की। 2019 में उनकी फिल्म आई ‘सोनचिरैया’। इन फिल्मों के बाद सुशांत की एक और ब्लॉगबस्टर फिल्म आई “छिछोरे” ! इस फिल्म ने दर्शकों को खूब मनोरंजन किया। यह फिल्म सुशांत के अब तक के फिल्मों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुई। उनकी अंतिम फिल्म ‘दिल बेचारा’ थी जो उनके मरणोपरांत रिलीज हुई।
छोटे से फिल्मी कैरियर में एक से बढकर एक फिल्म देने वाले सुशांत सिंह राजपूत ने अपने अभिनय से वह मुकाम हासिल कर लिया था जो अन्य लोगों के लिए बेहद मुश्किल है। उनके द्वारा छोटे पर्दे से निकलकर फिल्मों में एक बृहद मुकाम हासिल करना छोटे पर्दे वाले कई कलाकारों के लिए एक प्रेरणा है। फिल्मों में उनके बढते कद को देखकर यह सहजीय कल्पना की जा सकती है कि अगर वे आगे अपने फिल्मी सफर में होते तो फिल्मों में कितने बड़े ओहदे पर होते।
बेहतरीन अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
सुशांत सिंह राजपूत को अपने कॉलेज की पढाई के दौरान डांस के प्रति लगाव बढा जिसके बाद उन्होंने डांस सीखने का निर्णय लिया। सुशांत सिंह के डांस सीखने के फैसले को लेकर उनके घरवाले असहमत थे फिर भी सुशांत ने हार नहीं मानी और डांस सीखने के लिए एक डांस क्लास ज्वाइन कर लिया। वहाँ सुशांत की कठिन मेहनत और डांस से मशहूर कोरियोग्राफर श्यामक डावर बेहद हीं प्रभावित हुए। कुछ दिनों बाद सुशांत ने थियेटर में भी काम करना शुरू कर दिया। वे नादिरा बब्बर के थियेटर ग्रूप ‘एकजुट’ में शामिल हो गए। अभिनय कला के साथ-साथ एक्शन सीखने के लिए उन्होंने एक्शन डायरेक्टर अल्लन अमीन से मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण भी लिया !
सुशांत सिंह डांस , अभिनय और एक्शन का प्रशिक्षण लेने के बाद वे अभिनय करने के लिए खुद को तैयार कर लिया था। उनकी अभिनय की शुरूआत छोटे पर्दे से हुई जब एकता कपूर ने सुशांत को 2007 में अपनी नई धारावाहिक “किस देश में है मेरा दिल” के एक्टिंग ऑडिशन के लिए बुलाया। सुशांत ने उस ऑडिशन में अपने अभिनय से उन्हें प्रभावित किया जिसके बाद उन्हें उस धारावाहिक के लिए चुन लिया गया। इसके बाद “पवित्र रिश्ता” नाम की धारावाहिक में मानव का किरदार निभाकर वे दर्शकों में अपनी पहचान बनाई। नित सफलता की सीढियाँ चढ रहे सुशांत डांस रियलिटी शो ‘जरा नच के दिखा’ और ‘झलक दिखला जा’ में भी नजर आए।
सुशांत सिंह राजपूत कई धारावाहिक में अपने गहरे अभिनय से एक छाप छोड़ चुके थे लेकिन फिल्मी बैकग्राउंड नहीं होने और फिल्म इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर नहीं होने का कारण इन्हें फिल्म मिलने में कठिनाई हुई। सुशांत ने फिर भी हार नहीं मानी और फिल्मों के लिए प्रयासरत रहे। 2012 में उन्हें फिल्म “काय पो छे” के लिए राजकुमार राव और अमित साध के साथ अभिनेता के रूप में चुना गया। अपनी पहली फिल्म में हीं उन्होंने साबित कर दिया कि वे अभिनय जगत के शिखर तक जाने का माद्दा रखते हैं। उसके बाद 2013 में सुशांत की एक फिल्म आई ‘शुद्ध देशी रोमांस’। इस फिल्म में अपने अभिनय और लोगों के द्वारा इस फिल्म को खूब पसन्द करने से वे चोटी के अभिनेताओं में शुमार किए जाने लगे। इसके बाद 2014 में अमिर खान की सुपरहिट फिल्म ‘पीके’ में सहायक अभिनेता का रोल किया। 2016 में सुशांत ने भारत के सबसे सफल क्रिकेट कप्तान कहे जाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी की बायोपिक “एम एस धोनी: द अन्टोल्ड स्टोरी” फिल्म की। अपने बेहतरीन अभिनय क्षमता से उन्होंने इस फिल्म को सुपरहिट बना दिया। लोगों ने उनके अभिनय को खूब सराहा। उनके बेहतरीन अभिनय से और उनकी फिल्म दर फिल्म सुपरहिट होने से वे सिनेमाई दर्शकों के बीच खासे लोकप्रिय हो गए। उन्होंने 2017 में ‘राब्ता’ और 2018 में ‘केदारनाथ’ फिल्में की। 2019 में उनकी फिल्म आई ‘सोनचिरैया’। इन फिल्मों के बाद सुशांत की एक और ब्लॉगबस्टर फिल्म आई “छिछोरे” ! इस फिल्म ने दर्शकों को खूब मनोरंजन किया। यह फिल्म सुशांत के अब तक के फिल्मों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुई। उनकी अंतिम फिल्म ‘दिल बेचारा’ थी जो उनके मरणोपरांत रिलीज हुई।
छोटे से फिल्मी कैरियर में एक से बढकर एक फिल्म देने वाले सुशांत सिंह राजपूत ने अपने अभिनय से वह मुकाम हासिल कर लिया था जो अन्य लोगों के लिए बेहद मुश्किल है। उनके द्वारा छोटे पर्दे से निकलकर फिल्मों में एक बृहद मुकाम हासिल करना छोटे पर्दे वाले कई कलाकारों के लिए एक प्रेरणा है। फिल्मों में उनके बढते कद को देखकर यह सहजीय कल्पना की जा सकती है कि अगर वे आगे अपने फिल्मी सफर में होते तो फिल्मों में कितने बड़े ओहदे पर होते।