कहते हैं जिंदगी हमें हमेशा कुछ-ना-कुछ सीखा ही देती है। कुछ लोग इसे सबक मानकर खुद को इस काबिल तैयार कर लेते हैं कि लोग उन्हें अपना रोल मॉडल मानने लगते हैं तो कुछ लोग अपने भाग्य का रोना रोते हैं और हताश होकर बैठ जाते हैं।
आज हम आपको एक ऐसी लड़की के विषय में बताएंगे जिनकी ज़िंदगी ने उन्हें हमेशा तकलीफ ही दिया। 30 वर्ष की उम्र तक उनका 50 सर्जरी हो चुका था परंतु उन्होंने ज़िंदगी में हार नहीं मानी। आज वही लड़की एक बिजनेस वुमेन बनकर अन्य महिलाओं का मनोबल बढ़ा रही हैं।
वह महिला हैं सुरश्री रहाणे (Surashree Rahane) जिनका जन्म होते ही समझिए कि परेशानी का जन्म हुआ हो। वह मात्र अभी 15 दिन की हुई थी तब से उनके सर्जरी का सफर प्रारंभ हो गया। उन्हें अपनी जिंदगी में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा जो बेहद पीड़ादायक था। -Success story of Surashree Rahane
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सुरश्री रहाणे का परिचय
दरअसल सुरश्री रहाणे का जब जन्म हुआ तो उनके दोनों पैर एक जैसे नहीं थे। जिस कारण उन्हें चलने में परेशानियां होती इसलिए उनके परिवार वालों ने यह सोचा कि इस परेशानी को वह हमेशा के लिए खत्म कर दें। जिसके लिए उनके परिवार ने उनकी लगभग 15 बार सर्जरी करवाई परंतु ये प्रॉब्लम खत्म होने वाली नहीं थी। इस परिस्थिति में बहुत से लोग हैं जो अपने भाग्य का रोना रोते हैं और हार जाते हैं। परंतु उन्होंने इस परिस्थिति का सामना किया और अपने परिश्रम के बदौलत सफलता की एक नई मिसाल कायम की। -Success story of Surashree Rahane
भरतनाट्यम डांसर और स्कूबा ड्राइवर हैं
सुरश्री रहाणे महाराष्ट्र (Maharastra) के नासिक की निवासी हैं। उन्होंने बचपन से ही अपनी जिंदगी में परेशानियां ही परेशानियां देखी हैं। उन्होंने इनका डटकर सामना किया और अपनी पढ़ाई पूरी की। स्कूल के दौरान वह पढ़ाई में हमेशा अव्वल रही हैं। उन्होंने पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की आगे उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से पीजी भी किया। वह एक भरतनाट्यम होने के साथ सर्टिफाइड स्कूबा ड्राइवर भी है। -Success story of Surashree Rahane
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30 वर्ष की उम्र तक हुआ 50 सर्जरी
जब वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थीं उस दौरान वह अमोल बगुल से मिली। उन दोनों में दोस्ती हुई और आगे यह रिश्ता शादी के बंधन में बंध गया। हालांकि शादी के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई को प्रारंभ रखा क्योंकि वह एक सफल उद्यमी बनना चाहती थी। 30 वर्ष की उम्र तक वह लगभग 50 सर्जरी करवा चुकी थी ताकि उनका पैर ठीक हो जाए। -Success story of Surashree Rahane
स्थापित किया खुद की कम्पनी
एक उद्यमी परिवार में जन्म लेने के कारण वह चाहती थीं कि वह स्वयं के पैर पर खड़ी हों और एक व्यवसाय प्रारंभ करें। उन्होंने काफी प्रयास किया परन्तु कुछ कारणवश वह थोड़ा पीछे रह जाती। उन्होंने वर्ष 2008 में Yearbook Canvas नामक कम्पनी का शुभारंभ किया। जिसमें वह सफल हुईं। -Success story of Surashree Rahane
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मिले दिव्यांगों को जगह
उनकी कम्पनी द्वारा इंस्टीट्यूट तथा कॉरपोरेट की सोशल नेटवर्क, इयरबुक तथा मर्चेंडाइज का निर्माण होता है। वह 2023 तक उनकी कम्पनी में लगभग 30 फीसदी दिव्यांगों को जगह मिलेगी जिससे उनकी ज़िंदगी में खुशहाली आए। ज़िंदगी मे आए कठिनाइयों का सामना करते हुए आज वह एक सफल उद्यमी बनी हुई हैं और अन्य लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं। –Success story of Surashree Rahane