हर किसी का सपना एक सुंदर सा घर बनाने का होता है। लेकिन दिन प्रतिदिन बढती महंगाई के कारण ये सपना पूरा करना इतनी आसन बात नहीं है। आज के जमाना में भी कितने लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं है, और किसी के पास झोंपड़ियों या भूसे से बने घर है भी तो ये घर प्राकृतिक आपदा के वजह से टूट जाते हैं और इन्हें बार-बार बनाना पड़ता है।
ऐसे में अगर कम हीं खर्च में एक टिकाऊ घर बनाया जाए तो कई लोगों की सर पर छत हो सकती है। इस परेशानी को देखते हुए ओडिशा (Odisha) की 22 वर्षीया स्वस्ति पटनायक (Swasti Patnaik) ने Fibre-Reinforced Plastic का इस्तेमाल करके बेहद सस्ते और टिकाऊ घर बनाए हैं,जिसको बड़े आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है और किसी भी समतल जगह पर एंकर हुक की मदद से फिट किया जा सकता है।
लॉकडाउन के दौरान टिकाऊ घर बनाने का आया ख्याल
स्वस्ति पटनायक (Swasti Patnaik) ने बताया कि, ” मेरे पिता की फैक्ट्री में Fibre-Reinforced Plastic का इस्तेमाल करके पोर्टेबल टॉयलेट्स बनाने का काम किया जा रहा था। जिसको देखकर मुझे यकीन था कि, इससे घर भी बनाए जा सकते हैं। घर बनाने का ख्याल मेरे मन में लॉकडाउन के दौरान आया और मैंने इसपर काम भी करना शुरू किया।
बता दें कि, स्वस्ति (Swasti Patnaik) के पिता काजल पटनायक Fibre-Reinforced Plastic का इस्तेमाल करके थीम पार्क और सार्वजनिक जगहों के लिए टॉयलेट आदि बना रहे हैं। स्वस्ति हमेशा अपने पिता से Fibre-Reinforced Plastic के बारे में जानकारियां लेती रहती थीं।
इनके (Swasti Patnaik) पिता काजल ने बताया कि, “बचपन से हीं स्वस्ति बहुत क्रिएटिव थी। उन्होंने अब-तक छोटे मेढ़क से लेकर डायनासॉर तक सबके मोल्ड्स तैयार किए हैं लेकिन वो इतना बड़ा क्रिएटिव माइंड इस्तेमाल करेगी, इसका मुझे थोड़ा भी अंदाजा नहीं था।”
उन्होंने आगे बताया कि, आमतौर पर FRP का इस्तेमाल हेलमेट और कार का बम्बर बनाने के लिए भी किया जाता है। इस से इसकी मजबूती का अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि FRP का इस्तेमाल विदेशों मे खूब किया जाता है लेकिन ओड़िशा में मेरी बेटी पहली बार इससे घर बनाने का प्रयोग किया है।
कहां से पूरी की पढ़ाई?
स्वस्ति (Swasti Patnaik) ने पिछले साल हीं फैशन टेक्नॉलजी की पढ़ाई KIIT भुवनेश्वर से पूरी की है। वे बताती हैं कि, उनके कॉलेज में कुछ छात्र विदेशों से भी पढ़ने आते थे, जो हमेशा ओडिशा को बड़ा बैकवर्ड समझते थे। यह बात इनको बिल्कुल भी पसंद नहीं आती थी। कॉलेज के दौरान हीं उन्होंने तय कर लिया था, कुछ ऐसा करूंगी, जिससे मेरे साथ-साथ मेरा राज्य उड़ीसा भी मशहूर हो जाए।
बनाया सस्ता और मजबूत घर
स्वस्ति (Swasti Patnaik) ने अपने मेहनत से FRP घरों के मोल्ड्स तीन तरह के तैयार किए हैं। पहला डिज़ाइन सिर्फ एक कमरे का है और दूसरे में एक बेडरूम, किचन और बाथरूम है। वहीं, तीसरे मोल्ड में बालकनी भी बनी है। घर के अंदरूनी हिस्सा MDF बोर्ड से बनाया हुआ है। इस घर को बनाने में उन्हे तकरीबन डेढ़ महीने का समय लगा है।
हम जानते हैं कि, कंक्रीट के घर बनाने में प्रति वर्ग फुट 5000 का खर्च आता है लेकिन FRP के इस घर को तैयार करने में प्रति वर्ग फुट मात्र 1200 रुपये का खर्च आया है। बता दें कि, उनका सबसे बड़े घर 240 वर्ग फुट की कीमत 3 लाख रुपये है, और 180 वर्ग फुट आकार वाले घर की कीमत 2.2 लाख रुपये है वहीं 100 वर्ग फुट के एक छोटे से घर की कीमत 1.2 लाख रुपये है।
समुद्री इलाके में बना सकते हैं ऐसा घर
स्वस्ति (Swasti Patnaik) के पिता काजल बताते हैं कि, ओडिशा देश का वैसा हिस्सा है, जो हर साल बाढ़ या सुनामी का खतरा झेलता है। इसी को नजर में रखकर स्वस्ति ने पोर्टेबल घर बनाने का फैसला लिया है। जिन लोगों का घर समुद्री किनारे के इलाकों में हैं, और अगर सुनामी आने ना खतरा हो तो हम जल्दी से इन घरों को हटा सकते हैं और जो रिसॉर्ट्स बीच के किनारे में बने है उसके लिए भी FRP के ये घर उपयोग हो सकते हैं।
स्वस्ति (Swasti Patnaik) ने बताया कि, FRP के ये घर लगभग 200MPH (miles per hour) हवा की गति को आराम से झेल सकते हैं।
मिल रहे है घर बनाने के ऑर्डर
एक महीने में स्वस्ति (Swasti Patnaik) को देश भर से FRP के 50 से ज्यादा घर बनाने के ऑर्डर्स मिल चुके हैं। और सबसे ज्यादा ऑर्डर्स रिसोर्ट बिज़नेस से जुड़े लोगों के आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि, हर साल सुनामी से हजारों घर बर्बाद होते हैं और फिर सरकार लोगों पैसे देकर मदद करती है। ऐसे में बार-बार सुनामी जैसे तबाही से बचने के लिए हमें FRP का घर बनाना चाहिए।