कहते हैं कि अगर कुछ करने का जज्बा हो तो हर राह आसान हो जाती है। बस इरादों में दम होनी चाहिए फिर आपकी कमजोरी भी आपकी ताकत बन जाती है। इसी बात को एक कश्मीर (Kashmir) की रहने वाली लड़की ने साबित किया है। जी हां हम बात कर रहे है ताबिया इकबाल (Tabia iqbal) की, जो न सुन सकती है न बोल सकती है फिर भी वो आज हम सभी के लिए प्रेरणा की स्रोत बनी हुई है।
न बोल सकती है न सुन सकती है फिर भी खुद को बेहतरीन किया साबित :–ताबीया इकबाल को बोलने और सुनने दोनो में दिक्कत है फिर भी उन्होंने 10वीं में 90.4 मार्क्स हासिल किया।
500 में से इनको 452 नंबर मिले है !
3 साल के उम्र में ऑर्थोपेडिक परेशानियों ने घेर लिया :–
ताबीया के पिता मोहम्मद इकबाल ने एक बातचीत के दौरान बताया कि, जब ताबीया 3 साल की थी तब उनको ऑर्थोपेडिक परेशानियों ने घेर लिया, जिसके कारण वो व्हीलचेयर पर ही चलने लगीं।
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सिर्फ लिप मूवमेंट ही कर सकती है ताबीया :–
ताबीया के पिता ने बताया, वह सिर्फ लिप मूवमेंट ही कर सकती है जिसके कारण वो नार्मल स्कूल में नहीं जा सकती थी।
Anantnag, Fri 26 : In a world where even healthy people find excuses to sit home and do nothing, a 17-year-old Tabia Iqbal, a specially-abled girl qualified class 10th exam with 452 out of 500 marks and is earning appreciation for braving all odds. pic.twitter.com/YsKLjymgH6
— Mushtaq bhat (@Mushtaq53561689) February 26, 2021
ताबीया ने की निजी विद्यालय से पढ़ाई :–
लिप मूवमेंट के सिवाय कोई मूवमेंट नही कर सकती थी ताबीया, जिसके कारण वो नॉर्मल स्कूल नहीं जा सकती थी, इसी वजह से उनका एडमिशन एक निजी विद्यालय में कराया गया। जब वो स्कूल जाने लगी तो प्रिंसिपल ने उनकी रुचि पढ़ाई में देखा और उन्होंने ताबीया के पिता को इस बारे में बताया।
प्रिंसिपल ने इस बच्ची के लिया किया काफी मेहनत :–
प्रिंसिपल ने इनकी रुचि पढ़ाई के लिए देखा उसके बाद से वो अपना समय निकाल कर ताबीया के घर आने लगी और घर आकर इनको पढ़ाना शुरू कर दिया। ताबीया के पिता ने बताया, प्रिंसिपल ने कड़ी मेहनत किया और वो एक टॉपिक बार–बार पढ़ाई थी, जिसके वजह से ताबीया को सब याद हो जाता था। ताबीया ने पूरा मेहनत किया और आज उसने अपनी मेहनत और लगन के कारण परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है।
ताबीया ने अपने मेहनत से इस बात को सिद्ध किया है कि, आपके हौसलों के आगे हर मुश्किल राह आसान हो जाती है।