अगर कोई भी व्यक्ति जरूरतमंद की मदद करता है चाहे वह कोई पढ़ने वाला बच्चा हो, महिला हो, या पुरुष तो वह व्यक्ति उसके लिए मसीहा बन जाता है और उसकी दुआएं उस मदद करने वाले के काम आती है। जिस तरह कोरोना वायरस का कहर के कारण लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस दौरान खासकर उन बच्चों को दिक्कत हुई है जो बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। इस दौरान स्कूल ने बच्चों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया लेकिन जिस बच्चे के पास स्मार्टफोन नहीं वह ऑनलाइन क्लास कैसे ले सकते हैं। इस कार्य के लिए एक पुलिस ऑफिसर ने उन बच्चों की पढ़ाई में मदद की है। आईए जानते हैं उनके और उनके प्रयासों के बारे में
कांस्टेबल थान सिंह
कन्स्टेबल थान सिंह जो कुछ वक्त पहले से हीं बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उन्होंने इस कोरोनाकाल मे भी अपना कार्य जारी रखा। उन्होंने लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन करते हुए बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का फॉलो कराते हुए क्लास देनी शुरू की। उन्होंने बताया कि सिर्फ बोलने से नहीं बल्कि बच्चों को ऑनलाइन क्लास दिया जाए। हम यह बात जानते हैं कि हर किसी के पास स्मार्टफोन लेने के लिए पैसे नहीं है तो क्या वह बच्चा पढ़ाई नहीं करेगा। इसीलिए उन्होंने यह निश्चय किया कि मैं इन आने वाले कल के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता और चाहे सिचुएशन कैसी भी हो मैं इन बच्चों को पढ़ा लूंगा। क्योंकि हर बच्चा ऑनलाइन पाठ्यक्रम लेने के लिए सक्षम लिए नहीं है तो क्या वह पढ़ाई नहीं करेगा।
मजदूर बच्चों को देतें हैं शिक्षा
पुलिस कांस्टेबल थान सिंह शहर के मजदूर वर्ग के बच्चों को पढ़ाते हैं। लेकिन लॉकडाउन के दौरान कक्षाएं रोक दी गई थीं। वह इन बच्चों को लाल किले की पार्किंग में साईं मंदिर में पढ़ाते हैं। कुछ दिनों बाद थान सिंह ने देखा कि इस कोरोना के कारण अब तो बच्चों की पढ़ाई नहीं हो सकती और हर बच्चा स्मार्टफोन लेने के लिए सक्षम नहीं है तो क्यों ना मैं फिर से पढ़ाई शुरू करुं। फिर उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करते हुए बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का फॉलो कराते हुए उन्हें बैठाकर पढ़ाना शुरू कर दिया।
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हिंदुस्तान टाइम के अनुसार थान सिंह ने कहा कि मैं इन बच्चों को स्वच्छता का ध्यान कैसे रखना है, जिससे वह कोविड-19 के खिलाफ हो रहे लड़ाई में जीत हासिल कर सकें, यह सब सारी जानकारी देता हूं। इतना ही नहीं है वह इन बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ मास्क, सैनिटाइजर भी देते हैं। उस पुलिस अधिकारी का यह कार्य वहां के सभी व्यक्तियों को बहुत अच्छा लगता है। वह अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद और शुरू करने से पहले इन बच्चों को हर वह जानकारी देते हैं जो इन्हें चाहिए।
उम्मीद है कि जो कार्य कॉन्स्टेबल थान सिंह कर रहे हैं उससे बच्चे आगे बढ़ेंगे और बेहतर कल का निर्माण करेंगे। निःस्वार्थ भाव से मजदूर बच्चों को पढ़ाने के लिए थान सिंह के प्रयासों को The Logically सलाम करता है।