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भारत की पहली प्राइवेट ट्रेन ‘तेजस’ बन्द होने के कगार पर पहुंच चुकी है: जानिए कैसे

तकनीक के इस दौर में पहले की अपेक्षा अब हर कार्य करना सम्भव हो चुका है। बात अगर सफर की हो तो लोग पहले पैदल यात्रा किया करते थे जिससे उन्हें महीनों लग जाता था कहीं जाने में। फिर जैसे-जैसे युग बदलता गया और लोग शिक्षित हुए वैसे-वैसे बहुत सारे अविष्कार हुए और जिससे सफर करना आसान हो गया।

तेजस ट्रेन का संचालन हुआ बन्द

बढ़ते तकनीक के उसी क्रम में हमारे देश की कॉरपोरेट ट्रेन जिसका नाम तेजस है वह कुछ दिनों तक स्थगित कर दी गई है। इसके लिए यह आदेश है कि यह 23 नवम्बर से स्थगित रहेगी। यह ट्रेन लखनऊ से नई दिल्ली तक का सफर तय करती थी जिसका जिम्मा IRCTC को था। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस ट्रेन का किराया अधिक होने के कारण लोग इसकी यात्रा नहीं कर पा रहे थे जिससे इसके परिचालन को रोक दिया गया। इस ट्रेन का प्रथम संचालन लखनऊ से नई दिल्ली के लिए 2019 में हुआ। इसका अंतिम संचालन मात्र 200 यात्रियों के सफर के लिए हुआ।

Tejas train about to end

लॉक-डाउन के बाद खुला अक्टूबर में

कोरोना के कहर से हमारे यहां मार्च में लॉक-डाउन लगा तब से यह ट्रेन बन्द थी। फिर इसे 17 अक्टूबर से चलाया जा रहा है। शुरुआत में इसके एडवांस टिकट के आरक्षण के लिए 10 दिन का वक्त दिया गया लेकिन जब यह नही चला तो आगे इसकी मोहलत 1 महीने की बढ़ाई गई। तब भी जब इसके यात्री नहीं मिले तो इसे बंद करना पड़ा।

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अन्य ट्रेनों पर भी है खतरा

सिर्फ यही ट्रेन नहीं बल्कि बहुत सारी ट्रेनों पर यह खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि अधिकतर ट्रेनों की सीटें खाली हो रहीं है। शताब्दी-लखनऊ मेल और इसकी तरह अन्य वीआईपी ट्रेन को भी इस समस्या से जूझना पड़ रहा है। इन ट्रेनों की टिकट बुकिंग अपेक्षाकृत कम हीं हो रही है और बाकी ट्रेनों की स्थति भी उतनी अच्छी नहीं है।

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