हम हमेशा परदे पर हीं देखते हैं कि हीरो सच्चाई का साथ देता है और लोगों की मदद भी करता है। परंतु असल जिंदगी में ऐसा करने वाले व्यक्ति बहुत कम हैं। उनमें से एक हैं सोनू सूद, उन्होंने अपने कार्य से यह साबित कर दिया किया वह असल जीवन के रियल हीरो हैं।
सोनू सूद बने डिलीवरी बॉय के परिवार के लिए मसीहा
कोरो’ना महामारी में सोनू एक मसीहा बन कर उभरे हैं। उनका सफर प्रवासी मज़दूरों को घर तक पहुंचाने से शुरू हुआ। अब उनकी यह मुहीम लोगों को रोज़गार दिलाने और बीमार का इलाज कराने तक पहुंच गई है। एक 19 वर्षीय डिलीवरी बॉय की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। उसे एक तेज़ रफ़्तार कार ने टक्कर मार दी। जिस परिवार ने अपना 19 वर्षीय बेटा खोया था, उस परिवार की मदद के लिए सबसे पहले सोनू सूद सामने आए।
सोनू सूद के नाम पर बनवाया गया मंदिर
सोनू सूद के द्वारा किए गए कार्यों की वजह से तेलंगाना में सोनू के नाम का मंदिर (Sonu Sood Temple) बनवाया गया हैं। वहां पर सोनू को भगवान का रूप मान कर उनका पूजा किया जा रहा है। तेलंगाना में डब्बा टांडा गांव के लोंगो ने सोनू सूद का मंदिर बनवाया है। इस मंदिर को बनाने में सिद्दिपेट जिले के अधिकारियों ने लोगों की मदद की।
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20 दिसंबर को हुआ सोनू सूद के मंदिर का उद्घाटन
सोनू सूद के मंदिर का उद्घाटन 20 दिसंबर को हुआ। मंदिर में सोनू सूद की प्रतिमा स्थापित की गई है। उद्घाटन के दिन वहां की महिलाएं ट्रेडिशनल कपड़ों में आई और महिलाओं ने लोकगीत भी गाया। मंदिर समिति के सदस्य रमेश कुमार (Ramesh Kumar) कहते हैं कि सोनू सूद ने इस महामारी में बहुत ही सानदार काम किए हैं। उन्होंने पूरे देश की मदद की। इसलिए उन्हें सम्मान देने के लिए गांव में उनका मंदिर बनवाया गया है।
सोनू ने लिया 10 करोड़ का लोन
सोनू सूद ने इस महामारी में लोगों की मदद करने के लिए लोन तक ले लिया। उन्होंने अपने 6 फ़्लैट और 2 दुकान गिरवी रख कर 10 करोड़ का लोन लिया है ताकि वह लोगों की मदद कर सकें। सोनू ने यह साबित कर दिया कि किसी की मदद करने से कोई गरीब नहीं होता।
The Logically सोनू सूद (Sonu Sood) के द्वारा किए गए कार्य की तारीफ़ करता है।