कोरोना वायरस के कहर से आज हम सभी परिचित हैं। हम सभी को पूरी तरह याद है कि किस तरह कोविड-19 से जानमाल की क्षति हुई थी और हो रही है। कई शहरों में पहले भी लॉकडाउन लगे हुए थे और अभी भी वह जारी है। लॉकडाउन के दौरान सभी कार्यालय उद्योग एवं शॉप बंद कर दी गई थी। लेकिन जिन्हें भगवान माना जाता है, यानी कि हमारे डॉक्टर और नर्स। वह हमारी जिंदगी के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की देखभाल करते रहे।
इस बीच बहुत से कोरोना वॉरियर्स ने इन लोगों की देखभाल के दौरान अपनी जान गवाई है। आज हम ऐसे शख्स की बात करेंगे, जिन्होंने कोरोना हीरोज को सम्मानित करने के लिए कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक लगभग 4000 किलोमीटर की पैदल यात्रा की है।
भरत पी.एन को जानिए
वह शख्स हैं, भरत पी.एन हैं, जो कर्नाटक (Karnataka) के मैसूर (Mysuru) से नाता रखते हैं। उनकी आयु अभी 33 वर्ष है, उन्होंने अपनी यात्रा 11 दिसंबर साल 2020 में प्रारंभ की और उन्हें 99 दिनों में लगभग 4000 किलोमीटर की यात्रा तय की। उन्होंने कन्याकुमारी से श्रीनगर की यात्रा तय की, उन्होंने बताया कि वह प्रतिदिन लगभग 45 से 50 किलोमीटर चले थे।
लोगों को किया जागरूक
ऐसा नहीं कि उन्होंने सिर्फ यात्रा ही किया, बल्कि उन्होंने हमारे देश में लोगों को वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण से लेकर फिटनेस मेंटेन किस तरह करना है, इसके विषय में जागरूक भी किया। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान कुछ समय आराम करने के लिए मैं पेड़ की तलाश किया करता था। इसलिए मैंने यह निश्चय किया कि जो भी व्यक्ति मुझे रास्ते में मिलेंगे, मैं उन्हें वृक्षारोपण के बारे में संदेश दूंगा। इतना ही नहीं उन्होंने यात्रा में स्वयं ही लगभग डेढ़ सौ से भी अधिक वृक्षारोपण किया है।
वॉक फ़ॉर ह्यूमैनिटी
जानकारी के अनुसार यह कार्य करने से पहले उन्होंने बहुत से व्यापार में अपना लक अजमाया। लेकिन इन सब में वह असफल हुए। अंततः उन्हें लॉकडाउन के वजह से जब घर पर रहना पड़ा, तब उन्होंने इस यात्रा के बारे में निश्चय किया और वह इस मेगा वॉक पर निकल पड़े। उन्होंने इस यात्रा को “वॉक फॉर ह्यूमैनिटी” नाम दिया है।