Wednesday, December 13, 2023

जानिए भारत की उन महिलाओं के बारे में जिन्होंने विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है

8 मार्च. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day). महिलाओं के लिए सम्मान दिखाने और उनके विकास के लिए सोचने का दिन. इस दिन का सबसे बड़ा उद्देश्य समाज में महिलाओं और पुरुषों के अधिकारों में समानता लाना है. महिलाओं के उपलब्धियों के प्रति सम्मान और प्रशंसा प्रकट करने का दिन. आज हम आपको उन भारतीय महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने दम पर दुनियाभर में एक अलग मुकाम हासिल किया है.

श्रीमती इंदिरा गांधी (19 नवम्बर 1917-31 अक्टूबर 1984)

Indra Gandhi
इंदिरा गांधी

इन्दिरा प्रियदर्शिनी गांधी. भारत गणराज्य की प्रथम और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री. वह वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 बार और 1980 से लेकर 1984 तक प्रधानमंत्री रहीं. इन्हें आयरन लेडी के नाम से भी संबोधित किया जाता है. इंदिरा गांधी ने 1969 में 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण, राजा-महाराजओं का प्रिवी पर्स (राजभत्ता) बंद करने जैसे कई साहसिक निर्णय लिए थे। 1971 के भारत पाक युद्ध, 1974 के पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण (स्माइलिंग बुद्धा) में इन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. ऐसी महिला जो न केवल भारतीय राजनीति पर छाई रहीं बल्कि अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए विश्व भर में जानी जाती हैं.

कल्पना चावला (17 मार्च 1962-1 फ़रवरी 2003) 

Kalpna Chawla
कल्पना चावला

नासा वैज्ञानिक और अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला. हरियाणा के करनाल में जन्मी कल्पना ग्रेजुएशन के बाद मास्टर्स के लिए अमेरिका चली गईं. 1995 में नासा में शामिल हुई और 1998 में उन्हें पहली उड़ान के लिए चुना गया था. 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष में 16 दिन बिताने के बाद अपने 6 अन्य साथियों के से वापस लौटते वक्त उनका यान क्षतिग्रस्त हो गया. कल्पना तो हमारे बीच नहीं रहीं पर अंतरिक्ष तक पहुंचने का सपना कईयों को दिखा गई.

कमला हैरिस (जन्म: 20 अक्टूबर 1964)

Kamla Hairias
कमला हैरिस

भारतीय मूल की कमला हैरिस (Kamla Harris) अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं. इनकी मां श्यामला गोपालन भारतीय हैं और पिता डोनाल्ड हैरिस जैमकाई-अमेरिकी निवासी हैं. कमला हैरिस अफ्रीकी-अमरीकी राजनीतिक नेता के रूप में उभर कर आई. 2003 में वह सैन फ्रांसिस्को की शीर्ष अभियोजक बनीं थी. 2010 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत व्यक्ति थीं. इन्होंने 2020 के चुनाव में, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उपराष्ट्रपति माइक पेंस को हराकर यह रैंक हासिल की है.

प्रियंका चोपड़ा (जन्म: 18 जुलाई 1982 )

Priyanka Chopda
प्रियंका चोपड़ा

बॉलीवुड से लेकर हॉलिवुड तक का सफ़र तय करने वाली भारतीय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा अपने अभिनय में माहिर मानी जाती हैं. 16 साल की उम्र में वह मुंबई आई थीं और दो साल बाद 2000 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीत कर पूरे देश का नाम रौशन की. प्रियंका को बॉलीवुड की सबसे महंगी अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है. भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है. वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और चार श्रेणियों में फिल्मफेयर पुरस्कार सहित कई पुरस्कार अपने नाम कर चुकी हैं. प्रियंका कहती हैं, ”मेरी कामयाबी का श्रेय मैं अपने आप को ही देना चाहूंगी. मैंने बहुत ठोकरें खाई हैं लेकिन ठोकरे खाने की क्षमता मैंने रखी.” इन दिनों वह अपनी किताब ‘अनफिनिश्ड’ (Unfinished) को लेकर चर्चा में हैं.

चंदा कोचर (जन्म: 17 नवम्बर 1961)

Chanda kochar
चंदा कोचर

राजस्थान के जोधपुर शहर में जन्मी चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबन्ध निदेशक हैं. इन्हें भारत की सबसे शक्तिशाली कारोबारी महिलाओं में से एक माना जाता है. चंदा कोचर के नेतृत्त्व में आईसीआईसीआई बैंक को 2001, 2003, 2004, 2005 में बेस्ट रिटेल बैंक ऑफ इंडिया का सम्मान मिला. 2005 में इन्हें इकोनॉमिक टाइम्स की ओर से बिजनेस वूमन ऑफ द इयर का सम्मान मिला. 2009 में फोर्ब्स सर्वेक्षण के अनुसार विश्व की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं में चंदा 20वे नंबर पर थी. 2010 में भारत सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए इन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. नवंबर 2011 में ‘फॉर्च्यून इंडिया’ पत्रिका ने 50 शक्तिशाली कारोबारी महिलाओं की सूची में उन्हें पहला स्थान दिया था.

किरण बेदी (जन्म: 9 जून 1949)

Kiran Bedi
किरण बेदी

देश की प्रथम महिला आईपीएस अध‍िकारी किरण बेदी का जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ था. 1972 में उन्होंने सीनियर ऑफिसर के रूप में आईपीएस ज्वाइन कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया था. पुलिस सेवा के दौरान किरण बेदी ने कई महत्त्वपूर्ण पदों पर बड़े हीं हिम्मत से काम किया है. 1977 में दिल्ली के इण्डिया गेट पर अकाली और निरंकारियों के बीच उठ खड़े हुए सिख उपद्रव को जिस तरीके से किरण बेदी ने नियन्त्रित किया था, वह पुलिस विभाग के रेकार्ड में आज भी एक मिसाल है. किरण बेदी के जीवन पर ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माता मेगन डोनेमन के प्रोडक्शन में एक फीचर फिल्म यस मैडम सर भी बनी है.

इंदिरा कृष्णमूर्ति नुई (जन्म: 28 अक्टूबर 1955)

Indra Krishnmurti Nui
इंदिरा कृष्णमूर्ति नुई

पद्म भूषण से सम्मानित पेप्सिको कंपनी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदिरा नुई का नाम दुनिया की प्रभावशाली महिलाओं में शुमार है. 1994 में वह पेप्सिको से जुड़ी और 2001 में अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनीं. इन्होंने अक्टूबर 2006 से अक्टूबर 2018 तक कंपनी की वैश्विक रणनीति का निर्देशन और पेप्सीको के पुनर्गठन का नेतृत्व किया. 2007 में इंदिरा को भारत सरकार द्वारा उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. 2009 फोर्ब्स सर्वेक्षण के अनुसार को दुनिया में तीसरी सबसे ताकतवर महिला माना गया. 2018 में इन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया. इंदिरा आईसीसी की पहली स्वतंत्र महिला निदेशक बनीं.

नीता अंबानी (जन्म: नवम्बर 1, 1964)

Neeta Ambani
नीता अंबानी

​रिलायंस इंडस्ट्रीज की निदेशक और मुंबई इंडियंस क्रिकेट टीम की मालकिन नीता अंबानी (Nita Ambani) का नाम देश की महिला व्यवसायी की लिस्ट में शीर्ष पर आता है. 2003 में इनके नेतृत्त्व में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल की स्थापना की गई जो मुंबई के चुनिंदा स्कूलों में से एक है. नीता को फॉर्च्यून इंडिया 2020 की कारोबार जगत की सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली महिलाओं की सूची में एक नंबर पर रखा गया है. इसके अतिरिक्त सोशल वर्क के लिए भी नीता अंबानी को जाना जाता है. इन्हें शिक्षा, समाज सेवा और मानव प्रेम के लिए श्री चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती विश्व महाविधालय (एससीएसवीएमवी यूनीवर्सिटी) कांचीपुरम से डॉक्टरेट की उपाधि मिली है. हाल हीं में इन्होंने अपने सभी कर्मचारियों और उनके परिवार वालों के कोवि’ड टीकाकरण का खर्च वहन करने की बात कही है.

ये तो चंद नाम है जो भीड़ से लड़कर सफलता के शिखर तक पहुंची हैं, ऐसी ही कई मिसाले बनाने के लिए अब भी हमे एक लंबा रास्ता तय करना है. इस एक दिन से कुछ नही होने वाला अगर हम साल के 364 दिन महिलाओ की इज्ज़त न करें. और अब इसके लिए महिलाओ को खुद ही आगे आना होगा, खुद ही पहल करनी होगी, वह भी बिना डरे और बिना किसी झिझक के.