Wednesday, December 13, 2023

ऑस्ट्रेलिया का कचड़ा रोकने का नायाब तरीका, लाखों टन कचड़ा समुन्द्र में जाने से बचता है: जानिए कैसे

प्रतिदिन बढ़ रहे कचरे से पूरी दुनिया परेशान है। समंदर हों, नदियां हों, पहाड़ हों, दूर स्थित द्वीप हों या मैदान हों… हर जगह कचरे से प्रदूषण और पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। नालियों से समंदर में जानेवाला कचरा पूरी दुनिया के लिए एक मुसीबत बना हुआ है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया ने समंदर को साफ रखने का एक ऐसा तरीका निकाला है, जिसकी दुनिया दिवानी हो गई है। तो आइये जानते हैं, ऑस्ट्रेलिया ने समंदर को साफ रखने के लिए क्या कोशिश कर रहा है?

Australian method of waste management

किस तरह तेजी से बर्बाद हो रहे समंदर?

दुनियाभर में जिस रफ्तार से इंसानों द्वारा निर्मित कचरे को समंदर में डाला जा रहा है उस हिसाब से आनेवाले समय में समंदर के हर लहर के साथ सिर्फ कचरा ही आयेगा। आंकड़े के आनुसार, हर वर्ष समंदर में लगभग 5.25 लाख प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े डाला जाता है। प्लास्टिक के ये छोटे-छोटे टुकड़े जब एक साथ मिल जातें हैं तो विशाल रूप ले लेते हैं। आज के वक्त में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग इस कदर हो रहा है कि हर वर्ष कई अरब प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग किया जा रहा है।

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समंदर को बर्बाद करने में प्लास्टिक के साथ ही सिगरेट के टुकड़े भी हमारी सेहत, हवा और समंदर तीनों को बर्बाद कर रही है। दुनिया में हर साल 5.6 खरब इस्तेमाल होने वाले सिगरेट मे से 4.6 खरब सिगरेट के बचे टुकड़े हमारी पृथ्वी, समंदर और नदियों में जा मिलते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इसे नष्ट होने में कई दशक का समय लग जाता है। हालांकि वास्तव में अभी समंदर की स्थिति इतनी बर्बर है कि इसे सुधारने के लिए पुरा विश्व लगा हुआ है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया द्वारा समंदर को साफ रखने के लिए अपनाये गए तरीकों को आज पूरी दुनिया भी अपनाने के लिए अग्रसर है।

Australian method of waste management

छोटे से शहर से शुरु हुई समुद्र को बचाने की पहल

ऑस्ट्रेलिया (Australia) के 39 हजार जनसंख्या वाला क्विनाना (Kwinana) शहर आज दुनिया भर में प्रसिद्ध है। क्वीनाना शहर में दो बड़ी नालियां है जिसके माध्यम से शहर का अधिकांश पानी समंदर में जा गिरता है, जिससे काफी नुकसान हो रहा था। सबसे अधिक परेशानी बारिश से होती थी। बारिश के समय पानी सड़कों से कचरे को उठाकर नालियों में और वहां से सीधे पाइप के माध्यम से समंदर में पहुंचा देती थी।

नालियों पर लगाया जाला

ऐसे हालात को देखते हुए प्रशासन ने सोचा कि क्यों न समंदर से जुड़ने वाली दोनों नालियों पर बड़ा जाला लगा दिया जाए, जो कचरे को समंदर में जाने से रोक सके। उन्होनें मार्च 2018 में दोनो बड़ी नालियों पर जाला लगाया। महज तीन माह बाद जो परिणाम सामने आया वह उम्मीद से बहुत अधिक था। जाला लगाने के बाद इतने ही समय में 370 किलो कचरा समंदर जाने से बच गया और समंदर भी सुरक्षित रहा।

Australian method of waste management

कचरे में शामिल थे प्लास्टिक के टुकड़े

इस कचरे में अधिकांशत: खाने के पैकेटस, प्लास्टिक के बोतल, प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े, आदि अन्य चीजें भी शामिल थी। इसे देखकर सभी हैरान थे कि इतना छोटा-सा शहर सिर्फ तीन महीने में ही इतना अधिक कचरा पैदा करता है। ऐसे में उन्होनें जब अपने तरीके को सफल होते हुए देखा तो सभी को बताने केलिए सोशल मीडिया पर शेयर किया।

तरीके को पोस्ट के जरिए फेसबुक पर शेयर किए

क्विनाना शहर (Kwinana City) को नालियों पर जाला लगाने और कचरे को रिसाइकल करने में महज $20000 खर्च करने पड़े। उन्होंने अपने इस सफलता को फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए शेयर किया, जिसे देखते ही देखते काफी प्रसिद्धि मिल गई। अभी तक इस पोस्ट को 25 मिलियन से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं।

Australian method of waste management

तरीका सरल, सस्ता और कामयाब है

क्विनाना (Kwinana) प्रशासन का यक तरीका सरल, सस्ता और कामयाब है इसलिए उन्हें यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका जैसे कई जगहों से फोन आ रहे हैं। हालांकि इस तरीके से हमेशा के लिए कचरे की समस्या से मुक्ति नहीं मिल सकती है, लेकिन इससे आने वाली दिक्कतों को टाला जा सकता है।