छठ हिंदुओं के मुख्य त्योहारों में से एक है। मुख्यतः यह पर्व उत्तर-प्रदेश और बिहार में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। धीरे-धीरे यह त्योहार यूपी, बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी मशहूर होते जा रहा है। सभी जगह काफी हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाया जा रहा है। कहा जाता है यह पर्व केवल हिंदू लोग ही मनाते हैं लेक़िन हर धर्म के लोग इस पर्व को अहमियत देते हैं। जिसका एक बड़ा उदाहरण सामने आया है कि पटना में एक मुस्लिम परिवार छठ पूजा के लिए मिट्टी के चूल्हे बनाता है। देखा जाए तो यह खबर इस त्यौहार की खूबसूरती और भी बढ़ा दिया है।
एक मुस्लिम परिवार छठ पूजा के लिए मिट्टी के चूल्हे बनाता है
पटना के अदालतगंज इलाके में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार दशहरा के समय से लेकर छठ पूजा तक मिट्टी के चूल्हे बनाता है उस चूल्हे का उपयोग छठ व्रत करने वाले लोग त्योहार वाले दिन करते हैं। उरेशा खातून, शाहीना, नजमा के साथ मुस्लिम परिवार के 50 और सदस्य पिछले कई दशकों से छठ पूजा के लिए चूल्हा बनाने का काम करते हैं।
पूरी तरह से शाकाहारी होकर बनाते हैं छठ पूजा के लिए चूल्हा
ज्यादातर लोग प्रसाद तैयार करने के लिए मिट्टी के चूल्हे का ही प्रयोग करते हैं। हर किसी के लिए चूल्हे बना पाना संभव नहीं हो पाता, वे लोग बाजार से चूल्हे खरीद कर इस्तेमाल करते हैं। यह मुस्लिम परिवार छठ पूजा के चूल्हे बनाने के लिए पूरी तरह से शाकाहारी बन जाते हैं, यहां तक कि मांसाहारी चीजों के साथ ही ये लोग लहसुन-प्याज तक खाना छोड़ देते हैं।
TOI की रिपोर्ट के अनुसार 38 वर्षीय उरेशा ने बताया कि उन्हें चूल्हे बनाना अच्छा लगता है, यदि कोई उनके काम की तारीफ करता है तो वह उनकी ताकत बन जाती है और कार्य करने के लिए और भी उत्साहित हो जाती है। उरेशा दशहरा से लेकर छठ पूजा तक चूल्हे बनाती हैं और हर वक्त पूरी तरह से शाकाहारी भोजन खाकर ही रहती हैं।
लोगों को बिना-मोल भाव के देते हैं चूल्हा
इस मुस्लिम परिवार द्वारा बनाए गए चूल्हे की कीमत ₹60 से लेकर ₹100 तक है। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वे लोग इस चूल्हे को पूरे ध्यान रखकर बनाते हैं ताकि किसी को लेने में कोई मुश्किल ना हो। इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं कि छठ बिहार का सबसे बड़ा त्योहार है जिसके लिए वे कभी मोलभाव नहीं करते।
हमारे समाज में जहां लोग जात-पात धर्म को बहुत ज्यादा अहमियत देते हैं वहां इस परिवार द्वारा किया गया यह कार्य बेहद प्रेरणादायक है। उम्मीद है धीरे-धीरे हम इस जात पात, धर्म के भेदभाव को मिटाने में कामयाब होंगे। ईश्वर एक है और हम सभी ईश्वर के हीं संतान हैं।