Home Social Heroes

सब्जी की खेती से हुई शुरुआत, अब सीनत पूरे गांव की महिलाओं को जैविक खेती के गुड़ सीखा चुकी हैं

सीनत एक ऐसी महिला है जिन्होंने ज़िन्दगी में आई हर बाधा को अपने दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत के बूते पार किया हैं। सीनत केरला के कोक्कुर गांव की रहने वाली हैं। इनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। इन्होंने दसवी कक्षा तक कि पढ़ाई की है। दसवी की पढ़ाई करने के बाद इनकी शादी कर दी गई। सीनत बताती है कि शादी के बाद इनके पास कोई डिग्री नही थी तो कही यह नौकरी के लिए आवेदन भी नही कर सकती थी। किसान परिवार से होने के नाते उन्होंने खेती करने की सोची।

टमाटर की खेती से शुरुआत की

चूंकि सीनत(Seenat) किसान परिवार से थी इसलिए छोटे तौर पर खेती करने का निश्चय किया। इसके लिए उन्होंने मन्नुथि कृषि विश्विद्यालय से 20 ग्रो बैग्स और पास के कृषि भवन से बीज लिए। इन बैग्स में उन्होंने टमाटर के बीज लगाए। जब टमाटर के पौधों में फल लगने लगे तब इन्हें खेती में मन लगने लगा।

teaches methodology of organic farming

टमाटर की खेती के बाद सब्जियों की खेती शुरू की

सीनत बताती है कि धीरे धीरे उनका मन खेती में लगने लगा। तब उन्होंने कुछ और सब्जियों लगाने का फैसला किया। टमाटर के साथ उन्होंने भिंडी, हरी मिर्च और फूलगोभी लगाई। उनकी सफलता को देख कर आस-पड़ोस की महिलाएं भी उनके पास कृषि संबंधित सलाह के लिए आती हैं।

यह भी पढ़ें :- पुराने टायर से गरीब बच्चों के लिए बना रही हैं झूले, अबतक 20 स्कूलों को दे चुकी हैं यह सुनहरा सौगात

ऑल वीमेंस फार्मिंग ग्रुप की शुरुआत

इन सबको देख कर सीनत के मन मे एक फार्मिंग ग्रुप बनाने का ख़याल आया। उन्होंने 10 सदस्यों को लेकर 2015 में एक ऑल वीमेंस फार्मिंग ग्रुप की शुरुआत की और इसका नाम दिया पेनमित्रा(Penmitra)। पेनमित्रा का मतलब होता है महिलाओ की सहेली। आज इस ग्रुप में 50 महिलाएं जुड़ी हुई है। यह महिलाएं अब फल और सब्जी की खेती के अलावा धान की भी खेती करती हैं।

बाजार में अपने पैदावार भी बेचती हैं

सीनत बताती है की अपने कृषि ज्ञान को बढ़ाने के लिए यह लोग कृषि से जुड़ी वर्कशॉप और कक्षाएं भी की। आज इनके गांव में सभी अब जैविक खेती करते हैं। अब तो यह लोग अपनी पैदावार को बाज़ार में बेचते हैं।

ज़मीन लीज पर लेकर धन की खेती शुरू की

सीनत के अनुसार एक बार उन्होंने सोचा कि उनकी घर की सब्जियों की जरूरत तो उनके खेत से पूरी हो जाती है पर अब भी वह चावल बाजार से ही खरीदती हैं। इससे उन्हें धान की खेती का विचार आया। उन्होंने धान की खेती करने के लिए 5 एकड़ जमीन लीज पर ली और इस पर खेती शुरू की। इनके गांव में पानी का संकट है फिर भी इसके बावजूद इनकी धान की पैदावार काफी अच्छी हुई। इसमें उनकी मदद इनके ही गांव के युवाओं ने की।

इस सफर में परेशानियां भी आई

ऐसा नहीं है कि जीनत का यह पेनमित्रा(penmitra) का सफर आसान था। जब उन्होंने कृषि के क्षेत्र में कदम रखने का सोचा और पेनमित्रा की स्थापना करने की सोची तो उन्हीं के परिवार के कुछ सदस्यों ने उन्हें हतोत्साहित करने की कोशिश की। उन्हें बहुत सारी शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से भी गुजरना पड़ा। पर सीनत ने हार नहीं मानी और अपनी मंजिल पाकर ही चैन लिया।

खेती के साथ साथ अपनी पढ़ाई भी पूरी की

सीनत एक ऐसी महिला है जिन्होंने आत्म निर्भर बनने का सिर्फ सपना ही नहीं देखा बल्कि उसे पूरा करके दिखाया है ।उन्होंने पेनमित्रा की स्थापना के साथ ही अपनी अधूरी पढ़ाई को भी पूरा किया। उन्होंने इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी(IGNOU) से इतिहास विषय में स्नातक की पढ़ाई की और इसके अलावा कराटे की भी ट्रेनिंग ली हैं।

मुर्गी पालन और डेयरी बिज़नेस करने की योजना

सीनत(Seenat) यहीं तक नहीं रुकने वाली है। उनकी भविष्य में योजना पेनमित्रा के कामों को मुर्गी पालन और डेयरी के बिजनेस तक ले जाने की है। अभी फिलहाल पर पेनमित्रा की सदस्य नारियल के गोले और भूसे से अलग-अलग कलाकृति बनाकर अलग-अलग आयोजनों में प्रदर्शनी लगाती हैं और खुशी की बात यह है कि इनके कलाकृतियों की लोग तारीफ भी करते हैं।

The Logically सीनत जैसी महिलाओ के जज़्बे को सलाम करता है।

मृणालिनी बिहार के छपरा की रहने वाली हैं। अपने पढाई के साथ-साथ मृणालिनी समाजिक मुद्दों से सरोकार रखती हैं और उनके बारे में अनेकों माध्यम से अपने विचार रखने की कोशिश करती हैं। अपने लेखनी के माध्यम से यह युवा लेखिका, समाजिक परिवेश में सकारात्मक भाव लाने की कोशिश करती हैं।

Exit mobile version