मशरूम की खेती से लाखों की आमदनी हो सकती है, लेकिन इसके लिए आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए कि आप किस तरह मशरूम को उगाएं और उसकी देखभाल करें?
इस लेख द्वारा हम बिहार की एक ऐसी महिला की कहानी जानेंगे, जो मशरूम की खेती से ना केवल अच्छी आमदनी कर रही हैं, बल्कि 2000 से अधिक लोगों को स्वरोजगार के काबिल भी बना दिया है। (Mushroom Farming)
बिहार की विनीता की कहानी
बिहार (Bihar) राज्य के बांका (Banka) जिले में स्थित झिरवा (Jhirva) ग्राम से ताल्लुक रखने वाली विनीता (Vinita) सभी महिलाओं के लिए उदाहरण बनकर सामने आई हैं। वर्ष 2008 में जब उनकी शादी हुई, तब वह अपने पीहर में जाकर अपने सभी जिम्मेदारियों को संभालने लगी। उन्होंने एक गृहिणी वाले वह सारे कार्य सीखें परंतु उनके मन में कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश थी, इसलिए उन्होंने आगे बढ़ने का निश्चय किया। (Mushroom Farming)
घर से 300 किलोमीटर दूर जाती थीं ट्रेनिंग के लिए
अपने घर से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी तय करके वह कृषि विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग के लिए जाती थीं। जहां उन्होंने मशरूम की खेती करने के लिए प्रशिक्षण लिया। एक आदिवासी समाज में रहने के बावजूद भी वह लोगों की बातों को नजरंदाज कर अपने काम में ध्यान लगाने लगी। उनके पति ने भी उनका सहयोग किया, जिससे उनका मनोबल बढ़ा।(Mushroom Farming)
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गांव में स्पॉन का निर्माण किया शुरू
विनीता ने बताया कि जब उनकी शादी हुई थी, उस वक्त उन्हें वित्तीय स्थिति को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, परंतु आज की स्थिति ऐसी है कि वह प्रतिदिन 50000 रुपए आराम से कमा ले रही हैं। उन्होंने लेबोरेटरी बनाई है, जिसमें वह स्पॉन का निर्माण करती हैं। उन्हें अपने गांव से समस्तीपुर जाने में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, इसलिए उन्होंने अपने गांव में स्पॉन का निर्माण प्रारंभ कर दिया। (Mushroom Farming)
20000 हज़ार से भी ज्यादा व्यक्ति बने आत्मनिर्भर
विनीता समस्तीपुर जकर्म करीब 200 से 400 व्यक्तियों को ट्रेनिंग दिया करती थी। आज उन्होंने 20000 से भी अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षण देकर मशरूम की खेती प्रारंभ करा दी है, जिस कारण वह आत्मनिर्भर बन चुके हैं। (Mushroom Farming)
दो क्विंटल तक निकलता है मशरूम
सुनीता ने यह जानकारी दिया कि उनके गांव में प्रतिदिन 50 किलो से लेकर 2 क्विंटल तक मशरूम का उत्पादन होता है। अब उनके गांव में सभी आत्मनिर्भर बनकर, खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके गांव में लोगों के पास वित्तिय स्थिति को लेकर बहुत कम समस्या है। (Mushroom Farming)
मिला है पुरस्कार
बात अगर सम्मान की हो, तो बिहार सरकार विनीता को अनेकों बार सम्मानित कर चुकी है। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने जगजीवन राम पुरस्कार से नवाजा है। विनीता अपने जिले में मशरूम का बीज एवं खाद का निर्माण स्वयं करती हैं और किसानों को उपलब्ध भी कराती हैं। आज वह दो बच्चों की मां होने के बावजूद स्वयं आत्मनिर्भर है ही और दूसरों को भी आत्मनिर्भर बना रही हैं। (Mushroom Farming)