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ट्रैक्टर रैली में किसानों ने दिखाई अपनी ताकत, सभी तरफ से किसान संगठन साथ आये

किसानों की रैली को लगभग दो महीने होने जा रहा है। इतने दिनों से किसान अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं। नए कृषि कानून के खिलाफ अब किसानों ने चार जगह ट्रैक्टर मार्च किया। हरियाणा-दिल्ली की सीमा, सिंघू बॉर्डर पर सड़क पर सिर्फ ट्रैक्टर और उन पर सवार किसान दिख रहें थे। ट्रैक्टर पर बंधे लाउडस्पीकर से गीत और नारों की आवाज़ गूंज रही थी।

चार जगहों पर हुआ ट्रैक्टर मार्च

किसान सरकार द्वारा बनाए गए नए नियमों के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च निकाले थे। वे कृषि बिल के विरोध अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए चार अलग-अलग जगहों पर ट्रैक्टर मार्च निकालें। ये मार्च सिंघू से टिकरी बॉर्डर, टिकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल, तक निकाला गया। इस रैली के यूनियन राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) हैं। जब गाजीपुर से पलवल तक रैली निकाली तो राकेश उस समय नीले रंग के ट्रैक्टर पर सवार थे। राकेश ने आईएएनएस को बताया कि ये सरकार के खिलाफ किसान भाइयों का गुस्सा है। सरकार को इसके समाधान में ठोस कदम उठाने चाहिए।

Tractor rally by farmers

हरजिंदर सिंह (Harjinder Singh)

हरजिंदर सिंह पंजाब (Punjab) में होशियारपुर के रहने वाले हैं। वह कहते हैं कि सरकार को पता है हमें क्या चाहिए। हमारी बस एक हीं मांग हैं कि कानूनों को वापस लिया जाए, परंतु सरकार हमारे बात से सहमत नहीं हो रही। ऐसे में सरकार को हम अपनी ताकत 26 जनवरी को दिखांगे की हम क्या करेंगे। आगे वह कहते हैं कि आज रैली सिर्फ दिल्ली की सीमाओं पर हो रही हैं, लेकिन जब हमारे किसान नेता तय करेंगे कि दिल्ली में प्रवेश करना हैं, तो हम ऐसा ही करेंगे।

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जसपाल सिंह देओल (Jaspal Singh Deol)

आज सारे किसान टैक्टरों से प्रदर्शन स्थल से बाहर निकले, और पूरे मार्च के दौरान ट्रैक्टरों पर लगे स्पीकर में गाना चलता रहा ताकि उनका मनोबल बढ़ा रहे। वही कुछ ट्रैक्टर पर तिरंगा भी लहरा रहा था। अन्य प्रदर्शनकारी किसान रास्ते पर खड़े होकर उन्हें अखबार, चाय और नाश्ता दे रहे थे। जसपाल सिंह देओल पंजाब (Punjab) के चमकौर साहिब के रहने वाले हैं। वह कहते हैं कि हम धरती के बेटे हैं। अगर किसी कानून से हम भूखे मर जाएंगे तो इस कानून को सरकार को हटाना ही होगा। हम अब पीछे नहीं हटेंगे।

नवपाल सिंह (Navpal Singh)

नवपाल सिंह जलंधर (Jalandhar) के रहने वाले हैं। वह कहते हैं कि यह रैली किसानों की ताकत को बताता है। इसके जरिए हम सरकार तथा लोगों को यह दिखाना चाहते हैं कि हम किसान भाई चाहते क्या हैं। नवपाल देश के हर नागरिक को बताना चाहते हैं कि इस कानून का असर हर किसी के जीवन पर पड़ेगा।

अब मुख्य प्रदर्शन स्थल सिंघू बॉर्डर पर संख्या कुछ कम जरूर हुई है, लेकिन प्रदर्शन अब भी जारी है। उन प्रदर्शनकारी किसानों को लंगर में रोटियां खिलाया जा रहा हैं तथा मेडिकल कैंप भी लगाया गया है। वहाँ बुजुर्गों और महिलाओं का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। The Logically उमीद करता है कि जल्द इसका कोई समाधान निकलेगा।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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