भारत में वृक्षों को प्राचीन काल से ही पूजा जाता रहा है और आज भी वृक्ष को लोग पूजनीय मानते है लेकिन बढ़ती जनसंख्या के कारण तेजी से हमलोग वृक्षों की कटाई कर रहे है। हमलोग जितना वृक्ष लगा नहीं पाते उससे ज्यादा हम उनकी कटाई करते है लेकिन खास बात तो ये है कि एक वृक्ष ने एक व्यक्ति की जान बचाई। वो व्यक्ति “विक्रम चौहान” (vikram chauhan) हैं जिनकी उम्र 49 साल है, जो पेशे से खुदाई करने वाले ऑपरेटर है। ऋषिगंगा में आए बाढ़ मे एक पेड़ के कारण ही इनकी जान बची थी।
क्या कहते हैं “चौहान”
विक्रम चौहान ने बताया,”मेरी नौकरी हमेशा से पहाड़ काटने की थी. या फिर जमीन को खोदने की. लेकिन, आज में इस बात का अहसानमंद हूं कि प्रकृति पेड़ के रूप में आई और मेरी जान बचा दी। उन्होंने आगे कहा,”मैं पेड़ का आदर करता हूं क्योंकि वह हमें ऑक्सीजन देता है इससे ज्यादा कुछ नहीं लेकिन, उस सुबह ने मुझे जिंदगी का पाठ पढ़ाया प्रकृति के पास दोनों शक्ति है, किसी को मारने की भी और बचाने की भी।”
लोगो ने की मेरी मदद
चौहान ने बताया, वो हमेशा की तरह काम कर रहे है कि अचानक वहां बर्फीला पानी आ गया और वो बहने लगे तथा साथ ने काम करने वाले लोग भी बहने लगे। बहने के क्रम में ही वो एक पेड़ से टकरा गए और उस पेड़ को जोर से पकड़ लिए तभी गांव के कुछ लोग आ गए और उनकी सहायता की। वो ठंड से कांप रहे थे और शरीर में सब जगह कीचड़ लगा हुआ था तो लोगो ने उन्हें गर्म पानी से नहलया और उन्हें रिवाइव किया।
हमलोग पेड़ो को अपने स्वार्थ के कारण कटाई कर देते है बल्कि पेड़ो ने हमसे आज तक कुछ नहीं लिया बल्कि दिया है।