Wednesday, December 13, 2023

जमीन की बढ़ती लवणता को देखते हुए इस इंस्टिट्यूट ने विकसित किया धान की नई बीज: जानिए क्या है विशेषता

कृषि क्षेत्र को समृद्द करने और खेती उत्पादों को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा नित नये शोध होते रहते हैं। इसी दिशा में धान यानी चावल (Paddy) की खेती को उन्नत करने और ऐसे किसान जिनकी कृषि भूमि में लवणता(Salinity) की मात्रा अधिक है, उनके लिए तमिलनाडू स्थित त्रिची (Trichi-Tamilnadu) में तमिलनाडू कृषि विश्वविदालय(Tamil Nadu Agriculture Universiy–TNAU) के अबनिल धर्मलिंगम कृषि महाविधालय और अनुसंधान संस्थान (Anbil Dharamalinga Agriculture College and Research Institute- ADACRI) ने धान की एक नई व उन्नत किस्म TRY-4 विकसित की है।

तमिलनाडू की कृषि भूमि में बढ़ रही है लवणता

धर्मलिंगम कृषि महाविधालय और अनुसंधान संस्थान के डीन पी मसिलामणि (P Masliamani, Dean- ADACRI) के अनुसार – “वर्तमान में तमिलनाडू की कृषि भूमि में इस हद तक लवणता (salinity) बढ़ती जा रही है कि हम लगभग 11.25 लाख एकड़ में स्थित क्षारीय मिट्टी में उपजी फसल खा रहे हैं । इन परिस्थितियो में सामान्य मिट्टी में उगाई जाने वाली धान की पूर्ववर्ती किस्में इस प्रकार की क्षारीय मिट्टी के लिए उपयुक्त नही है”

कृषि भूमि में लवणता की अधिकता को देखते हुए धान TRY-4 हुई विकसित

कृषि भूमि में लवणता की अधिकता को देखते हुए ADACRI द्वारा विकसित धान की नई किस्म TRY-4 उन किसानों के लिए बेहद ही उपयोगी सिद्ध होगी जो अपनी खेती योग्य भूमि में नमक की मात्रा ज़्यादा होने के कारण धान की अच्छी उपज प्राप्त करने में असमर्थ हैं।

developed a new paddy variety ‘TRY 4

ADACRI ने पूर्व में भी विकसित की हैं धान की तीन किस्में

यूं तो, साल 1995, 2002 और 2010 के दौरान भी कॉलेज द्वारा TRY 1, TRY 2, TRY 3 नाम से चावल की तीन विभिन्न किस्में पैदा की गई थीं। इन तीनों किस्मों के चावल लंबे पतले या मध्यम बोल्ड(long slander or medium bold) आकार के हुआ करते हैं जो इडली(Idly) बनाने के लिए बेहद उपयोगी है। TRY 3 की उच्च उपज के कारण यह किसानों में काफी लोकप्रिय है। 120 से 130 दिनों उगने वाली यह किस्में आंशिक रुप से डेल्टा जल तनाव(Terminal Delta Stress) से जूझने वाले क्षेत्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है।

‘थलाडी’ मौसम के लिए वरदान साबित होगी TRY 4 धान की किस्म

ADACRI के डीन के मुताबिक – “धान की ये नई किस्म TRY 4 सितंबर से अक्टूबर के बीच आने वाले थलाडी(Thaladi) मौसम के लिए एक वरदान के रुप में साबित होगी। यह वैराइटी नागपट्टिनम(Nagapattinum), तंजावुर (Tanjavur), तिरुवरुर(Tiruvarur) और कुडालो(Cuddalo) जैसे तटीय क्षेत्रों में उगाने के लिए काफी उपयोगी है”

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ADACRI ने किया TRY 4 के ज़रिये उच्च हेड राइस रिकवरी का दावा

पौधे प्रजनन और आनुवांशिकी विभाग(Department of Plant Breeding and Genetics) के प्रमुख पी जयप्रकाश (P Jayaprakash) के मुताबिक –“TRY 4 धान में 22.7% बढ़ी हुई उपज के साथ टीकेएस 13(TKS 13) और TRY 3 से अधिक 7 प्रतिशत के साथ 5,730 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उपज की क्षमता है। इस तरह धान की इस नई किस्म में उच्च हेड राइस रिकवरी ()High Head Rice Recovery के साथ उच्च मिलिंग गुणवत्ता (68.1 प्रतिशत) है”

लवणता प्रभावित क्षेत्रों में TRY 4 उगाने के लिए किसानों को मिली मंज़ूरी

ज्वाइंट डायरेक्टर ऑफ एग्रीकल्चर(Joint Director of Agriculture) एस शांति(S Shanti) के मुताबिक- “हमने पूर्ण रुप से ADACRI द्वारा विकसित धान की नई व उन्नत किस्म TRY 4 को सभी मापदंड़ों पर परख लिया है, इसके बाद पूरे तमिलनाडू राज्य के किसान अपनी लवणता प्रभावित कृषि भूमि में TRY 4 बिना हिचक उगा सकते हैं, यह किस्म प्रमुख कीटों जैसे लीफ फोल्डर, स्टेम बोरर और पित्त(leaf folder, stem borar and gall midge) के लिए प्रतिरोधी तो है ही साथ ही फसल पैदावार संबंधी बड़ी बिमारियों जैसे ब्लास्ट एंड ब्राउन स्पॉट(blast and brown spot) के लिए भी प्रतिरोधी है”