Wednesday, December 13, 2023

महिला वकील की अनोखी पहल, खंडित मूर्तियों से खिलौने बना बच्चों के चेहरे पर ला रही मुस्कान

आमतौर पर हमारे घर में जब मूर्तियां खंडित हो जाती हैं या पूजा का सामान इकट्ठा हो जाता है, तो उसे किसी पेड़ के नीचे या नदी-झील आदि में विसर्जित कर दिया जाता है, ऐसा करना हमारी संस्कृति है। मिट्टी से बनी मूर्तियां पानी में आसानी से मिल जाती हैं जिससे हमारे पर्यावरण को नुक्सान नहीं पहुंचता है, लेकिन वर्तमान समय में मूर्तियों का निर्माण प्लास्टर ऑफ पेरिस, थर्मोकोल और सिंथेटिक कलर का इस्तेमाल करके किया जाता है। ये पानी में आसानी से नहीं मिलते हैं और पर्यावरण को काफी नुक्सान पहुंचता है।

ऐसे में एक महिला ने इस समस्या का हल ढूंढ निकाला है। वह पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ बच्चों के चेहरे पर मुस्कान भी ला रही हैं। तो आइए जानते हैं इस महिला के बारे में-

कौन है वह महिला?

दरअसल हम बात कर रहे हैं तृप्ति गायकवाड़ (Adv. Trupti Gaikwad) की, जो महाराष्ट्र Maharashtra) नासिक (Nashik) की रहनेवाली हैं। तृप्ति पेशे से एक वकील और इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर हैं। उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए खंडित मूर्तियों से खिलौने बनाने का काम कर रही हैं, और साथ ही गरीब बच्चों के जीवन में खुशियां भी भर रही हैं। इसके अलावा तृप्ति उन्हें रिसायकिल करके आवारा पशुओं और पक्षियों के लिए फीडिंग बाउल भी बनाती हैं। ( Recycling of Old god idols)

Trupti Gaikwad makes toys by recycling broken god idols save environment

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कैसे आया मूर्ति से खिलौने बनाने का आइडिया

दरअसल, गोदावरी नदी के पास ही तृप्ति का घर है, ऐसे में उन्होंने एक व्यक्ति द्वारा लकड़ी के फ्रेमो को नदी में फेंकते हुए देखा। उस दौरान उन्होंने उस व्यक्ति को रोककर समझाया और उससे फ्रेम ले लिए और तब से इस नेक पहल की शुरुआत हुई। इसके लिए उन्होंने “सम्पूर्णम सेवा फाउंडेशन” (Sampurnam Foundation) नामक सन्स्था की स्थापना भी की।

Trupti Gaikwad makes toys by recycling broken god idols save environment

लिया सोशल मीडिया का सहारा

तृप्ति ने इस पहल को शुरु करने के लिए अपने पिता से आर्थिक सहायता ली और साथ ही लोगों को भी अपने इस संस्था के बारे में बताया। लोगों तक इस बारे में जानकारी पहुंचाने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया, जिसके बाद से उन्हें कई शहरों से खंडित मूर्तियां मिलनी शुरु हो गई। इन्हें रिसाइकिल करने के लिए कम्पनी 50 रुपये का लागत लेती है। बता दें कि इस दौरान तृप्ति इस बात का भी ख्याल रखती हैं कि इससे किसी की भी भावानाओं को ठेस न पहुंचे।

Trupti Gaikwad makes toys by recycling broken god idols save environment

बनाती हैं अलग-अलग प्रोडक्ट

जैसा कि आप जानते हैं एक समय था जब मूर्तियों का निर्माण मिट्टी से किया जाता था, लेकिन हाल के समय में अब उन्हें अलग-अलग रासायनों और पदार्थों का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। ऐसे में तृप्ति सबसे पहले उन मूर्तियों से मशीन की सहायता से प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को निकालती है जिसका इस्तेमाल छोटे-छोटे खिलौने बनाने में किया जाता है। इसके अलावा तृप्ति ने रिसायकिल यूनिट से भी बात की है जो उन्हें लकड़ी के फ्रेम उप्लब्ध कराती है। इससे पक्षियों के रहने के लिए घर तैयार किया जाता है। इसके अलावा प्लास्टर ऑफ पेरिस में हल्का सीमेंट मिलाकर वह कुत्तो के खाने के लिए कटोरी, पक्षियों को खाने-पीने के लिए प्लेट्स आदि भी बनाती हैं।

Trupti Gaikwad makes toys by recycling broken god idols save environment

आज तृप्ति गायकवाड़ (Trupti Gaikwad) के काम की चारों ओर प्रशंशा हो रही है। साथ ही वह लोगों को पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रही हैं।

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