पद्मश्री पुरस्कार; भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण के बाद भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पुरस्कार है। वे लोग जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, विज्ञान, समाज सेवा, उद्योग में बेहतरीन काम करने के लिए जाने जाते हैं, उनके हौसला अफजाई के लिए केंद्र सरकार उन्हें अलग-अलग पुरस्कारों से पुरस्कृत करती है.
केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों (Padma Awards 2021) की घोषणा की। इस साल कुल 102 लोगों को पद्मश्री से सम्मानित करने के लिए चुना गया है जिनमें 28 महिलाएं हैं। इन सभी महिलाओं की अपनी एक अलग कहानी है, अपना संघर्ष है। आइए जानते हैं इनमें से कुछ महिलाओं की कहानी..
- दुलारी देवी (कला)
बिहार के मधुबनी जिले के राटी गांव की रहने वाली दुलारी देवी की कहानी बहुत हीं संघर्ष भरी है. महज़ 12 साल की उम्र में शादी. शादी के सात साल बाद मायके वापस लौट आईं दुलारी देवी लोगों के घर में झाड़ू-पोछा करना शुरू की. मशहूर मधुबनी आर्टिस्ट कर्पूरी देवी के संपर्क में आने के बाद दुलारी देवी का जीवन हीं बदल गया. वह अबतक सात हजार मिथिला पेंटिंग बना चुकी हैं. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी उनकी कलाकारी की तारीफ़ की थी. पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि ऐसे कलाकार भी पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाले लिस्ट में हैं. दुलारी देवी के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
- भूरी बाई (कला)
मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के पिटोल गांव की रहने वाली भूरी बाई भील आदिवासी समुदाय से आती हैं. इस समुदाय में लड़कियों को पीरियड्स शुरू होने के बाद पेंटिंग करने की मनाही है लेकिन भूरी बाई ऐसे संकीर्ण मानसिकता वाले समाज से लड़कर आगे आईं और चित्रकारी के क्षेत्र में एक अलग हीं पहचान बनाई. मध्य प्रदेश सरकार भी इनकी कलाकारी के लिए इन्हें कई पुरस्कार दे चुकी है. अब केंद्र सरकार भी इन्हें पद्म श्री से सम्मानित करने वाला है. यहां क्लिक कर भूरी बाई के बारे में विस्तार से पढ़ें.
- बॉम्बे जयश्री रामनाथ (कला)
भारतीय संगीतकार जयश्री रामनाथ (Jayashri Ramnath) कोलकत्ता की रहने वाली हैं. पांच भाषाओं (तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और हिंदी) में गाना गाती हैं. संगीतकारों और गायकों के परिवार से ताल्लुक रखती हैं. अपने नाम में बॉम्बे इसलिए लगाती हैं कि अपनी संगीत शिक्षा के शुरुआती छह साल वह बॉम्बे में रहीं थीं. अपने इंस्टाग्राम पर जयश्री ने कहा, ‘‘पद्मश्री से सम्मानित करने को लेकर बहुत आभारी हूं। मैं आप सभी के आशीर्वाद और प्यार के लिए शुक्रिया अदा करती हूं।’’
- मौमा दास (खेल)
कलकत्ता में जन्मी पूर्व टेबल टेनिस खिलाड़ी मौमा दास (Mouma Das) का नाम भी पद्म श्री से सम्मानित होने वाली महिलाओं में शामिल है. उन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े खेल पुरस्कार अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है.
- पी अनीता (खेल)
अनीता तमिलनाडु की रहने वाली हैं. भारतीय महिला बॉस्केटबॉल टीम की कैप्टन रह चुकी हैं. अनीता का 18 साल तक भारतीय टीम के लिए तथा 9 बार एशियन बॉस्केटबॉल कॉन्फडरेशन में खेलने का रिकॉर्ड है.
- अंशु जम्सेनपा (खेल)
अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली अंशु जम्सेनपा (Anshu Jamsenpa) एक भारतीय पर्वतारोही हैं. वह पांच दिन में दो बार एवरेस्ट चढ़ने का रिकॉर्ड बना चुकी हैं और ऐसा करने वाली वह पहली महिला हैं. वह अब तक कुल पांच बार एवरेस्ट पर चढ़ चुकी हैं. 29 साल की उम्र में 2009 में उन्होंने पहाड़ों पर चढ़ना शुरू किया था. इस हिम्मती पर्वतारोही के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
- छुटनी देवी (समाज सेवा)
झारखंड की रहने वाली छुटनी देवी को 25 साल पहले डा’यन बताकर घर से निकाल दिया गया था. उन्होंने यहां हार नहीं मानी. समाज की इस सोच को बदलने के लिए काम की. आज उनके जैसी हीं प्रताड़ित की गई लगभग 70 महिलाएं इस टोली में शामिल हैं. छुटनी देवी के संघर्ष को विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें.
- प्रकाश कौर (समाज सेवा)
प्रकाश कौर (Prakash Kaur) पंजाब की रहने वाली हैं. उनके माता-पिता ने उन्हें छोड़ दिया था. प्रकाश अपने इस गम को जीने की ताक़त बना ली हैं. अब वह घरवालों द्वारा छोड़ गई बच्चियों की देख रेख करती हैं, उन्हें अपनी बेटियों सा प्यार देती हैं. मात्र 23 साल की उम्र में शुरू किए गए प्रकाश के इस पहल को अब काफ़ी लोगों की मदद मिलती है. प्रकाश कौर के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
- जसवंतीबेन जमुनादास पोपट (व्यापार उद्योग)
पापड़ में लिज्जत पापड़ आज एक ब्रांड बन चुका है. इसकी शुरुआत सालों पहले कुछ महिलाओं के एक समूह ने अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए की थी. 90 वर्षीय जसवंतीबेन इसी ग्रुप की महिला हैं. उम्र के इस पड़ाव पर भी वह और काम करना चाहती हैं, उन्हें अपनी सफ़लता पर विश्वास नहीं होता. जसवंतीबेन को मिलने वाला पद्म श्री कई घरेलू उद्योग करने वाली महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा देगा. जसवंतीबेन के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
- रजनी बेक्टर (व्यापार उद्योग)
भारत पाकिस्तान के बंटवारे के समय भारत आई रजनी बेक्टर (Rajni Bector) आज क्रीमिका नाम की कंपनी की मालिकिन हैं. खाना बनाने की शौकीन रजनी ने पहले जालंधर में दुकान खोली, फिर अपनी कंपनी. आज उनके बेकरी प्रोडक्ट्स लोगों को बहुत पसंद आते हैं. व्यापार उद्योग के क्षेत्र में उन्हें पद्म श्री से नवाजा जाएगा.
- एम. पप्पम्माल (कृषि)
पप्पम्माल तमिलनाडु की रहने वाली हैं. ख़ास बात यह है कि 105 साल की हैं और अब भी खेती करती हैं. भवानी नदी के किनारे एक गांव में अपना ऑर्गनिक फार्म चलाती हैं और सब्जियां तथा अनाज उगाती हैं. इसके अलावा उनका एक प्रोविजन स्टोर भी है. ऐसी परिश्रमी और कर्मनिष्ठ महिला को पद्म श्री से सम्मानित कर देश भी गर्व करेगा.
- बीरूबाला राभा (समाज सेवा)
असम के गोवालपारा जिले की रहने वाली बीरूबाला राभा को समाज सेवा के क्षेत्र में पद्म श्री से नवाजा जाएगा. उनका संगठन मिशन बीरूबाला कई सालों से विच हंटिंग (चुड़ै’ल या टोना-टोटका करने का आरोप लगाकर महिलाओं का शोषण करना या उन्हें मारना-पीटना) के खिलाफ अभियान चला रहा है. समाज के इस सोच से लड़ते हुए बीरूबाला ने कई महिलाओं की जान बचाई है.
अपने अपने क्षेत्र में महारत हासिल करने के लिए The Logically इन सभी महिलाओं को शत् शत् नमन करता है और देश के चौथे सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार पद्म श्री से नवाजे जाने के लिए ढेरों शुभकामनाएं देता है.