इन्सान के कई सारे सपने होते हैं जिन्हें वो पूरा करना चाहते हैं लेकिन आर्थिक स्थिति तंग होने की वजह से वह पूरा नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में हमारे देश के लोग हिम्मत नहीं हारते है और जुगाड़ तकनीक से ही उस सपने को हकीकत में बदल देते हैं। कुछ ऐसी ही एक कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जो लोगों का दिल जीत रही है।
जुगाड़ का इस्तेमाल करके भाइयों ने बना दिया “मिनी थार”
सोशल मीडिया पर उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट के रहनेवाले दो भाइयों की एक कहानी वायरल हो रही हैं जिसमें उन दोनों भाइयों का सपना था कि उनके घर भी एक कार हो। लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से उनका ये सपना पूरा नहीं हो पा रहा था। ऐसे में उन भाइयों ने धैर्य रखा और जुगाड़ का इस्तेमाल करके मिनी थार बना दिया।
कार खरीदने के लिए नहीं थे पैसे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन दोनों भाइयों का नाम मोहम्मद सिराज और सुफियान खान है और वे दोनों एक ही साथ E-Rickshaw सर्विस की एक छोटी-सी दुकान चलाते हैं। वहीं परिवार के अन्य सदस्य सब्जी बेचने का काम करते हैं और इस तरह इन्हीं कमाई से उनके परिवार का भरण-पोषण होता है। ऐसी स्थिति में उन भाइयों के कार खरीदने का सपना सच नहीं हो पा रहा था।
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जुगाड़ से बनाया मिनी थार
हालांकि, उन्होंने अपने सपने को मरने नहीं दिया और धैर्य के साथ इस सपने को पूरा करने की कोशिश में लगे रहे। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने ई-रिक्शा के अधिकांश पार्ट का इस्तेमाल करके खुद से एक कार का निर्माण कर दिया और उसका नाम मिनी थार (Mini Thar) रखा। वह देखने में थार जैसी ही है लेकिन आकार में थोड़ी छोटी है।
सिंगल चार्ज में देती है 120 किमी का माइलेज
जुगाड़ तकनीक (Jugaad Technic) के इस्तेमाल से बनाई गई मिनी थार को बनाने में 6 माह का समय लगा जबकि उसे बनाने में 2 लाख 20 हजार रुपये का लागत खर्च हुआ। इस कार के बारें में उन्होंने बताया कि उनके द्वारा निर्मित मिनी थार 3 घंटे के सिंगल चार्ज में 120 किमी का माइलेज देती है।
ऑर्डर देने पर दूसरों के लिए बना सकते हैं मिनी थार
मोहम्मद सिराज और सुफियान खान ने मिनी थार के ऊपर लाइट्स लगाया है और साथ ही म्युजिक सिस्टम भी लगाया है ताकि सफर के दौरान वह म्युजिक का भी आनन्द से सके। फिलहाल तो इस कार को उन्होंने खुद के उपयोग के लिए बनाया है लेकिन उनका कहना है कि यदि कोई व्यक्ति मिनी थार का ऑर्डर देता है तो वह उनके लिए भी बना देंगे।