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दो सहेलियों ने प्लास्टिक के बोतलों, मिट्टी और गोबर से बनाया Eco-Friendly घर, कारीगरी देख लोग कर रहे हैं तारीफ

Two friends of Aurangabad builds Eco-Friendly house from plastic bottles, mud and dung

भीषण गर्मी की वजह से हर कोई परेशान है और इससे राहत पाना चाहता है। इसके लिए लोग AC, कूलर और पंखे का इस्तेमाल करते हैं जिससे बिजली बिल भी भारी-भरकम आता है। लेकिन दो सहेलियों ने मिलकर एक ऐसे इको-फ्रेंडली घर (Eco-Friendly House) का निर्माण किया है जहां तपती गर्मी में भी AC, कूलर की जरुरत नहीं है।

दो सहेलियों ने बनाया ईको-फ्रेंडली घर

हम बात कर रहे हैं नमिता कपाले (Namita Kapale) और कल्याणी भ्राम्बे (Kalyani Bharmbe) की, जो महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद (Aurangabad) की रहनेवाली हैं। इन दोनों सहेलियों ने मिट्टी, गोबर और प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल करके इको-फ्रेंडली घर का निर्माण किया है जो भीषण गर्मी में भी AC जैसी ठंडक देगा और सर्दी में गर्म रहेगा।

12 से 13 टन प्लास्टिक का किया गया है इस्तेमाल

पर्यावरण के अनुकूल घर बनाने के लिए नमिता और कल्याणी ने गोबर, मिट्टी और 16 हजार प्लास्टिक बोतलों का उपयोग किया है। इस घर के निर्माण में लगभग 12 से 13 टन प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है। इस प्रकार के घर को बनाने में खर्च कम आता है क्योंकि सीमेंट औए ईंट से बनने वाले घरों की तुलना में इसमें लागत कम आता है।

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कैसे आया ईको-फ्रेंडली घर बनाने का आइडिया?

एक बार साल 2021 में नमिता और कल्याणी गोवहाटी के स्कूल गईं थीं। वहां उन्होंने देखा कि बच्चों के बैठने के लिए लकड़ी या फाइबर का नहीं बल्कि प्लास्टिक के बोतलों से कुर्सियां बनाई गई हैं। प्लास्टिक बोतलों से बनी उस कुर्सी को देखकर उन्होंने फैसला कर लिया कि वे भी ऐसे एक घर का निर्माण करेंगी।

लोगों ने कबाड़ीवाली कहकर बनाया मजाक

प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल करके ईको-फ्रेंडली घर बनाने के लिए नमिता और कल्याणी ने अलग-अलग जगहों जैसे कूडाघर, हॉस्टल, सड़क आदि से प्लास्टिक के बोतलों को इकट्ठा करना शुरु कर दिया। उनके इस काम को देखकर लोगों ने कबाड़ीवाली कहकर उनका मजाक भी बनाया लेकीन उन्होंने लोगों की बातों को अनसुना करके अपना काम जारी रखा।

मौसम के अनुकूल है यह ईको-फ्रेंडली घर

लोगों की तानों को सुनते हुए आखिरकार दोनों सहेलियों ने अपने सपनों का घर बनाने में सफलता हासिल की। उनके इस घर में एक गोल झोपड़ी और दो चौकोर कमरे हैं। प्लास्टिक बोतलों से बनी इस इको-फ्रेंडली घर में गर्मी में न तो AC की और सर्दी में न तो हीटर की आवश्यकता है।

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प्लास्टिक, मिट्टी, गोबर से बने घर में कितना लागत हुआ खर्च?

नमिता और कल्याणी द्वारा इस घर को बनाने में 7 लाख रुपये का खर्च आया है। इसमें उनके परिवार वालों ने भी उनकी सहायता की है। इस ईको-फ्रेंडली घर (Eco-Friendly House) के बारें में उनका दावा है कि, सीमेंट, ईंट से बनने वाले घरों की तुलना में प्लास्टिक, मिट्टी औए गोबर से बनने वाले घरों की लागत आधी है।

सहेलियों ने घर का नाम रखा है ‘वावर’

उन्होंने (Namita Kapale and Kalyani Bharmbe) अपने इस घर का नाम “वावर” रखा है जिसका मतलब होता है खेत या खुली जगह जहां लोग आ जा सकते हैं। पहले जो कबाड़ीवाली कहकर उनका मजाक उड़ाते थे अब वह उनके घर को देखकर उनकी तारीफ कर रहे हैं।

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