हम जानते है कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है। इसलिए कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी कहा जाता है। आज हम बात करेंगे, दो ऐसे दोस्तों की जिन्होंने इंजीनियरिंग करने के बाद खेती करने के लिए अपनी जमी जमाई नौकरी छोड़ दी और दोनों मिलकर अपने छत पर खेती कर 700 से 800 किलोग्राम सब्जियां उगा रहे है और लाखों का मुनाफा भी पा रहे है।
परिचय
आज के समय में ज्यादातर किसान आधुनिक खेती छोड़ जैविक खेती के ओर अग्रसर हो रहे है। ऐसे में भारत के दो युवा कौस्तुभ खरे (Kaustubh Khare) और साहिल पारिख (Sahil Parikh) ने IIT (भारत प्रौद्योगिकी संस्थान) खड़गपुर (Kharagpur) से इंजीनियरिंग (Engineering) की डिग्री हासिल किया था और जैविक खेती करने के लिए अपनी जमी-जमाई नौकरी तक छोड़ दी और अपने छत पर जैविक तरीके से सब्जी उगा रहे है। ये दोनों शख्स खेती के लिए बहुत सुलभ विधि का प्रयोग करते है जिससे कम जगह में भी अच्छी पैदावार हो सके तथा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी हो।
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खेती के लिए अपनाया हाइड्रोपोनिक तरीका
दोनों दोस्त अपने छत पर 700 से 800 सब्जियां उगाते है तथा उनका दावा भी रहता है कि इन सब्जियों को जैविक तरीके से उगाया गया है। इन सब्जियों को उगाने के लिए इन्होंने पारंपरिक खेती छोड़ हाइड्रोपोनिक विधि को अपनाया है। इन दोनों मित्र ने इस विधि को इसलिए अपनाया क्योंकि हाइड्रोपोनिक विधि में खाद तथा मिट्टी की जरूरत नही होती, जिससे छत पर भी कम भार पड़ेगा। कैस्तुभ ने बताया कि, हाइड्रोपोनिक विधि से अपने छत पर खेती करने के लिए सबसे पहले उन्होंने क्यारियां बनाई, जिससे छत पर पानी नही गिरता। इस विधि में पानी मे ही कुछ उवर्रक डाले जाते है, जिससे अलग से खाद डालने की आवश्यकता नही होती। जिससे पौधों के जड़ो तक पोषण मिलता रहे और पैदावार भी अच्छी हो।
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
कैस्तुभ ने बताया कि, उन्होंने अपने छत पर हाइड्रोपोनिक विधि से इस खेती की शुरुआत मात्र 2 हज़ार रुपयों से की थी लेकिन आज के समय मे मुनाफा लाखों में है। इस आमदनी से दोनों दोस्त बहुत खुश है तथा अपने छत पर इन्होंने भिंडी, टमाटर, मेथी, पालक, हरी मिर्च तथा पोई का साग इत्यादि के पौधे लगाए है तथा जैविक तरीके से उगाई गई सब्जियों का आनंद ले रहे है।
अपने कार्यों को दिया खेतीफाई का नाम
दोनों दोस्तों ने अपने इस कार्य को खेतीफाई का नाम दिया है। इनका उद्देश्य खेती की जानकारी जन-जन तक पहुंचाना है। इन्होंने खेतीफाई टीम का आयोजन किया है, जिसके द्वारा स्कूलों, कार्यालयों तथा सामाजिक संस्थानों पर खेती के बारे में बताया जाता है। इनका उद्देश्य है कि लोग ज्यादा से ज्यादा खेती करें तथा इनके द्वारा लोगों को फूल, फल तथा सब्जियां लगाने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। इनका टीम बच्चों को पौधों के बारे में जानकारी देता है, इसमे बच्चों को खेती के गुण, पौधों की पहचान, बीज, खाद, पोषण इत्यादि के बारे ने बताया जाता है तथा उनको इस प्रकार प्रेरित किया जाता है कि वो आगे चलकर खेती में अपना करियर चुन सकें।
हमारी देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही टिकी है, इसलिए इनका खेतीफाई का टीम बच्चों को खेती के फायदे के बारे में बता कर उनको आगे खेती में करियर चुनने के लिए प्रेरित करता है। खेती करने के बहुत से फायदे है। सबसे पहला फायदा तो यह है कि हम केमिकल मुफ्त फल, सब्जियां खाएंगे, जिससे हम कई प्रकार के बीमारियों से बच सकते है। दूसरा यह है कि इसमें हमे रोजगार के साथ अच्छी आमदनी भी मिलती है और साथ ही साथ देश को भी कृषि के मामले में आत्मनिर्भर बना सकते है।