जामुन उन फलों में से है जो सीमित समय के लिए ही बाज़ार में मिलता है। यानी कि इसका स्वाद चखने के लिए साल भर का इंतजार करना पड़ता है। साथ ही
जामुन का पेड़ (Jamun tree) सदाबहार भी है। 50-60 सालों तक जामुन के पेड़ की पैदावार होती है। इस फल को पसंद करने वाले लोगों को यह जानकर खुशी होगी कि इसके कई किस्म होते हैं जिनके अपने अपने गुण हैं। (Types of Java plum)
राजा जामुन
जामुन की इस किस्म को भारत में अधिक मात्रा में उगाया जाता है। ये किस्म आकार में बड़े, आयताकार और गहरे बैंगनी रंग के होते हैं। इसके फलों में पाई जाने वाली गुठली का आकार छोटा होता है। इसके फल पकने के बाद मीठे और रसदार बन जाते हैं।
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इस खास किस्म को सेंट्रल फॉर सब-ट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर ऑफ़ लखनऊ, उत्तर प्रदेश ने ढूंढा है। इस किस्म के फल के अंदर बीज नहीं होते हैं। इसका रंग पकने के बाद काला और गहरा नीला दिखाई देता है। गुजरात और उत्तर प्रदेश में यह अधिक उगाये जाते हैं।
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री जामुन
जामुन की इस किस्म को पंजाब में अधिक मात्रा में उगाया जाता है। इस किस्म के पौधे बारिश में मौसम में फल देते हैं। इनका रंग गहरा जामुनी या नीला होता गुठली बहुत ही छोटी होती है, और गुदा रसदार और हलकी खटाई के साथ मीठा होता है।
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भादो
यह सामान्य आकार का होता है जिसका रंग गहरा बेंगानी होता है। इस क़िस्म के पौधे पछेती पैदावार के लिए जाने जाते हैं। जिन पर फल बारिश के मौसम के बाद अगस्त महीने में पककर तैयार होते हैं। इस किस्म के फलों का स्वाद खटाई लिए हुए हल्का मीठा होता है।
गोमा प्रियंका
इस किस्म का निर्माण केन्द्रीय बागवानी प्रयोग केन्द्र गोधरा, गुजरात के द्वारा किया गया है। जो खाने के बाद कसेला स्वाद देते है। इसके फलों में गुदे की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। इस किस्म के फल बारिश के मौसम में पककर तैयार हो जाते हैं।
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इस किस्म का निर्माण सेंट्रल फॉर सब-ट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर ऑफ़ लखनऊ, उत्तर प्रदेश के द्वारा किया गया है। यह फल गहरे काले रंग के होते हैं जो बारिश के मौसम में पककर तैयार हो जाते हैं। इसके फलों में गुठली का आकार छोटा होता है और गुदा मीठा रसदार होता है।
काथा ( kaatha )
आकार में छोटे और रंग गहरा जामुनी होता है। इस किस्म के फलों में गुदे की मात्रा कम पाई जाती है साथ ही यह स्वाद में खट्टा होता है। इसके फलों का आकार बेर की तरह गोल होता है। इस किस्म को बहुत कम किसान भाई उगाते है।
इनके अलावा और भी कई किस्में हैं जिनकी अलग अलग प्रदेशों में उगाकर अच्छी पैदावार की जाती है जिनमें नरेंद्र 6, कोंकण भादोली, बादाम, जत्थी और राजेन्द्र 1 जैसी कई किस्में शामिल हैं।