Friday, July 21, 2023

गजब का आईडिया: पुरानी बसों को टॉयलेट बनाकर महिलाओं की जिंदगी आसान बना रहे हैं उल्का और राजीव खेर

हमारे समाज में महिलाओं को अलग नजरिए से देखा जाता है। जिस कारण उन्हें बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अगर कोई पुरुष घर से बाहर जाए तो वह कहीं भी टॉयलेट यूज कर लेता है और वही कहीं अगर महिला हो तो उसे तमाम चीज़ों को ध्यान में रखना पड़ता है।

इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए उल्का सादलकर और राजीव खेर महिलाओं की इस समस्या का समाधान निकालने के लिए मुहिम चलाना शुरू किया। ये दोनों पुणे से ताल्लुक रखते हैं और ये दोनों एंटरप्रेन्योर्स महिलाओं के लिए बेहद सराहनीय कार्य कर रहे हैं।

इस तरह शुरू हुआ कार्य

स्वच्छता अभियान के तहत कई लोगों ने ऐसा कार्य किया जो पर्यावरण संरक्षण के साथ सभी के लिए काफी उपयोगी रहा। उल्का सादलकर और राजीव खेर दोनों वर्ष 2006 में अपने कार्य की शुरुआत की और साराप्लास्टर प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की नींव डाली। इस कम्पनी द्वारा स्वच्छता पर कार्य चलता है।

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Ulka Sadalkar and Rajeev Kher made life easier for women by converting old buses into toilets

ऐसे हुआ शौचालय का निर्माण

उल्का सादलकर और राजीव खेर ने वर्ष 2016 में एक मुहिम की शुरुआत की जिसके तहत महिलाओं को स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था हुई। उन्होंने 12 पुरानी बसों को शौचालय में परिवर्तित किया और इसे इसका नाम “ती” रखा गया अगर हम “ती” के विषय में चर्चा करें तो मराठी में इसका उपयोग महिलाओं के लिए ही होता है।

मात्र 5 रुपए में उठा सकते हैं फायदा

इस बस में तीन से चार वेस्टर्न तथा इंडियन शौचालय के अतिरिक्त महिलाओं के लिए है वॉश बेसिन, फीडिंग रूम(बच्चों को दूध पिलाने की व्यवस्था) स्टेशनरी पैड्स आदि की भी व्यवस्था है। यहां आपको कैफे की भी व्यवस्था मिलेगी। इन बसों बिजली की व्यवस्था सोलर पैनल द्वारा की गई है। जिसके तहत कई गैजेट्स, लाइट तथा वाईफाई चलाया जाता है। हलांकि बारिश के दौरान यहां बिजली की व्यवस्था ग्रिड द्वारा पूरी होती है।

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ऐसे आया आइडिया

वर्ष 2016 में जब सैन फ्रांसिस्को के एनजीओ के विषय में पढ़ा कि ये एनजीओ पुरानी बसों को शौचालय में बदलता है। उन्हीं ये चीज़ बहुत अच्छी लगी और इसे अपनाने का निश्चय किया। उन्होंने इसे अपनाया और टॉयलेट बसों का शुभारंभ किया। इस बीच ये समस्या सामने आई कि ऐसी बहुत सी महिलाएं थी जो समझते थी कि टॉयलेट अधिक फैंसी है या यह पब्लिक टॉयलेट है जिस कारण इसे साफ नहीं रखा जाता होगा। परंतु आज ये सारी समस्याएं सुलझ चुकी है और यहां की महिलाओं के लिए उचित व्यवस्था हो चुकी है।