आज खेती के दायरे को बढ़ाने एवं सफलता हासिल करने के लिए किसान खेती में तरह-तरह के तकनीक एवं नवाचार कर रहे हैं। जिससे किसानों को एक बार में ही अनेकों फसलों से लाभ मिल रहा है। वैसे तो मुजफ्फरनगर गन्ने की खेती के लिए प्रसिद्ध है। यहां के किसान कुछ-ना-कुछ अलग एवं ऐसे नवाचार करते रहते हैं जिससे उनकी फसलों का उत्पादन अधिक हो और कमाई भी।
उन्हीं किसानों में से एक किसान ऐसे हैं, जो आज अपने क्षेत्र में खेती के लिए प्रसिद्ध हैं। जिनका नाम “उमेश कुमार” है, वह अपने खेतों में गन्ने के साथ केले तथा पपीते की बुआई कर सहफसली खेती कर अच्छा पैसा कमाने में सक्षम हो रहे हैं।
प्रगतिशील किसान उमेश कुमार
उमेश कुमार (Umesh Kumar) मुजफ्फरनगर( Muzaffarnagar) तितावी गांव से ताल्लुक रखते हैं, वह एक प्रगतिशील किसान है। आज वह अपने खेतों में गन्ने के साथ पपीते तथा केले की बुआई कर अन्य किसानों के लिए उदाहरण बने हैं। अगर हम गन्ने के उत्पादन के विषय में बात करें तो इससे किसान एक बार में मात्र 30000 प्राप्त कर रहे थे परंतु उमेश ने अपने खेतों में सहफसली पौधे की बुआई कर 75000 रुपए बीघा फसल का उत्पादन कर रहे हैं। इससे अन्य किसानों को रास्ता भी मिल रहा है। -Sahfasli Kheti By Umesh kumar from Muzaffarnagar
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सहफसली खेती में मिली सफलता तो बढ़ाया दायरा
प्रारंभिक दौर में उन्होंने मात्र 1 एकड़ में सहफसली खेती की और सफलता मिलने के बाद 2 एकड़ में दायरा को बढ़ाया। अपने खेतों में केले के पौधे की बुआई के लिए उन्होंने केला महाराष्ट्र तथा पपीता इंदौर से मंगवाया था। उन्होंने अपने खेतों में गन्ने के साथ 200 केले तथा पपीते की बुआई की जिसके निर्यात में उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आई। उन्हें अपने केले के एक पौधे से 25 किलो तथा पपीते से 20 किलो का प्रोडक्शन मिला। -Sahfasli Kheti By Umesh kumar from Muzaffarnagar
हुआ 1 लाख की आमदनी
सहफसली खेती के कारण उन्हें अपने मात्र 1 बीघा जमीन में 1 लाख रुपए की आमदनी हुई इससे उनका मनोबल बढ़ा और अन्य किसान उन्हें देखकर प्रेरित हुए। यहां के अन्य किसानों को भी यह बात समझ में आ गई कि वह अपने खेतों में गन्ने के साथ सहफसली पौधे की बुआई कर अपनी खेती से जुड़े आय के दायरे को बढ़ा सकते हैं। -Sahfasli Kheti By Umesh kumar from Muzaffarnagar
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किसानों के लिए सलाह
उमेश यह बताते हैं कि गन्ने की बुआई हम मई में करते हैं एवं इसी दौरान लगभग 5 फीट की दूरी पर केले की बुआई की जाती है। जिसमें लागत लगभग 20 से 25000 प्रति बीघा आती है एवं लाभ के तौर पर 100000 कमा रहे हैं। इसलिए वह कहते हैं कि अन्य किसान अपनी फसलों में सहफसली खेती कर लाभ कमा सकते हैं एवं अन्य लोगों को भी इससे जोड़ सकते हैं। -Sahfasli Kheti By Umesh kumar from Muzaffarnagar