स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के कोने-कोने में सफाई का काम हो रहा है। ऐसे में कई युवा अपने हुनर से नए–नए अवसरों को तराश रहे हैं। कुछ ऐसा ही कार्य हो रहा है देवास में जहां वेस्ट से बेस्ट बनाया जा रहा है।
आपको बता दें कि कचरे में फेंक दी जाने वाली फूल मालाओं से यहां धूप बत्ती बनायी जा रही है। शहर के 6 मंदिरों से चढ़े हुए फूल इकट्ठा करके अगरबत्ती बनाने का यह काम नगर निगम और माता की टेकरी ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में होता है। माता की टेकरी पर ही इसका प्लांट लगाया गया है। – Working towards making the waste the best, incense and incense sticks are made from the flowers offered in the temple.
वेस्ट को बेस्ट बनाया जा रहा
देवास जिले में प्रशासन का लक्ष्य हर तरह के वेस्ट मटेरियल को उपयोगी बनाने का है। ऐसे ही लक्ष्य के साथ एक वेस्ट को बेस्ट बनाने का प्लांट माता टेकरी पर लगाया गया है। चामुण्डा माता टेकरी में शंखद्वार के पास नगर निगम और मां चामुण्डा शासकीय देवस्थान प्रबंध समिति ने प्लांट लगाया है, जिसमें अपशिष्ट फूलों से धूपबत्ती स्टीक बनायी जा रही हैं। आमतौर पर मंदिरों से रोज 100 से 200 किलो फूल निकलते हैं, लेकिन नवरात्रि जैसे अवसरो पर ज्यादा फूल मिल रहे हैं, जिससे धूप बत्ती भी ज्यादा बनायी जा रही है।
फूल मालाओं से बनाया जा रहा हैं धूपबत्ती स्टिक
जानकारों के अनुसार गर्मी का मौसम होने के कारण नवरात्रि के बाद इसमें गिरावट आएगी। आने वाले समय में बड़े पैमाने पर इसे बनाने की योजना बनाई जा रही हैं। पिछले चार माह से नगर निगम, देवास और सहयोगी संस्था ग्रीन क्रॉप बायो केम एण्ड फर्टिलाइजर की मदद से यह काम लिया जा रहा है। शहर के विभिन्न प्रमुख मंदिरों से निकलने वाली फूल मालाओं को इकट्ठा कर उनसे धूपबत्ती स्टिक बनायी जा रही हैं ओर उसे दुकानों पर बेचा जा रहा है। – Working towards making the waste the best, incense and incense sticks are made from the flowers offered in the temple.
फूल से धूपबत्ती बनाने का प्रोसेस
इस प्रोसेस में सबसे पहले मंदिरों में उपयोग होने वाली फूल मालाओं को नगर निगम की गाड़ी द्वारा प्लांट तक पहुंचाया जाता हैं। उसके बाद सभी फूल को धूप में सुखाकर उन्हें मशीन में डालकर अलग किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद, जो मटेरियल निकलता है उसे अपशिष्ट को अन्य मशीन में घोलकर डाला जाता है। इस तरह कुछ देर में अगरबत्ती और धूपबत्ती स्टीक तैयार हो जाती है। अब थोड़ी देर इसे धूप में सुखाने के बाद लेबल लगी थैली में पैक कर दिया जाता है। बताते चलें कि इसका दाम भी कम है।
नगर निगम आयुक्त विशाल सिंह बताते हैं कि हमने माता टेकरी पर नया एक प्रयोग शुरू किया था। शहर में बहुत सारे मंदिर हैं, जिसमें से निकलने वाले फूलों का उपयोग सही तरीके से नहीं किया जा रहा यह अपशिष्ट फूल फेंक दिए जाते थे। हालांकि अब 100-200 किलो फूल रोज आ रहा है, जिससे बड़ी मात्रा में अगरबत्ती ओर धूपबत्ती बनायी जा रही हैं। – Working towards making the waste the best, incense and incense sticks are made from the flowers offered in the temple.