वर्तमान जेनरेशन में सभी चीजें डिजिटल हो चुकी हैं। कृषि विभाग ने भी डिजिटलीकरण की विशेतषता को स्वीकृत करते हुए किसानों के डेटाबेस रिकॉर्ड का निर्माण किया जा रहा है। इस रिकॉर्ड के जरिए बहुत से सर्विस का विस्तारण होगा। इसी डाटाबेस के जरिए ही देश के सभी किसानों की एक यूनिक आईडी बनेगी, जिसमें उनके सभी रिकॉर्ड होंगे। साथ ही उन्हें आने वाले कल में कैसे लाभ हो इसकी जानकारी दी जाएगी। (Unique ID of farmer)
किसानों का डेटाबेस तैयार
जानकारी के अनुसार अभी करीब 5 करोड़ की संख्या में किसानों का डेटाबेस क्रियेट हुआ है। उम्मीद है कि शीध्र ही सभी किसानों को एड कर उनका भी डेटाबेस तैयार हो जाएगा। (Unique ID of farmer)
आखिर किस तरह किया जा रहा डाटा क्रियेट?
किसानों का रिकॉर्ड मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पीएम किसान और पीएम फसल बीमा योजना द्वारा इकट्ठा किया जा रहा। इतना ही नहीं बल्कि सभी जगहों से रिकॉर्ड इकट्ठा कर कृषि के डाटा को क्रिएट किया जा रहा है। (Unique ID of farmer)
आखिर क्या है इससे लाभ?
इस डेटाबेस द्वारा किसानों को अनेक प्रकार का लाभ प्राप्त होने वाला है। उन्हें यह निर्णय लेने में आसानी रहेगी कि वह अपने खेतों में किस तरह के फसल को उगाएं। वह बीज किस प्रकार का हो एवं उसकी कब बुवाई करें और अधिक-से-अधिक उपज के लिए किन चीजों का उपयोग करें। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि किसान को यह निर्णय लेने में भी आसानी होगी कि वह अपने उत्पादन का भंडारण कैसे करें? (Unique ID of farmer)
आय में होगी बढ़ोतरी
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा सरकार यह कोशिश कर रही है कि किसानों को अधिक मात्रा में लाभ प्राप्त हो। इसके लिए कार्य भी जारी है। किसानों ने ग्रीष्मकालीन बुआई भी लगभग 21 फीसदी अधिक की है। (Unique ID of farmer)