सफलता यह मायने नहीं रखता कि आप कैसे सफल हुए। सफलता यह मायने रखता है कि आप किस संघर्षों का सामना करके सफल हुए हैं। किसी साधारण परिवार में पले-बढ़े होने के बावजूद भी एक अच्छी उपलब्धि हासिल करना हर किसी की चाहत होती है। लेकिन अगर वह उस उपलब्धि को हासिल कर ले तो उसके परिवार के साथ-साथ उसका भी अपना अलग महत्व हो जाता है। आज हम आपको एक साधारण परिवार में पलने वाले एक लड़के की कहानी बताएंगे जिन्होंने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में 1 नम्बर रैंक लाकर सभी बच्चों के लिए उदाहरण पेश किया।
प्रदीप सिंह
प्रदीप सिंह (Pradeep Singh) हरियाणा (Hariyana) से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म साधारण परिवार में हुआ। यह उनका चौथा प्रयास है जिसमें उन्होंने टॉप किया है। ऐसा नहीं है कि वह अपने पिछले प्रयास में असफल रहे बल्कि उन्हें अपने तीसरे प्रयास में सफलता मिली थी। लेकिन उनका रैंक कम था जिस कारण उन्हें भारतीय राजस्व विभाग में अपना कार्यभार संभालना पड़ा। प्रदीप आगे कुछ करना चाहते थे इसलिए अपनी रैंक सुधारने के लिए उन्होंने मेहनत की और इस बार टॉप किया।
#BREAKING: J&K Govt makes Roshini Act Influential Beneficiaries List public on Govt website as per Court order. List among others names former J&K Finance Minister Haseeb Draboo, Congress leader KK Amla, Business Tycoon Mushtaq Ahmad Chaya. Roshini is biggest scam in J&K history. pic.twitter.com/s1Mg3Popr2
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 24, 2020
प्रदीप सिंह के इंटरव्यू का वीडियो यहां देखें
बिना कोचिंग के किया टॉप
प्रदीप ने पहले तो परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग ज्वाइन किया था। लेकिन उन्होंने इस बार कोई भी कोचिंग नहीं किया और तैयारी खुद की फिर टॉपर बनें। प्रदीप ने बताया कि उनका मन है अगर उन्हें हरियाणा में ड्यूटी करने को मिले तो वह उनके लिए खुशी की बात होगी। प्रदीप को उनकी सफलता की खुशी उन्हें उनके एक दोस्त ने फोन कॉल के जरिए दिया। प्रदीप अपने इस यूपीएससी में सफल होने का श्रेय अपने पिता को देते हैं। प्रदीप ने बताया कि मैं अपने पिता के आशीर्वाद से हीं इस उपलब्धि को हासिल कर पाया हूं।
साधारण परिवार में पालन-पोषण होने के बावजूद जिस तरह उन्होंने आईएएस बनकर अपने सपने को पूरा किया है उसके लिए The Logically प्रदीप जी को बहुत-बहुत बधाईयां देता है।