हमारे देश में किसानों को अन्नदाता माना जाता है क्योंकि उन्हीं के बदौलत हमारे पेट का भरण-पोषण होता है। वैसे तो हमारे देश में अधिकतर लोग गांव में रहते हैं और उनके जीवन-यापन का जरिया खेती है। हालांकि पहले लोगों का नजरिया अलग था और आज अलग है। लोग मानते थे कि गांव के लोगों का जन्म मात्र खेती के लिए ही हुआ है। लेकिन आज गांव के अपेक्षा शहरों में ज्यादा खेती की जा रही है क्योंकि आज सबको पता है कि खेती करने के क्या-क्या फायदे हैं और इसे अपने आय का मुख्य स्रोत कैसे बनाया जाए??
अगर आप शहरों में रहते हैं और ये सोचते हैं कि यहां खेती नहीं की जा सकती तो आपका सोंच गलत है। क्योंकि जो खेती आपको अधिक लाभ देगी वो शहर की ही खेती है। गांव की खेती के अपेक्षा आप शहर की खेती से अधिक उत्पादन प्राप्त कर अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
शहरों के लोगों में भी जगा खेती का शौक
पहले लोग शहरों में मात्र गार्डेनिंग हीं किया करते थे। आज लोग जगह की तलाश कर खेती प्रारंभ कर दे रहे हैं। जैसे लोग खाली प्लॉट, घर की छत, बालकनी आदि जगहों किसी भी कंटेनर में सब्जियों की खेती प्रारंभ कर दे रहे हैं। शहर में लोग बिना मिट्टी के हाइड्रोपोनिक तकनीक से भी खेती कर रहे हैं। अब गांव की अतिरिक्त शहर के लोग भी अपनी जरूरतों के कुछ महत्वपूर्ण सामग्रियां थोड़ी सी मेहनत के साथ उत्पादित कर पा रहे हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गांव की खेती की अपेक्षा आज शहरों की खेती में लोग 4 गुना अधिक उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं क्योंकि आज खेती करने के ऐसे बहुत से साधन और पद्धति मौजूद है जिसे अपनाकर आप आसानी से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। -By adopting hydroponics method in cities, 4 times more production is being done than in villages
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खेती को सकारात्मकता और स्वस्थ्य जीवनशैली का उद्देश्य माना जाता है
एक शोध के दौरान ये जानकारी मिली कि शहरों में अब लोग अपने व्यस्त जीवन से वक्त निकालने के प्रयास में लगे रहते हैं ताकि वह स्वयं की खाने योग्य फल और सब्जियां खुद ही तैयार कर लें। साथ ही लोग यह भी चाहते हैं कि वह अपने खाली जगहों पर फल-फूल तथा सब्जी की खेती कर सकें और उनका मन तृप्त करने के साथ उनके घर मे फूलों से सकारात्मकता बनी रहे। एक ओर जहां पहले लोग खेती को गलत मानते थे तो आज वही खेती आज सजरात्मकता तथा स्वस्थ्य जीवनशैली का उद्देश्य बना हुआ है। -By adopting hydroponics method in cities, 4 times more production is being done than in villages
शहरों में हाइड्रोपोनिक्स पद्धति अधिक उपयोगी
अगर हम खेती के पद्धतियों की बात करें तो वैसे तो आज खेती करने के बहुत से पद्धति मौजूद है परंतु शहरों में खेती के लिए अधिकतर लोग हाइड्रोपोनिक पद्धति को अपना रहे हैं। क्योंकि इस खेती में मिट्टी की आवश्यकता नहीं पड़ती आप पानी की मदद से ही खेती कर सकते हैं। मतलब पौधों को लगाने हेतु मिट्टी नहीं बल्कि पानी की आवश्यकता है। हाइड्रोपोनिक पद्धति द्वारा तैयार किए गए फैसलों में बेहतर क्वालिटी पाया जाता है और ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
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शहरों में लोग हाइड्रोपोनिक पद्धति को अपनाकर ब्रोकाली, टमाटर लेट्यूस आदि कई प्रकार के पत्तिदार सब्जियों को लोग उगा रहे हैं। इसके अतिरिक्त कुछ लोग फलीदार और बेलदर पौधों को भी लगा रहे हैं। उन्हें इस हाइड्रोपोनिक्स पद्धति द्वारा काफी लाभ भी मिल रहा है और साथ ही स्वस्थ जीवन शैली को अपनाकर खुश भी है। हाइड्रोपोनिक अधिकतर लोगों के लिए आय का स्रोत भी बना हुआ है। -By adopting hydroponics method in cities, 4 times more production is being done than in villages
कोरोनकाल में बढ़ा खेती का अधिक दायरा
जानकारी के अनुसार कोरोनावायरस महामारी में जब लॉकडाउन लगा इस दौरान भी शहरी खेती में खूब तारीफ बटोरी। लोग अपने घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे इसीलिए उन्होंने एक दूसरे को देखते हुए खेती प्रारंभ कर दी। उनका वक्त भी आसानी से बीत गया और साथ ही अपने खाने योग्य फल तथा सब्जियों के लिए उन्हें बाजारों के चक्कर नहीं लगाने पड़ें। कोरोना वैश्विक महामारी में शहरों की खेती में अधिक बढ़ावा लिया और आज यह लोगों का शौक बन चुका है। –By adopting hydroponics method in cities, 4 times more production is being done than in villages