हिन्दू धर्म में गाय का बहुत महत्व है। इस धर्म में गाय की पूजा की जाती है तथा साथ ही उसके दूध-दही, गोबर-मूत्र आदि का इस्तेमाल पूजा-पाठ में भी किया जाता है। इतना ही नहीं आजकल तो गाय के गोबार को रोजगार का साधन बनाकर कई लोग खुद अच्छी कमाई करने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी रोजगार से जोड़ रहे हैं।
उन्हीं लोगों में से एक हैं उषा गुप्ता (Usha Gupta) जो, गोबर (Dung) को कमाई का जरिया बनाकर लगभग 100 से अधिक परिवारों को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया है। (Cow Dung Products) आज वह गोबर का इस्तेमाल करके कई सारे ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट तैयार कर रही हैं, जिससे कई लोगों को भी रोजी-रोटी कमाने का जरिया मिला है। इसी कड़ी में चलिए जानते हैं उनके बारें में विस्तार से-
कोरोना में छिन गई नौकरी
उषा गुप्ता (Usha Gupta) जोरबाग की रहनेवाली हैं, जो कभी घरेलू झगड़ो की वजह से साल 2017 में दिल्ली शिफ्ट हो गईं थीं। वहां वह अपना गुजारा करने के लिए कथक डांस सीखाना शुरु किया था। इससे उनकी गुजर-बसर चल रही थी लेकिन कोरोना महामारी ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया। कथक डांस सीखाने का काम बंद हो गया। उसके बाद साल 2021 में उनकी मां की स्वर्ग सिधार गईं। ऐसे स्थिति में वह दिल्ली से वापस अंबाला लौट आईं।
गोबर से उत्पाद बनाने का किया फैसला
घर में विपरीत परिस्थितियां होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और खुद का कुछ करने का दृढ़संकल्प किया। वह कहती हैं कि, एक बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक भाषण सुन रहीं थीं जिसमें उनके द्वारा गोबर से रोजगार शुरु करने और उसकी ट्रेनिंग की बातें बताई जा रही थी। उसके बाद ही उन्होंने गोबर से कमाने का फैसला किया। Usha Gupta makes Many Types of Products from Cow Dung.
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ट्रेनिंग लेकर खुद से शुरु किया गोबर से प्रोडक्ट बनाना
गाय के गोबर (Cow Dung) से रोजागार सृजित करने के लिए उन्होंने इंटरनेट पर उसके बारें में जानकारी जुटाना शुरु किया। इतना ही नहीं उन्होंने गौशाला में भी काम किया ताकि गोबर को रोजगार का जरिया बनाया जा सके। इस दौरान उन्हें पता चला कि नागपुर में गोबर से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है तो उषा वहां जाकर ट्रेनिंग लेने लगीं। उसके बाद उन्होंने गोबर से उत्पाद बनाने के लिए सबसे पहले खुद से ही गोबर से प्रोडक्ट बनाना शुरु किया। वर्तमान में वह दिवाली पर्व आने से पहले दुबई भेजने के लिए 10 लाख दीये तैयार करवा रही हैं।
100 परिवारों को दिया है रोजगार
आपको बता दें कि उषा गुप्ता ने सिर्फ नागपुर ही नहीं बल्कि गुजरात और उत्तराखंड से भी गोबर से प्रोडक्ट बनाने की ट्रेनिंग लिया। उसके बाद इसी सिलसिले में वापस दिल्ली आईं जहां उन्होंने गौशालाओं से सम्पर्क किया। अब इस काम में मशीन की जरुरत भी थी जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने इंजीनियरिंग के छात्रों से मदद मांगी। इन सभी जरूरतों को पूरा करने के बाद उन्होंने गीता कालोनी स्थित गौशाला में गोबर से प्रोडक्ट बनाने की शुरूआत की। अब तक उन्होंने इस काम के माध्यम से 100 परिवारों को रोजगार दिया है।
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गोबर से बनाया जाते हैं कई सारे अलग-अलग प्रोडक्ट
उषा द्वारा गाय के गोबर का इस्तेमाल करके गमले, नेम प्लेट, खड़ाऊ, अगरबत्ती, मूर्ति और दीये समेत 56 अलग-अलग प्रकार के उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। जाहिर सी बात है गोबर से इतने सारे उत्पाद बनाने के लिए अत्यधिक मात्रा में गोबर की आवश्यकता है। ऐसे में उन्होंने इस जरुरत की पूर्ति हेतु दिल्ली के 9 गौशालाओं से गोबर के लिए सम्पर्क किया है जिसके जरिये वह हर महीने देशी गायों के 40 टन गोबर लेती हैं जिससे अलग-अलग उत्पाद बनाया जाता है। इसके साथ ही वह परिवारों से आग्रह करती हैं कि गोशाल में कम से कम 8 परिवार रहें।
ऑनलाइन बेचती हैं प्रोडक्ट
गाय के गोबर (Cow Dung) से उत्पाद बनाने के साथ उन्होंने अनेकों लोगो को रोजगार दिया। साथ ही बहुत कमजोर परिवारों की 19 महिलाओं को गोबर का इस्तेमाल करके उत्पाद बनाने के लिए प्रशिक्षित भी किया ताकि वे कुछ पैसे कमा सके। (Cow Dung Products) गोबर से महिलाएं कंडे बनाती हैं जिसे उषा खरीद लेती हैं। अब बारी आती है गोबर से बने उत्पादों को बेचने की तो वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मेलों के जरिए इन उत्पादों की बिक्री करती हैं।