Home Inspiration

उत्तराखंड के इस शिक्षक ने बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर, बच्चे प्राइवेट छोड़कर सरकारी स्कूल में ले रहे नामांकन

भारत के सरकारी स्कूलों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। यहां पढ़ाई की गुणवत्ता की कमी को स्पष्ट तौर पर समझा और महसूस किया जा सकता है। यही वजह है कि अब सरकारी स्कूलों में लगातार छात्र की संख्या कम हो रही है। लेकिन कुछ सरकारी स्कूल इसके अपवाद भी हैं। वहां की परिस्थिति इनसे बिल्कुल अलग और सकारात्मक है।

उत्तराखंड के टिहरी जिले में भिलंगना ब्लाक के दुर्गम क्षेत्र के प्रावि लैणी हिंदाव विद्यालय। इसमें तैनात शिक्षक की मेहनत व जागरुकता का असर है कि इस विद्यालय में छात्रों की संख्या में लगातार इजाफा ही होता है। – Laini Hindav Vidyalaya situated in Tehri district of Uttarakhand, it despite being government but is equipped with all facilities.

Teacher Hridayram Started With 18 Children

18 बच्चे के साथ शुरू हुआ यह विद्यालय

लैणी हिंदाव विद्यालय, जो सात हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित हैं। हृदयराम (Hridayram) की तैनाती इस स्कूल में साल 2009 में बतौर शिक्षक हुई थी। उस समय इस गांव के ज्यादतर बच्चे प्राइवेट विद्यालयों में जाते थे। 18 बच्चों के साथ शुरू हुआ यह विद्यालय चलाना आसान नहीं था, लेकिन विद्यालय में तैनात अध्यापक ने अपनी पूरी जिम्मेदारी बहुत अच्छे से निभाया और विद्यालय को एक मुकाम तक पहुंचाए।

यह भी पढ़ें:-एक आर्टिस्ट ऐसा भी! कचड़े से बनाता है खुबसूरत कलाकृतियां, वेस्ट मटेरियल से बनाई कई बड़ी हस्तियों की दुर्लभ तस्वीर

आज विद्यालय में छात्रों की संख्या 48 है

शिक्षक हृदयराम स्कूल छुट्टी के दिन में लोगों के घर-घर जाकर उन्हें जागरूक करने का प्रयास करते थे। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार किया गया, जिससे आज विद्यालय में छात्रों की संख्या 48 तक पहुंच गई है। वर्तमान में विद्यालय के बच्चे जनपद से राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर स्थान प्राप्त करते हैं, और विद्यालय से बच्चों का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय में भी हो रहा है। सरकारी स्कूल होने के बावजूद भी विद्यालय में सभी सुविधाएं मौजूद हैं जैसे प्रोजेक्टर, लैपटॉप, कंम्प्यूटर आदि।

हृदयराम का स्कूल को बढ़ाने में बेहतर योगदान

इस विद्यालय में नवाचारों के साथ छात्राओं के लिए बेहतर शिक्षण व्यवस्था सृजित किया गया है। शिक्षक के प्रयासों से विद्यालय के सरकारी भवन को भी दुरुस्त किया गया। साथ ही स्कूल परिसर में कई प्रकार की फूलों की क्यारी बनाकर विद्यालय को सजाने संवारने का भी काम किया जाता है। शिक्षक हृदयराम को अनके इस कार्य के लिए शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए चुना गया हैं। उनसे प्रभावित होकर अन्य शिक्षक भी छात्राओं की उज्वल भविष्य के लिए प्रयास कर रहे हैं। – Laini Hindav Vidyalaya situated in Tehri district of Uttarakhand, it despite being government but is equipped with all facilities.

यह भी पढ़ें:-खाने की थाली में क्यों नही परोसी जाती हैं 3 रोटियां, जानिए इसके पीछे का धार्मिक और साइंटिफिक कारण

Exit mobile version