कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिए आप में दृढ़ इच्छा और हिम्मत होनी चाहिए तो सफलता निश्चित है। आज हम आपको इस लेख द्वारा 4 ऐसे मित्रों से मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने एक साथ मिलकर चाय का स्टार्टअप प्रारंभ किया और साथ हीं लोगों को ज्ञान देने का भी शुभ कार्य किया। उन्होंने लोगों की पढाई हेतु लाइब्रेरी भी बनाई जहां चाय के साथ लोग मुफ्त का ज्ञान भी प्राप्त कर सकते हैं।
हमारे यहां हर किसी के दिन की शुरूआत चाय की चुस्कियों के साथ तथा दिन का अंत भी इसी से होती है। इसके लिए कुछ लोग घर का बनाया हुआ चाय पसन्द करते हैं तो कुछ लोग बाहर की दुकान या स्टॉल का। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि अगर आप किसी चाय की दुकान या स्टॉल पर जाएं तो आप चाय पीने के साथ किताबी ज्ञान भी पा सकते हैं। ये कार्य 4 मित्रों ने मिलकर प्रारम्भ किया ताकि लोग चाय के साथ किसी अन्य नशीले पदार्थ जैसे गुटखा और सिगरेट का सेवन न करें।
- चाय की स्टॉल टी नो एज (Tea Know Age)
ये चारों मित्र जॉब के साथ कुछ ऐसा करना चाहते थे कि उन्हें एक्सपीरिमेंट के साथ एक्सपीरिएंस भी हो। इसी के साथ टी बुक स्टॉल (Tae Book stall) का शुभारंभ हुआ। उन्होंने अपने इस चाय के स्टॉल का नाम टी नो एज (Tea Know Age) रखा। वे ये चाहते थे कि लोग चाय के साथ ज्ञान भी पाएं ना कि नशीले पदार्थों के सेवन का लत लगाएं। हम सब ने ये देखा कि अक्सर लोग चाय के स्टॉल पर चाय पीते हैं और फिर गुटखा या सिगरेट आदि मुंह में लिए आगे बढ़ जाते हैं।
- 4 वर्ष की तैयारी के बाद प्रारम्भ हुआ टी स्टॉल
वे चारो मित्र राहुल वर्मा (Rahul Varma) दीपक भदौरिया (Deepak Bhadauriya) अमित सक्सेना (Amit Saksena) तथा लोकेंद्र (Lokendra) हैं। उन्होंने चाय के इस स्टॉल को शुरू करने के लिए 4 वर्षों तक तैयारी की तब जाकर ये कार्य पूरा हुआ। ये चारों मित्र बचपन के नहीं बल्कि कंपनी में जॉब के दौरान बने हैं, तब से रिश्ता काफी मजबूत हो चुका है। जॉब के दौरान हीं उन्होंने ये तय किया था कि वह स्वयं अपना व्यापार भी शुरु करेंगें।
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- 1.50 लाख रुपए की लागत से खुला स्टॉल
उन्होंने डेढ़ लाख रुपए की लागत के साथ चाय का स्टॉल खोला और प्रतिदिन जॉब के बाद ये स्टॉल चलाने लगे। ये स्टॉल 6 बजे संध्या में खुलती है और 10 बजे तक चलती है। वही वीकली होलीडे पर सुबह 10 से 10 बजे रात तक चलता है। अमित का ये मानना है कि अगर आप चाहें तो कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। आवश्यक नहीं है कि काम बड़ा है या छोटा। वैसे तो लोग इस बात से कतराते हैं कि वह रोड के किनारे कोई कार्य प्रारंभ करें लेकिन इसमें आपको शर्मिंदगी नहीं बल्कि फक्र महसूस करना चाहिए।
- मात्र 10 रुपए में चाय और किताब दोनों
आप यहां 10 से लेकर 19 रुपए तक का चाय पी सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप यहां 5 प्रकार के वाटर फ्लेवर का भी टेस्ट ले सकते हैं। साथ ही यहां आप 24 रुपए में कॉफी भी पी सकते हैं वो आपके पसंदीदा फ्लेवर के अनुसार। चाय के साथ यहां आप बुक भी पढ़ सकते हैं वो भी मुफ्त में। अगर आप चाय नहीं भी पीना चाहते हैं तो सिर्फ किताब भी पढ़ सकते हैं वो भी फ्री। यहां आपको 150 से अधिक किताबें मिलेंगी। उन्होंने अपने स्टॉल का रजिस्ट्रेशन पीएम स्वावलम्बन योजना के तहत कराया है।
जानकारी के अनुसार जब अमित की जॉब छूट गई तब उन्होंने शू एक्सपोर्ट का कार्य प्रारंभ किया लेकिन वह इसमें असफल हुए। फिर उन्होंने एग्रीकल्चर के क्षेत्र में अपना लक आजमाया जिसमें भी वह असफल हुए। आगे किसी के सजेशन पर उन्होंने 7 हैबिट नाम की किताब का अध्ययन किया जो उन्हें काफी रोचक लगा। अब ये चारों मित्र किताबें पढ़ने लगें और बुक खरीदने लगे। वह प्रत्येक सप्ताह में 5 किताबें पढ़ लेते थे जिस कारण उनके पास किताबों का ढेर लग गया। इसी दौरान उन्होंने ये निर्णय किया कि वह चाय की स्टॉल लगाएंगे और साथ ही यहां लाइब्रेरी भी खोलेंगे ताकि लोग बुक के साथ चाय का आनंद भी ले सकें।
- कई फ्लेवर की चाय, पानी तथा कॉफी
राहुल वर्मा ये कहते हैं कि इस कार्य को प्रारम्भ करने से पूर्व हमने बड़े-बड़े रेस्तरां तथा चाय की दुकानों का दौरा किया और जानकारी एकत्रित की। घर आकर वह विभिन्न प्रकार के चाय बनाया करते और घरवालों से उसके टेस्ट पूछते थे तब जाकर आगे ये कार्य प्रारंभ किया। हमारे स्टॉल पर बनी हुई चाय हमारे ग्राहकों को भी काफी पसंद आता है। इस स्टॉल पर आप चॉकलेट चाय, बम्बई मसाला चाय तथा नॉर्मल चाय के साथ अलग-अलग स्वाद की चाय मिलती हैं।