हम सभी ये जानते हैं कि अगर कोई मोटी रकम वाली नौकरी कर रहा तो उसकी जिंदगी ऐशो आराम से गुजरेगी। अगर इसमें आप से कोई यह कहे कि किसी शख्स ने कॉरपोरेट की नौकरी छोड़ खेती को अपनाया है तो आप उसे मन्दबुद्धि ही कहेंगे, या फिर ये कह सकते हैं कि ऐसा असम्भव है।
आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे शख़्स की है, जिन्होंने कॉरपोरेट की लाखों रुपए की नौकरी को छोड़ गांव आने का निश्चय किया और आज खेती कर अन्य लोगों हेतु रोजगार सृजित कर रहे हैं।
रवि कुमार (Ravi Kumar) का परिचय
वह शख्स रवि कुमार (Ravi Kumar) हैं जो उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के इटावा (Itava) से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संपन्न करने के बाद एमबीए की डिग्री हासिल की आगे उनकी नौकरी कोटक महिंद्रा एवं एलएनटी जैसे कंपनियों में लगी। उनकी जिंदगी की रफ्तार अच्छे से चल रही थी परंतु उनका मन इस कार्य में नहीं लग रहा था। तब उन्होंने इस नौकरी को छोड़ने का निश्चय किया और इसे छोड़ गांव आए। – Ravi Kumar from Uttar Pradesh Started marigold cultivation
नौकरी छोड़ लौटे गांव शुरू की खेती
हालांकि उनके लिए इस नौकरी को छोड़ना आसान काम नहीं था। जब उन्होंने नौकरी छोड़ा इस दौरान उनके दोस्तों और रिश्तेदारों ने इस पर खूब चर्चा किया। उनके परिवार का कोई भी सदस्य नहीं चाहता था कि वह इस नौकरी को छोड़ें। परंतु रवि ने किसी की नहीं सुनी क्योंकि वह अपने मन की करना चाहते थे और गांव आकर खेती प्रारंभ कर दी। – Ravi Kumar from Uttar Pradesh Started marigold cultivation
गांव के लोगों ने किया अनेकों सवाल
जब वह गांव आए तो यहां लोग उनसे पूछने लगे कि यहां आकर तुम्हें क्या करना है और तुमने अपनी अच्छी खासी नौकरी क्यों छोड़ी?? परंतु उन्होंने अपने ध्यान को केंद्रित करते हुए जो करना था उस पर फोकस किया। वैसे तो उन्होंने बड़े-बड़े कम्पनियों में काम किया था परन्तु उनका लगाव आज भी देश की मिट्टी से था। – Ravi Kumar from Uttar Pradesh Started marigold cultivation
गांव में जानवरों से थी किसानों को दिक्कत
रवि के अनुसार यहां गांव में लोगों के फसलों को नष्ट करने में नीलगाय का बहुत बड़ा हाथ था। किसान इससे अत्यधिक परेशान थे क्योंकि फसल बर्बाद हो जाने से उन्हें हानि पहुंचती थी। तब रवि ने फसलों के बारे में सोचना प्रारंभ किया क्योंकि उनका फोकस सिर्फ इसी बात पर था कि ऐसा क्या करूं जिससे जानवरों से फसलों की बर्बादी ना हो?? – Ravi Kumar from Uttar Pradesh Started marigold cultivation
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किया 2 बीघा में गेंदे की खेती
उन्होंने दो बीघा जमीन में खेती प्रारंभ की और यहां गेंदा के फूल के पौधों को लगाया। मात्र 2 महीने में यह फसल अच्छी तरह तैयार हो गया वैसे तो उनका यह पहला एक्सपेरिमेंट था परंतु इसमें सफलता निश्चित मिली। वह बताते हैं कि 1 बीघा गेंदा की खेती करने में उर्वरक से लेकर नर्सरी तक में लगभग 3000 की लागत होती है। वही जब फसल पक जाता है तो लाभ के तौर पर 40000 तक रूपए कमाया जा सकता है। – Ravi Kumar from Uttar Pradesh Started marigold cultivation
अन्य किसान भी खेती के गुर सिख रहे
उनके फूलों की बिक्री दूसरे जिले में भी होती है। उनके फूल आगरा, कानपुर एवं दिल्ली की मंडियों में बिकने के लिए जाते हैं। वह अपने जिले के अन्य किसानों को भी इस खेती से जोड़ रहे हैं और इसके गुण सिखा रहे हैं। उनके आसपास के 5 गांव के 12 किसान खेती के गुर सीखकर स्वयं इसकी खेती प्रारंभ कर लाभ अर्जित कर रहे हैं। – Ravi Kumar from Uttar Pradesh Started marigold cultivation
गर्मियों के सीजन में उगाते हैं थाईलैंड के बीज
वह बताते हैं कि गर्मियों के सीजन में इसकी खेती करने में समस्या हुआ करती थी इसीलिए मैंने थाईलैंड से गेंदे के फूल के बीज मंगवाए और फिर बागवानी प्रारंभ की। वहां के बीजों से तैयार हुए पौधे लगभग 12 महीने में फूल देना प्रारंभ करते हैं। इसके फूल का उपयोग अधिकतर बुके बनाने में किया जाता है। गेंदे के फूल में लोग कलकतिया और जाफरी को अत्यधिक पसंद करते हैं। – Ravi Kumar from Uttar Pradesh Started marigold cultivation
किए जा चुके हैं सम्मानित
रवि का यह मानना है कि मैं धान, गेहूं की खेती से जितनी कमाई नहीं कर सकता उससे अच्छी कमाई गेंदे के फूल की खेती से कर रहा हूं। अब वह इसकी खेती अधिकतर जमीन में कर रहे हैं और उनका यह मानना है कि मेरा नौकरी छोड़ने का फैसला गलत नहीं था। रवि का कार्य जिला अधिकारी को बेहद पसंद है और उन्हें अपने कार्य के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है। – Ravi Kumar from Uttar Pradesh Started marigold cultivation