Wednesday, December 13, 2023

चलती-फिरती “चाची की रसोई” से भरता है गरीबों का पेट, बिफन देवी खुद के पैसों से करती हैं यह नेक कार्य

हमारे देश में गरीबी एक बहुत बड़ी समस्या है और देश की एक बड़ी आबादी इस समस्या से ग्रसित है। वही यदि रिपोर्ट्स की बात करें तो ग्लोब्र हंगर इंडेक्स 2021 के 116 देशों में से भारत 101 वें स्थान पर है। इस रिपोर्ट से आप समझ सकते हैं कि हमारे देश की एक बड़ी आबादी किस दौर का सामना कर रही है।

हालांकि, गरीबी को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा जा रही हैं। इसके अलावा हमारे समाज में भी कुछ ऐसे दिलेर और नेक लोग मौजूद हैं, जो गरीबी की मार झेल रहे लोगों की भूख मिटाने के साथ कुपोषण को भी दूर करने में अपना सहयोग दे रहे हैं। ऐसे लोगों में एक नाम बिफन देवी (Bifan Devi) का शामिल है, जो प्रतिदिन गरीबों का पेट भरने का नेक कार्य कर रही हैं।

आइए जानते हैं बिफन देवी और उनके इस नेक पहल के बारें में विस्तार से-

“चाची की रसोई” से 8 गावों के गरीब-जरुरतमन्दों का भरती हैं पेट

बिफन देवी (Bifan Devi), उत्तरप्रदेश (Uttarpradesh) के सोनभद्र (Sonbhadra) के राजपुर गांव (Rajpur Village) की रहनेवाली हैं और उनके पति का नाम कल्लू यादव है। बिफन देवी “चाची की रसोई” (Chachi Ki Rasoi) चलाती है और इसके माध्यम से वह और उनके पति दोनों अपने आसपास के लगभग 8 गांवों के गरीबों का पेट भर रहे हैं। वह कहती हैं कि, कोरोना महामारी ने अनेकों लोगों को सड़क पर लाकर छोड़ दिया था, तो कई भोजन नहीं मिलने की वजह से भूख से तड़प रहे थे। लोगों की ऐसी स्थिति देखकर उन्हें बहुत दुख हुआ और तब उन्होंने “चाची की रसोई” की शुरूआत की।

वह आगे बताती हैं कि, इस नेक पहल की शुरूआत से लेकर अभी तक महीने के 20-25 दिन लोगों का पेट भरती हैं। महीने के इतने दिन खाना खिलाने के बावजूद बावजूद भी उनकी ख्वाइश है कि महीने के तीसों दिन लोगों को भोजन कराएं, ताकि कोई भी गरीब खाली पेट न रहे। Uttarpradesh’s Bifan Devi Feeds the Poor by Chachi Ki Rasoi

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कमाई का बड़ा हिस्सा कर देती हैं समाज सेवा में खर्च

बिफन देवी के बारें में इतना जानने के बाद आप सोच रहे होंगें कि उनकी आमदनी अधिक होगी, या वह किसी बड़े घर से होंगी, लेकिन ऐसा नहीं है। बिफन देवी उन लोगों की लिस्ट में शामिल हैं जो एक सीमित आमदनी होने के बावजूद भी जरुरतमदों की सहायता करते हैं और कमाई का बड़ा हिस्सा समाज के कल्यान में लगा देते हैं। दरअसल, बिफन का एक छोटा राशन का दूकान है, जिससे जो भी कमाई होती है उसका एक बड़ा भाग जरुरतमदों की भूख मिटाने में खर्च हो जाता है।

Uttarpradesh's Bifan Devi Feeds the Poor by Chachi Ki Rasoi

बेटे भी करते हैं माता-पिता का सहयोग

इस नेक कार्य में उनके दोनों बेटे अपने माता-पिता की सहायता करते हैं। बिफन देवी कहती हैं कि, जब वह गरीबों की भूख मिटाती हैं तो उन्हें बेहद खुशी होती है और मन को शान्ती का अनुभव होता है। इसके अलावा उनकी कोशिश है कि कोई भी भूख से नहीं तड़पें।

रोजाना 100 लोगों को खिलाती हैं खाना

चूँकि, बिफन देवी (Bifan Devi) की अपनी राशन की दूकान है इसलिए वह गरीबों को भोजन कराने के लिए अपनी दुकान के राशन क ही उपयोग करती हैं। वह सबसे पहले भोजन तैयार करती है उसके बाद वह और उनके पति उस तैयार खाने को लेकर आसपास के गांवों में पहुंच जाते हैं और लोगों का पेट भरते हैं। वर्तमान में रोजाना चाची की रसोई से तकरीबन 100 लोगों का रोजाना पेट भरता है।

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खाना बनाते समय जल गई थीं बिफन

दरअसल, एक बार जब वह भोजन पका रही थीं तो पकाने के दौरान वह जल गईं थी। इसके बावजूद भी उन्होंने गरीबों का पेट भरना नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि जलने की वजह से उन्हें जो घाव हुआ था उसमें जलन होती थी, दर्द होता था लेकिन जब वह उन गरीबों के बारें में सोचती तो उनके आगे उनकी अपनी तकलीफ कम लगने लगती थी। इसी सोच ने उन्हें गरीबों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।

क्या कहती हैं बिफन?

बिफन देवी कहती हैं कि, दिन के तीनों समय खाना नहीं मिलता तो न सही लेकिन यदि एक वक्त का भी खाना खिलाया जाएं तो भूखे नहीं सोयेगा और न भूख की वजह से कोई मौत को गले लगाएगा। Uttarpradesh’s Bifan Devi Feeds the Poor by Chachi Ki Rasoi.

Uttarpradesh's Bifan Devi Feeds the Poor by Chachi Ki Rasoi

प्रति माह 60 हजार रुपये का आता है खर्च

चाची की रसोई द्वारा की जा रही समाज सेवा में बिफन और उनके पति प्रति माह अपनी कमाई का 60 हजार रुपये दिल खोलकर खर्च कर देते हैं। हालांकि, वह अपनी कमाई से खुद का और गरीबों का ही पेट भरने में सक्षम हैं। उनके पास सेविंग्स के लिए भी पैसे नहीं बचते हैं। चूँकि, उनके बच्चों ने अपनी माता-पिता को लोगों की मदद करते देखा है इसलिए वे भी अपने पैरंट्स की इस नेक काम में मदद करते हैं।

बेटे ने करवाया है चाची की रसोई (Chachi Ki Rasoi) नाम से गाड़ी का डिजाइन

बता दें कि उनका एक बेटा जिनका नाम नीरज है, उन्होंने चाची की रसोई (Chachi Ki Rasoi) नाम से एक गाड़ी डिजाइन किया, जिसमें खाना रखकर उनके माता-पिता अलग-अलग गांवो में जाते हैं। नीरज की इस गाड़ी से बिफन और उनके पति को खाना लेकर जाने में काफी सहुलियत होती है। Uttarpradesh’s Bifan Devi Feeds the Poor by Chachi Ki Rasoi

मंहगाई की इस दौर में भी जिस प्रकार बिफन देवी लोगों की सेवा में जुटी हैं वह बेहद प्रशंसनीय है। The Logically उन्हें और इस नेक काम में भागीदारी निभाने वाले उनके बेटे और पति को भी सलाम करता है।।