उत्तराखंड के चमोली जिले में प्रसिद्ध फूलों की घाटी (Valley of flowers) ट्रैक 1 जून, 2022 से खुलने के लिए तैयार है। यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में आती है। यह जगह कुछ रंगीन और अविश्वसनीय फूलों जैसे गेंदा और ऑर्किड से बसी पड़ी है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में पक्षियों, तितलियों और जानवरों को भी काफी अच्छी संख्या में देखा जा सकता है। अगर आप यहां ट्रैकिंग करने का प्लान बना रहे हैं, तो 31 अक्टूबर, 2022 से पहले प्लान कर लें, क्योंकि इसके बाद ये ट्रैक बंद हो जाएगा।
300 से अधिक हैं फूलों की प्रजातियां मौजूद है यहां
पूरी घाटी (Valley of flowers) दुर्लभ और विदेशी हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है। यहां फूलों की 300 से अधिक प्रजातियां पाईं जाती हैं, जिनमें anemones, geranium, primulus, blue poppy और bluebell शामिल हैं। लेकिन यहां देखने के लिए सबसे खूबसूरत फूल ब्रह्म कमल है, जिसे उत्तराखंड का राज्य फूल भी कहा जाता है। यहां के तरह-तरह के आकर्षक फूल इस जगह को घूमने लायक जगहों में से एक बनाते हैं। रास्ते में कई खूबसूरत पुल, ग्लेशियर और झरने भी देखने को मिलेंगे।
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दुनियाभर से देखने लोग आते है
भारत में सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक के रूप में प्रसिद्ध, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के साथ, दुनिया भर से यात्रियों और ट्रैकर्स को आकर्षित करती है। अल्पाइन फूलों के मैदान, वनस्पतियों और जीवों की समृद्धि और बर्फ से ढकी चोटियों का अद्भुत नजारा बेहद शानदार लगता है।
रामायण और महाभारत में भी इस जगह का विवरण
फूलों की घाटी (Valley of flowers) का उल्लेख आपको रामायण और महाभारत में भी मिल जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फूलों की घाटी वो जगह है, जहां से हनुमान जी लक्ष्मण की जान बचाने के लिए संजीवनी बूटी लाए थे।
घाटी में कई प्रकार के दुर्लभ प्रजाति के फूल है
फूलों की घाटी में कई प्रकार के दुर्लभ प्रजाति के फूल खिले हुए हैं। इनमें से सबसे मनमोहक फूल मोरिना लोंगिफोलिया है। इस फूल की खुशबू आप दूर-दूर तक सूंघने को मिल जाएगी। घाटी में एकोनिटम बालफोरी और सेनेसियो ग्रैसिलिफ्लोरस नाम के फूल भी होते हैं, जो काफी जहरीले माने जाते हैं।
फूलों की घाटी कैसे पहुंचे का मार्ग
अगर आप हवाईजहाज से जाते है तो पास का हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट है। हवाई अड्डा दिल्ली के लिए रोजाना उड़ानों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
अगर आप ट्रेन से जाते है तो पास का रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। गोविंदघाट पहुंचने के लिए यहां से टैक्सी और बसें उपलब्ध हैं।
अगर आप सड़क से जाते है तो गोविन्दघाट तक मोटर योग्य सड़कें हैं। गोविंदघाट से फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए आपको 16 किमी का सफर तय करना होगा। गोविंदघाट दिल्ली और उत्तराखंड के अन्य प्रमुख स्थलों जैसे ऋषिकेश, पौड़ी, चमोली, ऊखीमठ श्रीनगर, जैसी जगहों से बसों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।