कहते हैं गरीबी एक ऐसी चीज है जो बहुत कम उम्र में ही बहुत सारी बातें सीखा देती है। आर्थिक तंगी के वजह से पढ़ने और खेलने-कूदने की उम्र में कई सारे बच्चे अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगते हैं उसे पूरा करने को कोशिश करते हैं।
कुछ ऐसी ही कहानी है सत्यम कुमार (Satyam Kumar) की, जो पढ़ाई के साथ-साथ घर-परिवार का खर्च वहन करने के लिए पेंसिल बेचते हैं। बिहार की राजधानी पटना (Patna) के रहनेवाले सत्यम पटना के NIT घाट के पास पेंसिल बेचते हैं।
The Indian Stories के अनुसार, सत्यम अभी महज चौथी कक्षा का छात्र है और इतनी छोटी उम्र में ही अपनी जिम्मेदारियों को समझकर उसका बोझ उठाने की कोशिश कर रहा है। सत्यम ने बताया कि पिता रिक्शा चलाते हैं जिससे महीने मे 400-500 की कमाई होती है। लेकिन इतनी मंहगाई में चंद रुपयों में परिवार का भरण-पोषन करना बहुत बड़ी चुनौती है।
यहां देखें पेंसिल बेचकर घर का खर्च चलाने वाले सत्यम का वीडियो-
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कहते हैं न कि गरीबी बहुत कम उम्र में अपनी जिम्मेदारियों का बोझ उठाना सीखा देती है। सत्यम भी इतनी छोटी उम्र में अपनी जिम्मेदारियों को समझकर और पिता की मदद करने के लिए स्कूल से लौटने के बाद पेंसिल बेचते हैं। उन्होंने The Indian Stories को बताया कि पेंसिल बेचकर उन्हें रोजाना महज 150 रुपये की आमदनी होती है।
The Indian Stories से बातचीत के दौरान सत्यम (Satyam Kumar) ने बताया कि, उनका सपना है कि वह पढ़-लिखकर साइंटिस्ट बनें। इसी के साथ सत्यम का कहना है कि वैज्ञानिक बनने के बाद वह अपने माता-पिता के लिए घर बनाएँगे क्योंकि उनके पास अपना घर नहीं है और वह किराए के मकान में रहते हैं।