इंटरनेशनल वर्किंग ग्रुप ऑन द डायबिटीक फुट द्वारा जारी किए गए एक रिपोर्ट में पाया गया कि 140 करोड़ जनसंख्या वाले देश भारत में तकरीबन 8 करोड़ लोग डायबिटीज के बिमारी की चपेट में हैं। वहीं भारत ऐसा दूसरा देश है, जहां के अधिकांश लोग इस बिमारी के मरीज हैं। शुगर के 25% मरीजो में सबसे अधिक पैरों से जुड़ी परेशानियां देखने को मिलती है। इतना ही नहीं ये बिमारी इस कदर घातक हो जाती है कि मरीज के पैरों को काटने की भी नौबत आ जाती है।
इसके बारें में किए गए एक रिसर्च के अनुसार, डायबिटीज से ग्रसित हर पांचवा व्यक्ति डायबिटीक फुट की बीमारी का मरीज़ है। वहीं ये भी पता चला है कि, डायबिटीज के 90% मरीज ऐसे होते हैं जिनमें आनेवाले 5-10 वर्षों में उनके पैरों में परिवर्तन आने लगता है। ऐसे में डायबिटीज पेशेंट को होनेवाली समस्याओं से राहत देने के लिए एक युवा ने एक खास तरह के फुटवियर बनाने का स्टार्टअप शुरु किया है, जो इस बिमारी से ग्रसित लोगों को काफी फायदा पहुंचा रहा है।
कौन है वह युवा?
विधान भैया (Vidhan Bhaiya) चेन्नई (Chennai) के रहनेवाले हैं और उनकी उम्र 23 वर्ष है। उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग में अमेरिका के बोस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है।
कैसे आया खास तरह के फुटवियर बनाने का ख्याल?
दसअसल, विधान वर्ष 2016 में अपनी छुट्टियां बिताने के लिए अपने देश भारत आए थे। उसी दौरान वे एक शादी में पहुंचे जहां उनके एक अंकल भी मौजूद थे, जो डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित थे। शादी के दौरान जहां लोग खूब मौज-मस्ती करते हैं वहीं अंकल को काफी असहज महसूस हो रही थी। उन्हें डायबिटीक न्यूरोपैथी के कारण पैरों में दिक्कते देखने को मिल रही थी।
इसके अलावा वे डायबिटीक शोल वाले जूते जो वजनदार होते हैं, पहने थे इसके बावजूद भी शादी में फोटोशूट के दौरान उन्हें काफी समस्या हो रही थी। इन सभी समस्याओं को देखते हुए उसी समय विधान ने सोचा कि क्यों न ऐसे फुटवियर का निर्माण किया जाए तो मरीजों को पहनने में आरामदायक के साथ-साथ स्टाइलिश भी लगे। Vidhan Bhaiya founder of Dr. Brinsley Brand Startup.
यह भी पढ़ें :- नर्सरी लगाने की शुरुआत कैसे करें, जान लीजिए नर्सरी शुरू करने से जुड़ी हर एक जानकारी
शुरु किया खुद का ब्राण्ड
विधान कहते हैं कि, डायबीटिक फुटवियर (Diabetic foot wear) बनाने वाली देश में बहुत ही कम कंपनियां है। ऐसे में खुद का बिजनेस शुरू करने से पहले मरीजों की परेशानियों को जानने के लिए उन्होंने तकरीबन 400 से अधिक डॉक्टर और पेशेंट से बात की और फिर लगभग एक वर्ष तक इसपर शोध किया। उसके बाद वे इटली के सिविटानोवा मार्चे गए, ताकि शू इंडस्ट्री के बारें में उन्हें अधिक जानकारी मिल सके और वे इसे अधिक बेहतर तरीके से समझ सके। उसके बाद वर्ष 2019 में चिकित्सकों और विशेषज्ञों की सहमति के बाद खुद के स्टार्टअप की नींव रखी, जिसका नाम “डॉ ब्रिसले” (Dr. Brinsley) रखा।
कम्फर्ट के साथ-साथ फैशन का भी रखते हैं ध्यान
डायबिटीज पेशेंट्स के पैरों में काफी दिक्कते होती हैं, जिसके कारण वे कम्फर्टेबल फुटवियर की तलाश करते हैं। लेकिन आरामदायक फुटवियर के डिजाइन लोगों को अधिक पसंद नहीं आते हैं, जिसकी वजह से वे तकलीफ सहना अधिक पसंद करते हैं। ऐसा करने से आनेवाले समय में उन्हें बड़ी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है।
ऐसे में विधान अपने ब्रांड में कम्फर्ट के साथ-साथ फैशन का भी बखुबी ध्यान रखते हैं। उनके प्रॉडक्ट इतने खूबसुरत और स्टाइलिश होते हैं कि उन्हें देखने के बाद कोई भी धोखा खा जाए। ये फुटवियर मेडिकली फिट होने के साथ-साथ फैशनेबल भी दिखता है। यही कारण है लोगों को भी उनके ब्राण्ड डॉ ब्रिसले के प्रोडक्ट काफी पसंद आ रहे हैं।
डॉ ब्रिसले ब्राण्ड के जूतों की विशेषता
विधान के ब्राण्ड में 1 हजार से लेकर 3 हजार रुपये तक के जूते मौजूद है, जिनमें 5 से 6 मॉडल महिलाओं के लिए और चार से पांच मॉडल पुरुषों के लिए बनाए गए हैं। अगर जूतों की डिजाइन की बात करें तो यहां स्पोर्ट्स शूज से लेकर पार्टी वियर और बूट्स डिजाइनके जूते भी मिलते हैं। इन फुटवियर्स की विशेषता यह है कि ये काफी आरामदायक है और इसे पहनने पर पैरों में किसी भी तरह का खिंचाव भी महसूस नहीं होता है। इसके अलावा पैरों की उंगलियों के मध्य भी कम्फर्टेबल स्पेस बनी हुई है। इन जूतों को अधिकांश युवाओं द्वारा खरीदा जाता है। Vidhan Bhaiya Founder of Dr. Brinsley Brand Startup.
यह भी पढ़ें :- एक गृहिणी से खाखरा के बङे बिजनेस तक, देश भर में आउटलेट्स के साथ विदेशों में भी अच्छी-खासी मांग
स्कॉलरशिप के पैसे से शुरु किया था यह स्टार्टअप
विधान बताते हैं कि, इस स्टार्टअप (Dr. Brinsley) की शुरुआत उन्होंने अपने स्कॉलरशिप के पैसों से की है। इसके लिए उन्होंने वर्ष 2017 में स्कॉलर्स इंडिपेंडेंट रिसर्च फैलोशिप के लिए अप्लाई किया। वहां से उन्हें 85 हजार अमेरिकी डॉलर अर्थात 63,37,345 रुपये की फेलोशिप मिली। इस फेलोशिप की राशि और कॉलेज से मिली स्कॉलरशिप का इस्तेमाल उन्होंने अपने सपने को पूरा करने में किया।
वह कहते हैं कि, डॉ ब्रिसले ब्रांड (Dr. Brinsley Brand) को शुरू करने के लिए मुझे भी किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ी और ना ही मुझे किसी से आर्थिक मदद लेनी पड़ी, मैं इस बात से बेहद प्रसन्न हूँ। इस स्टार्टअप की शुरुआत करने में डॉक्टर मार्ग नियर और डॉक्टर मार्क सिवाय ने उनकी काफी मदद की।
सालाना 10 लाख की होती है कमाई
इस स्टार्टअप की शुरुआत करने के बाद पहले ग्राहक उनके अंकल बने। वर्तमान में उनका प्रोडक्ट 85 हॉस्पीटल के जुड़ चुका है साथ ही एक हजार से अधिक डायबिटीज मरीजों को लाभ पहुंचा रहा है। डॉ ब्रिसले ब्राण्ड से विधान को सालाना 8-10 लाख रुपये की आमदनी होती है तथा साथ ही इससे कई लोग रोजगार से भी जुड़े है।
वीडियों देखें :-
ऑनलाइन के जरिये करते हैं प्रोडक्ट की मार्केटिंग
हालांकि, कोरोना महामारी के दौरान उन्हें कई समस्याओं से जूझना पड़ा था। लेकिन उसके बाद उन्होंने मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन माध्यम का चुनाव किया और इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए लोगों तक डायरेक्ट प्रॉडक्ट पहुंचाने लगे। इससे अब उन्हें अपने उत्पाद को बेचने के लिए बिचौलिये का सामना नहीं करना पड़ता है।
विधान (Vidhan Bhaiya) ने बताया कि वह हावर्ड यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री लेने वाले हैं, जिसके लिए उन्हें वहां से अप्रूवल लेटर मिल चुका है। इससे उन्हें अपने बिजनेस को और आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
कैसे आया “डॉ ब्रिसले ब्राण्ड” नाम का ख्याल
अपने जूतों के ब्रांड के नाम रखने के बारे में विधान ने बताया कि डॉ ब्रिसले (Dr. Brinsley Start Up) का नाम रिचर्ड ब्रिसले से आया है, जो उनके परिवार द्वारा 14 साल पहले शुरु की गई जूतों की कम्पनी थी। उनके परिवार का उद्देश्य था कि इस कंपनी के जरिए लोगों के बीच कम कीमतों पर यूरोपियन फैशन को बढ़ावा दिया जाए। लेकिन किस्मत को यह मंजूर नहीं था, साल 2010 में पूरी प्रोडक्शन यूनिट जलकर राख हो गई। विधान ने अपने ब्राण्ड में रिचर्ड के जगह डॉ लगाया है क्योंकि यह चिकत्सा से जुड़ी हुई है।