मशरूम पौष्टिक गुणों से भरपूर एक ऐसी सब्जी है जिसका सेवन हर कोई करना चाहते हैं साथ हीं ऐसे कई लोग हैं जो इसे उगाना भी चाहते हैं ताकि वे इससे अच्छी कमाई कर सकें। आपको बता दें कि मशरूम को आप अपने घर में उगा सकते हैं बशर्ते कि आपको इसे उगाने की विधि और जानकारी प्राप्त हो। आज हम आपको मशरूम उगाने वाले सफल शख्स विकास वर्मा (Vikash Verma) की कहानी बताएंगे कि कैसे उन्होंने मशरूम की खेती (Mushroom Farming) को सफल बनाया। आईए जानते हैं उनके और उनके द्वारा की जाने वाली मशरूम की खेती के बारे में…
विकास वर्मा (Vikash Verma) हरियाणा (Haryana) के हिसार (Hisar) जिले स्थित सलेमगढ़ (Salemgarh) गांव के निवासी हैं और वह आज अपनी मशरूम की सफल खेती (Mushroom Farming) से 30 से 40 लाख रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। हालांकि उनकी इस सफलता का सफर इतना आसान नहीं रहा है। जब शुरुआत में उन्होंने मशरूम की खेती शुरू की थी तो उन्हें अच्छा खासा घाटा सहना पड़ा था लेकिन कहते हैं ना कि “निरंतरता और कठिन मेहनत से किए गए काम में एक दिन सफलता जरूर मिलती है” वैसा ही हुआ विकास वर्मा के साथ। मशरूम की खेती में हुए घाटे से उन्हें दुख तो हुआ लेकिन उनके कदम आगे बढ़ने से नहीं रुके और उन्होंने मशरूम की खेती को जारी रखा और अंततः सफलता पाई।
विकास वर्मा (Vikash Verma) जब अपनी पढ़ाई के दौरान 12वीं में फेल हुए तो उनके अंदर पढ़ने की इच्छा खत्म हो गई। चूकि वह एक किसान परिवार से आते थे तो उन्होंने आगे के लिए कृषि को ही करियर बनाना उचित समझा। किसान परिवार से आने के कारण पूर्व से ही खेती से जुड़ी हुई थोड़ी बहुत जानकारियां उनके पास थी। उनके घर में परंपरागत खेती को ही तरजीह दी जाती थी। हालांकि परंपरागत खेती में परिश्रम भी अधिक लगता था और मुनाफा भी बहुत कम होता था। इसके बाद विकास वर्मा ने परंपरागत खेती से अलग हटकर मशरूम की खेती करने का विचार बनाया।
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अपने थोड़ी बहुत जानकारी के आधार पर ही उन्होंने मशरूम की खेती की शुरुआत की। शुरुआत में उन्होंने अपने एक दोस्त को पार्टनर बनाया। जैसा कि हम जानते हैं कि मशरूम की खेती के लिए जानकारी का होना बहुत आवश्यक है। अतः जानकारी के अभाव में विकास वर्मा को शुरुआत में लगभग 15 लाख रूपये का घाटा उठाना पड़ा। इस घाटे से विकास वर्मा बहुत दुखी हुए और उन्हें पहले पड़ाव पर ही विफलता हाथ लगी लेकिन विकास वर्मा यही रुकने वाले नहीं थे। उन्होंने इस विफलता से बिना हतोत्साहित हुए अपनी मशरूम की खेती को आगे जारी रखा।
पहले प्रयास में असफलता हाथ लगने के बाद विकास वर्मा ने मशरूम की खेती से जुड़ी हुई जानकारियां अच्छे से प्राप्त की और वे आगे मशरूम की खेती करने लगे। आज विकास वर्मा अपनी काबिलियत और कठिन मेहनत से मशरूम की बेहतरीन खेती कर रहे हैं और वह 35 से 40 लाख रुपए कमा रहे हैं।
विकास वर्मा मशरूम की खेती में तो सफलता अर्जित कर ही ली है लेकिन उन्होंने इससे भी आगे का सोंचा और वे आज मशरूम से बिस्किट, चिप्स और ड्रिंक्स जैसे उत्पाद भी बना रहे हैं। इस तरह नॉर्मल मशरूम से प्रति किलो ₹700 की आय होती थी ऐसे में उनसे उत्पाद बनाकर 1 किलो के लगभग ₹8000 अर्जित कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रोसेस के बाद मिले ₹8000 में उन्हें लगभग ₹6000 की बचत हो जाती है।
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विकास वर्मा आज मशरूम की सफल खेती तो कर ही रहे हैं साथ में उन्होंने “वेदांता मशरूम” (Vendanta Mushroom) नामक एक एग्रो कंपनी (Agro Company) भी खोल रखी है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं और उन्होंने लगभग 30 महिलाओं को रोजगार भी दिया हुआ है। इन कार्यों के साथ विकास वर्मा अब तक लगभग 10,000 से भी अधिक लोगों को मशरूम की खेती (Mushroom Farming) के ट्रेनिंग दे चुके हैं।
मशरूम की खेती के पहले प्रयास में मिली हार के बाद विकास वर्मा ने जिस तरीके से उसे सफल खेती में तब्दील किया वह उन युवाओं के लिए बेहद प्रेरणा है जो असफलता के बाद अपना सफर रोक देते हैं या हतोत्साहित होकर अपना कदम डिगा देते हैं।