Wednesday, December 13, 2023

शिक्षक की विदाई पर रोने लगे बच्चे, शिक्षक भी नहीं रोक पाए आंसू, शिक्षक और विद्यार्थियों का अनूठा रिश्ता

ऐसा कहा जाता है कि एक अच्छे शिक्षक से हीं बच्चे का भविष्य संभलता है। यूँ कहें तो एक आदर्श शिक्षक का यह दायित्व बनता है कि वे अपने बच्चों को सही शिक्षा, प्रेरणा, सहनशीलता, व्यवहार में परिवर्तन तथा मार्ग दर्शक प्रदान करे, जिससे कि बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाया जा सके।

आमतौर पर आजकल के समय में ऐसे कम हीं शिक्षक हैं जो अपने इस दायित्व को बखूबी निभाते हो, लेकिन आज हम बात करेंगे एक ऐसे हीं शिक्षक की, जिन्होंने शिक्षक के रुप में बच्चों के दिल में अपनी एक ऐसी जगह बनाई है कि उनके तबादले के बाद उनके स्कूल के बच्चे फफक-फफक कर रोने लगे तथा कुछ भावुक भी नजर आएं। आईए जानते हैं आखिर उस शिक्षक में ऐसा क्या है…

कौन है वह शिक्षक?

हम बात कर रहे हैं शिक्षक शिवेंद्र सिंह (Shivendra Singh) के बारे में, जो कि पेशे से एक सरकारी शिक्षक हैं। वह उतर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चंदौली जिले के कम्पोजिट विद्यालय रतिगढ़ में नियुक्त थे, जहाँ वे बच्चों के पठन-पाठन का काम बहुत हीं अच्छे तरीके से किया करते थे। वह मूल रूप से उन्नाव के शुक्लागंज के रहने वाले हैं। उनका ट्रांसफर 12 जुलाई 2018 को कम्पोजिट विद्यालय रतिगढ़ में हुआ था।

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बच्चों से था खास लगाव

शिवेन्द्र सिंह (Shivendra Singh) को अपने स्कूल के बच्चों से खासी लगाव रहता था। वह बच्चों को खेल-कूद के दौरान भी कुछ न कुछ शिक्षा देने का हीं काम करते थे। वह जिस विद्यालय में पदस्थापित थे वो विद्यलाय पहले से पाँचवी कक्षा तक हीं था लेकिन जब सरकार के द्वारा उसे अपग्रेड करके आठवीं कक्षा तक किया गया तो उस समय नए पाठ्यक्रमों के हिसाब से उन्होंने अपने विद्यालय के बच्चों को अच्छे तरीके से पढ़ाने का काम किया। इस नेक काम के लिए हीं उस विद्यालय के बच्चे उन्हें एक अव्वल शिक्षक के रुप में जानते थे।

शिक्षक के तबादले से भावुक हुए बच्चे

ऐसे बहुत कम हीं मामले में देखने को मिलता है कि किसी शिक्षक या अन्य किसी भी विभागो में किसी भी अन्य कर्मियों के स्थानांतरण के बाद साथ में काम करने वाले लोग भावुक होते हो लेकिन खास बात यह है कि शिक्षक शिवेन्द्र सिंह के स्थानांतरण के बाद उनके स्कूल के बच्चें फफक-फफक कर रोते हुए नजर आए थे। इस बात की पुष्टि फेयर वेल पार्टी के वीडियो से भी होता है। रोते हुए स्कूली बच्चों को शिक्षकों के द्वारा यह कहके मनाया जाता है कि वह दोबारा भी उनसे मिलने आएंगे तथा इस तरह वह हमेशा बच्चों से मिलते रहेंगें।

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चारों तरफ है इसी बात के चर्चे

एक अच्छे और आदर्श शिक्षक के रूप में अपनी पहचान बना चुके शिवेंद्र सिंह की चर्चा उत्तर प्रदेश के साथ ही साथ भारत के अन्य राज्यों में भी हो रही है। सभी जगहों पर यही चर्चा हो रही है कि एक सरकारी शिक्षक होते हुए भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन भली-भाँति करने वाले शिक्षक बहुत कम हीं होते हैं।

लोगों के लिए बने प्रेरणा

एक आदर्श शिक्षक के सभी गुणों से परिपूर्ण यूपी के चंदौली जनपद के रायगढ़ में स्थित प्राथमिक विद्यालय के सहायक शिक्षक शिवेन्द्र सिंह (Shivendra Singh) काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने अपने कुशल व्यवहार के कारण विद्यालय के बच्चों के प्रति एक अच्छे शिक्षक के रुप में खुद को स्थापित किया है, इसके साथ ही साथ वह अन्य शिक्षकों के लिए भी प्रेरणा बने हुए हैं। छात्रों के प्रति उनके इस सहयोगात्मक प्रयास से अन्य विद्यालय के शिक्षकों को भी एक अच्छे शिक्षक के रुप में खुद को स्थापित करने की प्रेरणा मिली है।