Tuesday, December 12, 2023

व्हीलचेयर के जरिए करते हैं फूड डिलीवरी, दिव्यांगता को मात देकर देश के पहले व्हीलचेयर फूड डिलीवरी ब्वॉय बने

अगर कोई इंसान विपरीत परिस्थितियों में भी अपने हौसलें को बुलंद रखता हो तो उस इंसान के लिए दुनिया का कोई भी काम असंभव नहीं होता। आज हम एक ऐसे हीं इंसान की बात करेंगे, जिन्होंने अपने दिव्यांगता को अपनी हार नहीं बनने दी बल्कि इन परिस्थितियों में भी अपने हौसलें को बरकरार रखा और आज व्हीलचेयर पर फ़ूड डिलीवरी करके उन लोगों के लिए प्रेरणा बने हैं, जो हालातों का बहाना बनाकर काम से छुटकारा पाना चाहते हैं।

कौन हैं वह शख्स?

हम बात कर रहे हैं चेन्नई (Chennai) के रहने वाले गणेश मुरुगन (Ganesh Murugan) की, जिन्होंने अपने आत्मविश्वास को हमेशा जगाए रखा और कभी भी अपनी दिव्यांगता को अपनी कमजोरी नहीं बनने दी। आज वे व्हीलचेयर पर बैठकर फ़ूड डिलीवरी करते हैं और अपने खर्चों को निकालते हैं।

देश के पहले व्हीलचेयर फ़ूड डिलीवरी बॉय

बता दें कि, गणेश मुरुगन (Ganesh Murugan) देश के पहले व्हीलचेयर फ़ूड डिलीवरी बॉय हैं। आज के समय में लोग उनके कहानी को सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं। इनके कहानी को जानकर ज्यादातर लोगों ने यह प्रतिक्रिया दी है कि बहुत सारे लोग अपनी शारीरिक अक्षमता के कारण भीख मांगना शुरू कर देते हैं लेकिन गणेश ने ऐसा करना सही नहीं समझा। उन्होंने अपने खर्चों को निकालने के लिए व्हीलचेयर पर फ़ूड डिलीवरी करना शुरू कर दिया।

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आईपीएस ऑफिसर दीपांशु काबरा ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया गणेश मुरुगन की कहानी

गणेश मुरुगन (Ganesh Murugan) के प्रेरणादाई कहानी को आज के समय में हर कोई शेयर कर रहा है। वहीं आईपीएस ऑफिसर दीपांशु काबरा ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से गणेश मुरुगन के कहानी को शेयर किया है।

बता दें कि, आईपीएस ऑफिसर दीपांशु काबरा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर गणेश की एक तस्वीर शेयर किया तथा लिखा कि, “मिलिए भारत के पहले व्हीलचेयर फूड डिलीवरी बॉय गणेश मुरुगन से, वो अपनी व्हीलचेयर पर फ़ूड डिलीवरी करते है। चेन्नई के दिव्यांग गणेश मुरुगन ने परिस्थितियों से समझौता किए बगैर रास्ता निकाला और आत्मनिर्भरता की राह थामी। वे उन सभी के लिए प्रेरणा हैं जो मुसीबतों से लड़ने की जगह झुक जाते हैं।”

IIT मद्रास में एक स्टार्ट-अप द्वारा डिजाइन किया गया है व्हीलचेयर

आईपीएस ऑफिसर दीपांशु काबरा ने बताया कि IIT मद्रास के एक स्टार्ट-अप ने गणेश के व्हीलचेयर को डिजाइन किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि, यह व्हीलचेयर दो हिस्सों में बांटा हुआ है यानी यह टू-इन-वन मोटर चालित व्हीलचेयर है। इसके एक बटन को दबाने पर अलग किया जा सकता है तथा इसका पिछला हिस्सा एक साधारण व्हीलचेयर में भी बदल जाता है।

कैसा काम करता हैं वह व्हीलचेयर

दीपांशु काबरा ने बताया कि IIT मद्रास के इस स्टार्ट-अप ने अब तक 1300 व्हीलचेयर तैयार किए है। इस व्हीलचेयर को चार्ज करने में 4 घंटे का समय लगता है और जब यह एक बार चार्ज हो जाती है तो 25 किमी का सफर आसानी से तय करती है।